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गुरु नानक देव का कहना था कि भगवान एक है और भगवान सभी जगह पर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर आज उन्हें श्रद्धांजलि दी और कामना की कि उनके विचार समाज की सेवा करने के लिए, बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए सभी को प्रेरित करते रहें. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "मैं इस प्रकाश पर्व पर गुरु नानक देव जी को नमन करता हूं. उनके विचार हमें समाज की सेवा करने और एक बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते रहें.
देशभर में आज गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है. हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं. कहा जाता है कि बचपन से ही गुरु नानक देव का आध्यात्मिकता की तरफ काफी रुझान था और वह सत्संग और चिंतन में लगे रहते थे.
30 साल की उम्र तक गुरु नानक देव का ज्ञान परिपक्व हो चुका था और परम ज्ञान हासिल होने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन सत्य का प्रचार किया. गुरु नानक देव की जयंती को सिख धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा से प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के तौर पर मनाते हैं. कहा जाता है कि ईश्वर की तलाश की खातिर गुरु नानक ने 8 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ दिया था.
गुरु नानक देव का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की तरफ होने के कारण उन्होंने सांसारिक कामों से दूरी बना ली थी. वे लगातार ईश्वर और सत्संग की तरफ रुचि लेने लगे थे. ईश्वर के प्रति गुरु नानक का समर्पण काफी ज्यादा था, जिसके कारण लोग उन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे. गुरु नानक जयंती यानी प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही अलग-अलग जगहों पर लंगर भी लगाए जाते हैं.
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