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गांव की नाबालिग लड़की से अपहरण व दुष्कर्म का मामला - थाना प्रभारी पर गंभीर मामले को रफा दफा करने का आरोप 30-Oct-2020

बल्लभगढ़ हरियाणा की निकिता तोमर हत्याकांड का रूप ले सकती हैं ऐसी घटनाएं -

*नाबालिग अनुसूचित जाति की लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म का मामला*

*थाना प्रभारी द्वारा मामले को रफा दफा किया गया - परिजन*

पीड़ित नाबालिग युवती का बयान आरोपियों और पुलिस की मौजूदगी में ?

पुलिस द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही का आरोप - पीड़ित परिवार द्वारा न्याय की गुहार 

मुंगेली : छत्तीसगढ़ में  मुंगेली जिले के पथरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव की नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है, परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए आरोपियों को बचाने का भरपूर प्रयास किया है - घटना के बाद युवती का परिवार लगातार थाने में शिकायत दर्ज कराने और f.i.r. की मांग करता रहा परंतु थानेदार सुरेंद्र मिश्रा ने अपनी वर्दी का रौब दिखाकर पीड़ित युवती के परिवार को धमकाते हुए मामला दर्ज नही किया |

पीड़ित नाबालिग युवती के परिवार के अनुसार 8 सितंबर 2020 को दिन में लगभग 11:00 बजे रवि मसीह एवं उसके साथी नाबालिक युवती को घर के बाहर से अपहृत कर जबरदस्ती ले गए, परिवार को जानकारी मिलने पर उसी दिन दोपहर बाद थाने में लिखित शिकायत कर दुष्कर्म करने एवं अपहरण करने वालों पर जुर्म दर्ज कर बेटी की तलाश की मांग परिजनों ने की - लेकिन मुंगेली पुलिस द्वारा जुर्म दर्ज ना कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जा रहा है | थाना प्रभारी द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर थाना प्रभारी ने अपहृत लड़की को बालिग बताकर एफ आई आर करने से इंकार कर दिया और युवती के परिवार वालों को धमकाया कि युवती को युवक के हवाले कर दें, जबकि अपहृत नाबालिग युवती अपने परिवार के साथ घर जाना चाहती थी परंतु थाना प्रभारी उसे युवक के साथ जाने दबाव डालते रहे| थाना प्रभारी सुरेंद्र मिश्रा की धमकी चमकी से डरकर युवती का परिवार मुंगेली एसपी के पास मौखिक शिकायत करने गया परंतु पुलिस अधीक्षक ने भी लिखित शिकायत लेकर आने की बात कही, परिवार की लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने परिवार को थाने जाकर उन्हें शिकायत दर्ज कराने भेजा, परंतु थाना प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक के आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया और युवती के पिता एवं भाई को गाली गलौज करते हुए मारपीट की और ज्यादा नेतागिरी करते हो इधर उधर जाते हो कहकर गुस्सा दिखया | मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच जाने के बाद थाना प्रभारी ने लड़की को बालिका गृह बिलासपुर भेज दिया |परिवारिक जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी ने परिवार को बिना सूचना दिए नाबालिक पीड़ित युवती का दबाव पूर्वक बयान थाना सहित सीडब्ल्यूसी में करवाया तथा 14 सितंबर को परिवार की बिना जानकारी मुंगेली कोर्ट में पेश कर मजिस्ट्रेट बयान भी करवा लिया | नियमानुसार 164 के तहत बयान के दौरान परिवार को जानकारी देना आवश्यक होता है, साथ ही बयान के दौरान पुलिस एवं परिवार सहित आरोपियों की उपस्थिति प्रतिबंधित रहती है | 164 का बयान मजिस्ट्रेट के बंद कमरे में मजिस्ट्रेट द्वारा दिए जाने का प्रावधान है | पीड़ित नाबालिक युवती ने बताया की थाना प्रभारी महिला पुलिस आरोपियों की उपस्थिति में उसका बयान दबाव पूर्वक लिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है |

पीड़ित नाबालिग युवती ने २२ अक्टूबर २०२० को पुलिस अधीक्षक मुंगेली से लिखित आवेदन देकर बताया कि मुंगेली न्यायालय में चारों आरोपियों ने दबाव डालकर मेरी इच्छा के विरुद्ध बयान करवाया है - मेरा पुनः न्यायालयीन बयान और मेडिकल करवाया जाए एवं आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कि जाय

 

पीड़ित नाबालिक युवती के परिवार ने सीजी 24 न्यूज़ से चर्चा करते हुए बताया की सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित सीडब्ल्यूसी के चक्कर काटने के बाद अंततः 5 अक्टूबर 20 को सीडब्ल्यूसी ने हमारी बच्ची को 28 दिनों बाद बिलासपुर से जाकर लाने का आदेश जारी किया | परंतु आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है ना ही जुर्म दर्ज किया गया है |

अब सवाल यह उठता है कि नाबालिग युवती एवं उसके परिवार द्वारा नाबालिग के अपहरण एवं दुष्कर्म की बार-बार नामजद शिकायत करने के बावजूद पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज नहीं करना अपराध को बढ़ावा देना नहीं है तो क्या है ? ऐसी ही घटनाएं भविष्य में बल्लभगढ़ हरियाणा की निकिता तोमर हत्याकांड का रूप ले सकती हैं |

इस पूरे मामले में पीड़ित नाबालिग युवती एवं उसका परिवार जगह जगह फरियाद कर रहा है परंतु उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही, यहां यह बताना भी जरूरी है कि पीड़ित नाबालिग युवती अनुसूचित जाति की है | आरोपी रवि मसीह, आशीष मसीह, जय मसीह और त्रिलोक पात्रे बिंदास घूम रहे हैं | थाना प्रभारी द्वारा अपने पद का गलत प्रयोग करते हुए नियमो को ताक में रख कर बयान करवाना एक पक्षीय कार्यवाही और आरोपी से मिली भगत की ओर इशारा करती है । अपहरण व दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध पर शिकायत दर्ज करवाने जब उच्च अधिकारियों के पास जाना पड़े तो सोचनीय विषय है आखिरकार किन कारणों व परिस्थितियों को मद्दे नजर रखते हुए थाना प्रभारी द्वारा अपराध पंजीबद्ध करना तो दूर शिकायत पर जांच करना भी जरूरी नही समझा गया उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप होने पर कार्यवाही तो हुई पर एक पक्षीय - पीड़ित नाबालिग युवती एवं परिवार को न्याय का इंतजार |



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