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पुलिस महानिदेशक डीजीपी के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर 29-Sep-2020
पुलिस महानिदेशक डीजीपी के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर जिला कोरिया मैं पुलिस विभाग के रक्षित पद पर पदस्थ विक्रम बघेल की याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा दिए फैसले का नियत समय के भीतर निराकरण न किए जाने के कारण विक्रम बघेल की याचिका पर छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी के विरुद्ध हाई कोर्ट बिलासपुर में अवमानना याचिका दायर की गई | उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई लॉकडाउन समाप्त होने पर उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी | शुभम विहार बिलासपुर निवासी विक्रम बघेल जिला कोरिया में पुलिस विभाग में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं विक्रम बघेल की पत्नी भी जिला कवर्धा में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं, क्योंकि उनका ढाई वर्ष का एक छोटा पुत्र है जिसकी देखभाल उचित तरीके से ना हो पाने के कारण पूर्व में विक्रम बघेल द्वारा डीजीपी रायपुर के समक्ष आवेदन पेश कर उसका जिला कवर्धा में स्थानांतरण किए जाने की मांग की थी |उक्त मांग को स्वीकार कर डीजीपी रायपुर द्वारा सितंबर 2019 में विक्रम बघेल का स्थानांतरण जिला कवर्धा कर दिया गया, परंतु इसी दौरान माह जुलाई में डीजीपी रायपुर द्वारा उक्त स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर विक्रम बघेल का स्थानांतरण जिला गौरेला, पेंड्रा - मरवाही कर दिया गया |स्थानांतरण आदेश से क्षुब्ध होकर विक्रम बघेल द्वारा हाई कोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पांडे के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई | अधिवक्ता अभिषेक पांडे द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा 27 जून 2019 को जारी स्थानांतरण नीति के पैरा नंबर 2.11 के तहत यदि कोई पति पत्नी दोनों छत्तीसगढ़ शासन के अधीन किसी विभाग में शासकीय सेवा में कार्यरत हैं तो उनके अनुरोध पर सदभावना पूर्वक विचार करते हुए प्रशासनिक सुविधा एवं जनहित के आधार पर उनका एक ही जिले में एक ही स्थान पर पदस्थापना का प्रयास किया जाएगा और जब तक कोई ठोस कारण ना हो उनका आवेदन खारिज नहीं किया जाएगा, इसके साथ ही सचिव छत्तीसगढ़ शासन गृह विभाग रायपुर द्वारा जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया कि जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में रक्षित निरीक्षक का कोई पद स्वीकृत ही नहीं है | उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात रिट याचिका को स्वीकार कर पुलिस महानिदेशक डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी को यह निर्देशित किया गया था कि वह छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्मित स्थानांतरण नीति के पैरा 2. 11 के तहत नियमानुसार 45 दिन के अंदर आवेदक के अभ्यावेदन का नियम अनुसार निराकरण करें| 45 दिन की समय अवधि बीत जाने के पश्चात एवं याचिकाकर्ता विक्रम बघेल द्वारा लगातार पुलिस मुख्यालय का चक्कर लगाने के बावजूद भी पति-पत्नी का एक ही स्थान पर स्थानांतरण नहीं हुआ |


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