State News
सरदार भगत सिंह का जैसा विशाल व्यक्तित्व, वैसी विशाल प्रतिमा 13-Jan-2021

सरदार भगत सिंह का जैसा विशाल व्यक्तित्व था वैसी विशाल प्रतिमा यहाँ बनाई गई है। आज यहाँ आकर शहीदों की प्रतिमा देखकर, उनके बलिदान का स्मरण कर मन गौरव से भर गया। यह बात मुख्यमंत्री ने सरदार भगत सिंह की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कही। सरदार भगत सिंह की यह प्रतिमा देश में सबसे ऊंची और गन मेटल से बनी हुई है। 

    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित लाइट एंड साउंट शो भी देखा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरी आजादी की लड़ाई इस शो में दिखाया गया, जो बहुत अच्छा प्रयास है। इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह वैचारिक रूप से बहुत मजबूत थे, उन्होंने साम्राज्यवादी ताकतों से माफी नहीं माँगी। हंसते-हंसते फांसी में झूल गए। उन्होंने युवाओं को कहा कि भगत सिंह ने 16 साल की उम्र में लेख लिखने शुरू किये। इस आयु के उनके लेखों में इतनी परिपक्वता दिखती है कि आश्चर्य होता है कि इतनी कम उम्र में इतनी वैचारिक प्रखरता कैसे हासिल हुई। केवल 23 साल की उम्र में शहीद हुए और फांसी के फंदे की ओर जाते हुए भी उनके चेहरे में मुस्कान थी। उन्होंने साम्राज्यवादी ताकतों के विरुद्ध लड़ाई की थीं। ऐसी ताकतें जिनके साम्राज्य में सूरज अस्त नहीं होता था और उन्होंने अपनी वैचारिक प्रखरता से पूरे साम्राज्य की नींव हिला दी। 
     भूपेश बघेल ने इस सुंदर संकल्पना पर मुहर लगाई और इस कार्य के लिए मार्गदर्शन दिया। जिसकी वजह से यह अद्भुत कार्य पूरा हो पाया। उन्होंने कहा कि नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया का भी इसमें बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पूर्व में हम ‘‘मुझ में है भगत सिंह‘‘ कार्यक्रम करते थे, आज यह बड़ा कार्यक्रम संपन्न हुआ। विधायक  देवेंद्र यादव ने कहा कि जब हमने सरदार भगत सिंह के नाम पर शहीद पार्क बनाने का विचार किया तो मुख्यमंत्री ने इस पर न सिर्फ तत्काल सहमति दी बल्कि इस काम को तेजी से आगे बढ़ाने को कहा। इस अवसर पर दिल्ली से  नीरज कुंदन ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भगत सिंह वैचारिक रूप से बहुत प्रखर थे और अपने विचार से इन्होंने साम्राज्यवाद की जड़ें मिटा दीं। सभा को एमआईसी सदस्य  नीरज पाल ने भी संबोधित किया।

    इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री  मोहम्मद अकबर एवं गृह मंत्री म्रध्वज साहू भी उपस्थित थे। उन्होंने इस उल्लेखनीय कार्य के लिए निगम टीम को बधाई दी। गौरतलब है कि इस पार्क में 1270 शहीदों के नाम भी अंकित किए गए हैं, जो छत्तीसगढ़ के है। जिन्होंने प्रदेश में और देश भर में शहादत दी है। यहां झीरम में शहीद जनप्रतिनिधियों के नाम भी अंकित किये गये हैं।



RELATED NEWS
Leave a Comment.