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जलविहार में जल भरे या विषैले जीव आये, क्या फर्क पड़ता है -शासन को सिर्फ टैक्स चाहिए - 29-Jul-2020

 

राजधानी में 1 घंटे की बारिश से अनेक बस्तियां जलमग्न हो गई, जल विहार कॉलोनी के घरों में पानी भरने का रिकॉर्ड टूट गया, जहां पिछले सालों तक तेलीबांधा तालाब के पिछले हिस्से में 2 फीट पानी होता था वहां इस बार 4 फीट तक पानी भर गया | नगर निगम और जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस दौरान वहां सहायता के लिए नहीं पहुंचा | लोग अपने घरों में सामान खराब होते अपनी आंखों से देखते रहे, मजबूर थे कि सामान को उठाकर कहां ले जाएं | पलंग, फ्रीज, टेबल - कुर्सी सब कुछ पानी में आधा आधा डूब गया |

जल विहार कॉलोनी, श्याम नगर, सीजी 24 न्यूज़ चैनल के कार्यालय, सुलभ शौचालय वाली गली एवं तालाब के पीछे सागर किराया भंडार सहित अनेक घरों में दो से ढाई फीट तक पानी भर गया|

 

ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन सिर्फ टैक्स वसूलने के लिए ही बना है, लोगों की मुख्य मुसीबतों, समस्याओं का निराकरण करने के बदले नगर निगम, स्मार्ट सिटी कार्यालय एवं अन्य सभी शासकीय संस्थाएं सड़कों के किनारे सौंदर्यीकरण, चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण, फुटपाथ, जिम, गार्डन के अलावा बिना वजह के स्काईवॉक, ऑक्सीजोन जैसी कम उपयोगी जरूरतों पर अरबों खरबों खर्च करते हैं | परंतु मूलभूत समस्याओं, जलभराव से लोगों को बचाने मैं शासन-प्रशासन आज तक सफल नहीं हो पाया है |

पिछले 25 वर्षों से देखने में आ रहा है कि राजा तालाब अरमान नाला, जल विहार कॉलोनी तेलीबांधा, टिकरापारा , अवंति विहार विजय नगर, पंडरी गांधी नगर, जैसी शहर की अनेक निचली बस्तियां, मोहल्ले हरसाल बरसात में पानी भराव की गंभीर समस्या से जूझते हैं और लाखों का नुकसान उठाने मजबूर हैं - परंतु शासन प्रशासन उनकी सुध लेने नहीं आता |

 



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