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*पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर पूरे देश में गहरी नाराजगी : मोहन मरकाम* 30-Nov-2020
*मोदी के मित्रों ने पेट्रोल -डीजल में मुनाफाखोरी कर 25 हजार करोड़ कमायें* *कोरोना और बेरोजगारी झेल रहे देश पर महंगाई की मार बर्दाश्त से बाहर* *पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर पूरे देश में गहरी नाराजगी : मोहन मरकाम* रायपुर/30 नवंबर 2020। पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामो के विरोध में मोदी सरकार की आर्थिक लूट पर तंज कसते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ायें गये और अब पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज मोदी सरकार वृद्धि कर रही है जिससे महंगाई भी बढ़ रही है। बिहार चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार एक सप्ताह से रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रही है। मोदी के मित्रों ने बीते तीन माह में पेट्रोल-डीजल में मुनाफाखोरी से 25 हजार करोड़ रूपयें कमायें। केंद्र की भाजपा सरकार देशवासियों से मुनाफाखोरी व जबरन वसूली की हर रोज नई मिसाल पेश कर रही है। देश की जनता का खून चूसकर अपना खजाना भरना कहां तक सही या तर्कसंगत है। मोदी सरकार “जबरन वसूली“ की सब हदें पार कर गई। पहले तो मोदी सरकार ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ें जायेंगे लेकिन यह दावा भी मोदी सरकार के अन्य दावों की तरह झूठ निकला। पेट्रोल-डीजल के महंगे दामों की मार गरीब आदमी और मध्यम वर्ग झेल रहा है। डीजल का उपयोग सिंचाई पंपों में और ट्रेक्टर से खेतों की जुताई हारवेस्टर द्वारा फसल मिसाई जैसे कृषि कार्यों में होता है। डीजल महंगा होने के कारण खेती की लागत बढ़ गयी है। किसान के धान का दाम केन्द्र सरकार ठीक से बढ़ाती नहीं और महंगाई बढ़ाती जा रही है। डीजल महंगा होने से परिवहन की लागत बढ़ गयी है। अनाज सब्जी हर वस्तु के दाम बढ़े है। आम उपभोक्ता महंगाई से त्रस्त है। गृहणियों के घर का बजट बिगड़ गया है। रसोई गैस सिलेंडर भी लगातार महंगे होते जा रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 130 करोड़ भारतीय कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। बेरोजगारी के समय में रोजी-रोटी की मार झेल रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और संकट के इस समय में भी जनविरोधी केंद्र की भाजपा सरकार देशवासियों की खून पसीने की कमाई डीजल-पेट्रोल का दाम बढ़ाकर लूटने में लगी है। आज कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। उनका लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है। विपदा के समय इस प्रकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक अराजकता’ है। कोरोना महामारी व गंभीर संकट के इस काल में पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं, पर मोदी सरकार इसके ठीक विपरीत काम कर रही है। कड़वा सच तो यह है कि आज भारत में तेल पर 70 प्रतिशत टैक्स। जबकि अमेरिका में 19 प्रतिशत, जापान में 47 प्रतिशत, ब्रिटेन में 62 प्रतिशत, फ्रांस में 63 प्रतिशत, और जर्मनी में 65 प्रतिशत टैक्स है। पूरी दुनिया में भारत पेट्रोल-डीजल में सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाला देश बन चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का रेट 40 डॉलर प्रति बैरल मतलब 20 रुपए लीटर है, यह रिफाइन होने के बाद पेट्रोल 24.62 पैसे, और डीजल 26 रुपए पड़ रहा है। लेकिन मोदी की सरकार ने आज पेट्रोल 80.53 पैसे और डीजल का दाम 80.83 पैसे है। गौर करने वाली बात यह है कि इन 23 दिनों में 22 बार रेट बढ़े है। ऐसे ही क्रूड आइल के दाम 2004 में हुआ था तब यूपीए की सरकार ने डीजल 24.16 पैसे और पेट्रोल 36.81 पैसे बेचा था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मांग की है कि घटे हुए अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए और पेट्रोल-डीजल-एलपीजी गैस की कीमतों को 2004 के स्तर पर लाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज देश का हर एक व्यक्ति कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। साथ-साथ बेरोजगारी से लड़ रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमईआई) यह दावा करती है कि अप्रैल के तीसरे हफ्ते में देश में बेरोजगारी दर 26.2 प्रतिशत पहुंच गई है। आकलन है कि अब तक देश में 14 करोड़ लोग अपना काम गंवा चुके हैं। देश के युवाओं को 2 करोड़ रोजगार हर साल के अनुसार 6 साल में 12 करोड़ रोजगार मिलने थे। लेकिन हुआ ठीक उल्टा बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक 27 प्रतिशत तक पहुंच गयी। ऐसे समय देश में आम उपभोक्ता, गृहणी और किसान भाइयों को मोदी जी के मित्रों की मुनाफाखोरी की कीमत चुकानी पड़ रही है।


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