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कृषि बिलों के खिलाफ आज भारत बंद का ऐलान....पूरे देश में सड़कों पर उतरेंगे किसान...जानें प्रदर्शन की खास बातें 25-Sep-2020
संसद में पास हुए कृषि से जुड़े तीन विधेयकों का विरोध अब सड़कों पर जोर पकड़ने लगा है। कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज यानी शुक्रवार (25 सितंबर) को भारत बंद बुलाया है। किसानों के इस भारत बंद में पंजाब, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों के किसान शामिल होने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान यूनियनों ने ऐलान किया है कि इस बिल के खिलाफ वे आज चक्का जाम करेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है। बताया जा रहा है कि भारत बंद के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि चक्का जाम मेंपंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत पूरे देश के किसान संगठन एकजुट होंगे। वहीं, दूसरी ओर पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन भी जारी है। गुरुवार यानी 24 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक यह रेल रोको आंदोलन चलेगा। इस आंदोलन के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया है। इतना ही ही नहीं, रेलवे ने आंदोलन के मद्देनजर 26 ट्रेनों का परिचालय 26 सितंबर तक रद्द कर दिया है। जिन ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया है, वे हैं- गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई मध्य), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाइगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोना वायरस से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि नागरिकों को किसी तरह की दिक्कतें न हों और आंदोलन के दौरान जान-माल को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होना चाहिए।


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