State News
संविधान मेरी जेब में - 29-Sep-2020
संविधान के पालन के लिए अधिकारी दोहरा मापदंड क्यों अपनाते हैं ? 
विपक्ष भी विज्ञप्ति तक सीमित - क्यों नहीं करवाते एफआईआर ? -
 
लॉकडाउन समाप्ति की घोषणा और अनलॉक के पहले ही दिन सत्तारूढ़ कांग्रेस दल ने जो रैली निकाली उससे यही लगता है कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ अनलॉक ही नहीं बल्कि राजधानी में करोना समाप्ति की घोषणा भी हो जानी चाहिए थी |
कांग्रेस की राजीव भवन से राजभवन के कार्यक्रम के रैली - प्रदर्शन के फोटो वीडियो इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं -
लोगों को शादियों के लिए और श्मशान घाट जाने के लिए 50 और 20 लोगों की बाध्यता परंतु सत्तारूढ़ सरकार के कार्यक्रम के लिए कोई कायदा - कानून कोविड-19 की गाइडलाइन नहीं |
हम आपको यह बता दें कि यह सब सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं हो रहा है, हर प्रदेश में वहां की सत्तारूढ़ सरकार इसी तरह आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर अपनी राजनीतिक रोटी सेक रही हैं |
अपने परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु पर रिश्तेदार, सगे संबंधियों सहित पड़ोसियों को रोने तक की परमिशन नहीं है - अंतिम दर्शन नहीं किए जा सकते और अपने हाथों से अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने पर भी प्रतिबंध है |
वहीं दूसरी तरफ जन्मदिन, शादी - सगाई जैसे कार्यक्रमों के लिए बड़ी कोशिशों के बाद मिली इजाजत में 50 लोगों से ऊपर एकत्रित होने पर कानूनी डंडा और सख्त कार्रवाई करने की हिदायत लिख कर दी जाती है |
मध्य प्रदेश बिहार में चुनावी सरगर्मियां के बीच आए दिन रैली प्रदर्शन आम बात है, जिसमें कानून का पालन करवाने वाले मुखिया, उनकी सरकार के मंत्री, अधिकारी स्वयं कानून का उल्लंघन करते खुलेआम नजर आते हैं और जनता बेबस है, करे भी तो क्या करें ? -जाए भी तो किसके पास अपना दुखड़ा रोने ? -
घर पर रहो सुरक्षित रहो | नारा सिर्फ टैक्स पटाने वाले आम नागरिकों के लिए है - आया समझ में


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