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विकास कार्यों के लिए एसईसीएल पर निर्भर है बिलासपुर - क्यों ? 25-Sep-2020
विकास कार्यो के लिए राज्य सरकार के बजाय एस ई सी एल पर निर्भरता क्यों? बिलासपुर जिला चल रहा एस ई सी एल के भरोसे। बिलासपुर के महापौर ने एस ई सी एल से मांगे सीएसआर मद में मांगे डेढ़ करोड़ रुपये बिलासपुर नगर निगम के पास नही है अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए राशि बिलासपुर : शहर के तीन मुक्तिधाम में इलेक्ट्रिक शवदाह मशीन लगने का प्रस्ताव महापौर के निर्देश पर तैयार किया गया है पर इसे लगाने हेतु राज्य सरकार से पैसे नही मांगे जा रहे | महापौर द्वारा एसईसीएल के सीएसआर मद से एक करोड़ 50 लाख रुपये की मांग से संबंधित पत्र लिखा गया है , सीधे शब्दों में कहा जाए तो बिलासपुर नगर निगम के पास जैसे पैसे ही ना हों औऱ यदि नही है तो राज्य सरकार से प्राप्त करने के बजाय SECL पर निर्भरता दिखाना सोचनीय विषय है | आखिरकार इतनी बड़ी राशि बिना किसी फायदे या कारण क्यों SECL बिलासपुर निगम को क्यों देगा | यहां यह उल्लेख करना भी अति आवश्यक है की एसईसीएल बिलासपुर और कोरबा पर ही अपने सीएसआर मद के पैसे क्यों खर्च कर रहा है ? - छत्तीसगढ़ के बाकी 28 जिलों पर यह राशि क्यों खर्च नहीं की जा रही - इसी योजना की स्वीकृति के संबंध में निगम ने SECL को पत्र लिखा है। और कारण मुक्तिधाम में शव की बढ़ती संख्या और अंतिम संस्कार को लेकर बन रही विवाद की स्थिति को बताया है । ये मशीने भारतीय नगर,तोरवा व सरकंडा मुक्तिधाम में मशीन लगने है। महापौर रामशरण यादव ने इलेक्ट्रिक मशीन लगाने का जो निर्णय लिया है।उसमे एक मशीन की लागत 50 लाख रुपये की है। लिहाजा तीन मशीनों के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी जिसके लिए महापौर ने एसईसीएल के सीएमडी से सीएसआर मद से राशि स्वीकृत करने की मांग की है और कारण जनता हित बताया है | कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में संक्रमितों के अलावा सामान्य मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ना औऱ मुक्तिधाम में परिजनों को मृतक के दाह संस्कार को लेकर दिक्कतों का सामना करना कारण बताया है । अब यदि SECL इनके प्रस्ताव को स्वीकृति नही देती है तो क्या महापौर को तब भी ये समस्या दिखेगी और वो इसके लिए राज्य शासन से मांग करेंगे ? या स्वीकृति न मिलने की स्थिति में लोगो की परेशानी ठंडे बस्ते में डाल देंगे। अभी हाल में कोरोना को ही लेकर शहर विधायक ने 15 लाख रुपये एम्बुलेंस के लिए मांगे है जिस पर उन्हें सहमति भी मिल गई है। आखिरकार क्या कारण है जो बिलासपुर के जनप्रतिनिधियों को एसईसीएल एनटीपीसी और बालको पर निर्भर होना पड़ रहा है | प्रदेश में उनकी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद वे मुख्यमंत्री से किसी प्रकार की सहायता प्राप्त करने में असमर्थ क्यों हैं ? . मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर


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