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उद्योग लगाने वालों को मिलेगा सब्सिडी का लाभ: कृषि मंत्री श्री चौबे 20-Jan-2021

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति देश में सबसे बेहतर: उद्योग मंत्री श्री लखमा

उद्योग विभाग द्वारा बेमेतरा मे ‘‘उद्यम समागम‘‘ का आयोजन

 प्रदेश के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जलसंसाधन मंत्री  रविन्द्र चौबे के मुख्य आतिथ्य एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री 

कवासी लखमा की अध्यक्षता मे, आज बेमेतरा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगांे को बढ़ावा देने हेतु वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला ‘‘उद्यम समागम‘‘ का आयोजन किया गया। विशिष्ट अतिथि के रुप मे विधायक बेमेतरा  आशीष कुमार छाबड़ा एवं विधायक बीजापुर विक्रम मण्डावी उपस्थित थे।  

    कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि कृषि प्रधान बेमेतरा जिल में कृषि आधारित उद्योग लगाने की काफी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार द्वारा फल-फूल, सब्जी एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को अधिकाधिक प्रोत्साहन देने के अनेक प्रावधान किये गये है। जिसकी जानकारी आज कार्यशाला के माध्यम से दी जा रही है। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि आदिवासी बहुल जिलों की भांति बेमेतरा जिले मे यदि कोई उद्यमी अपना उद्योग स्थापित करना चाहते है, उन्हें सरकार द्वारा सबसिडी दी जायेगी। उद्यमियों के लिए यह सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा औद्योगिक हॅब बन सकता है। छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए अनुकूल महौल है। यहां के लोग परिश्रमी है। छत्तीसगढ़ में पानी, खनिज, ऊर्जा एवं कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। उन्होने कहा कि कोरोना संकट के काल में माह सितम्बर में छत्तीसगढ़ में 23 प्रतिशत जीएसटी का संग्रहण हुआ, यह अपने आप में एक कीर्तिमान है।

     वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे प्रदेश सरकार द्वारा एक नयी औद्योगिक नीति बनाई गई है। जिससे प्रदेश का समावेशी विकास एवं युवा आत्मनिर्भर हो सके। राज्य में उद्योग, निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में नयी औद्योगिक नीति बनायी गयी है, जो हिन्दुस्तान की सबसे अच्छी उद्योग नीति है। श्री लखमा ने कहा कि हमने देश के अन्य राज्य आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात की उद्योग नीति देखी है, उनसे बेहतर छत्तीगसढ़ की उद्योग नीति है। बेमेतरा एक मैदानी जिला है, जो-जो उद्यमी यहां अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हैं उन्हंे आदिवासी बहुल बस्तर की भांति सबसिडी का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गौठान को आजीविका के केन्द्र के रुप में विकसित कर रही है। महिला स्व-सहायता समूहों को गौठान गतिविधियों से जोड़कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

    विधायक बीजापुर मण्डावी ने कहा कि उद्यम समागम का लाभ बेमेतरा जिले वासियों को मिलेगा। भविष्य में उद्योग स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को स्व-रोजगार मिलेगा। कार्यशाला के आयोजन के लिए उन्होंने उद्योग विभाग को बधाई दी। विधायक आशीष छाबड़ा ने कहा कि बेमेतरा एक नया जिला है, यहां उद्योग धंधे की असीम संभावना है। उद्योग के लिए यहां स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है। बेमेतरा जिले में कृषि आधारित उद्योग लगने लगने से लोगों की स्थिति में बदलाव आएगा। 

    उद्योग विभाग के अपर संचालक प्रवीण शुक्ला ने भी संबोधित किया। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक कमल सिंह मीणा ने बताया कि जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क हेतु कुल 118.41 हेक्टेयर भूमि उद्योग विभाग मिल चुकी है। ग्राम-चंदनू में प्रथम चरण में 60 एकड़ भूमि पर फूडपार्क निर्माण के लिए प्लॉन तैयार किया जा रहा है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु भूमि आबंटन, उद्योग स्थापना की प्रक्रिया एवं नियमों संबंधी जानकारी कार्यशाला में दी गई। सीआईटीकोन रायपुर से आये  प्रसन्न निमोनकर ने पॉवरपाईंट प्रजेंटेशन के जरिए उद्योग स्थापना के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक  दिव्यांग कुमार पटेल, अपर कलेक्टर  संजय कुमार दीवान, एएसपी  विमल कुमार बैस के अलावा सर्वश्री बंशी लाल पटेल, अवनीश राघव, टीआर जनार्दन, ललित विश्वकर्मा सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।



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