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इस बार दो दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा की विधि तक सबकुछ 11-Aug-2020

12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है. पूजा की अवधि 43 मिनट है.

हिंदू धर्म में मान्यता है कि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था. इसीलिए हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 11-12 अगस्त यानी दो दिन मनाया जाएगा. हालांकि, ज्योतिषों का कहना है कि 12 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाना ज्यादा अच्छा रहेगा. इस रात आप बाल-गोपाल की पूजा करत सकते हैं. मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है. इस दिन लोग उपवास रखते हैं साथ ही भजन-कीर्तन भी किए जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे पूजा का समय से लेकर शुभ मुहूर्त तक, साथ ही क्या है पूजा की विधि...

 

क्या है शुभ मुहूर्त?
जन्माष्टमी के दिन रात को पूजा करने का समय सही होता है. क्योंकि, भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को ही हुआ था. 12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है. पूजा की अवधि 43 मिनट है.

 

पूजा की विधि
पूजा से पहले स्नान जरूर करें. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा का विधान है. पूजा करने से पहले भगवान को पंचामृत और गंगाजल से स्नान जरूर करवाएं. स्नान के बाद भगवान को वस्त्र पहनाएं. ध्यान रहें कि वस्त्र नए हो. इसके बाद उनका श्रृंगार करें. भगवान को फिर भोग लगाएं और कृष्ण आरती गाएं.

 

वस्त्र खरीदते समय ध्यान दें
आपको ध्यान देना है कि भगवान कृष्ण के लिए आपने जो वस्त्र खरीदे हैं वो नए ही हो. अक्सर दुकानदार पुराने कपड़ों को ही नया बताकर बेच देते हैं. इस बात का आपको जरूर ध्यान रखना है.



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