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हमारी जो पॉलिसी है उसको भारत सरकार को अडॉप्ट कर लेना चाहिए - भूपेश बघेल मुख्यमंत्री 22-Jan-2021
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से की चर्चा* *आपका दिल्ली जाना हो रहा है?* कुछ वरिष्ठ नेताओं से भेंट और मुलाकात है जिस पर जाना हो रहा है। *राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए समय चयनित हो गया है इस पर आपका क्या कहना है?* मैं तो पहले से ही कह रहा हूं कि राहुल गांधी जी को अध्यक्ष पद को स्वीकार कर लेना चाहिए जब हटे थे तब भी हमने कहा था कि आप ना हटे और आज भी हमारे यही कहना है राहुल गांधी जी को पद स्वीकार कर लेना चाहिए। *धान खरीदी में छत्तीसगढ़ ने रिकॉर्ड बना दिया है पिछले 20 सालों में?* सीधी सी बात है जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तब लोगों ने धान की खेती से हट रहे थे रकबा घट रहे थे किसान भी बैठे थे 1500000 किसान रजिस्ट्रेशन करवाते थे और 1200000 किसान धान बेचते थे पर जब से हमारी सरकार आई है तब से जो हमारी नीति है उसके कारण लोग आकर्षित हुए कृषि के तरफ और 18-19 लाख से बढ़कर 21 लाख 50 हजार किसानों का रजिस्ट्रेशन हो गया और 1950000 किसान ने धान बेच चुके हैं इसका अर्थ यह है कि कृषि छत्तीसगढ़ में लाभ का व्यवसाय हो चुका है। *भारतीय जनता पार्टी अभी प्रदर्शन चल रहा है किसानों के समर्थन को लेकर उसको आप कैसे दिखते हैं?* यदि बाढ़ आने की कमी होती तो 15 सालों में जितना रमन सिंह ने जितना धान नहीं खरीदा उससे डेढ़ गुना ज्यादा धान खरीदी हो गई तो बिना बार देने की खरीदी हो गई क्या बारदाना केंद्र सरकार हमें अड़चन डाली फिर भी हम लोग उतने बार देने की व्यवस्था कर लिए और कोरोना कॉल में भी हमने व्यवस्था की अब भारतीय जनता पार्टी के सारे नेता अपना धान बेच चुके हैं और चुकारा पा चुके हैं इसका मतलब यह है कि दिल से वह छत्तीसगढ़ की नीति है कांग्रेस की जो नीति है उसका लाभ भी ले रहे हैं और समर्थन भी कर रहे हैं तभी तो हमारे यहां धान बेचे हैं और यदि आज रमन सिंह जी ने ट्वीट किया है मक्का को निजी क्षेत्र में बेचे तो ज्यादा कीमत मिलेगा तो धान को क्यों नहीं भेजे दूसरे राज्य में या निजी मंडियों में जाना चाहिए था इसका मतलब यह है पिछले साल मक्का निश्चित रूप से 1000 से 12 सो रुपए में बिका था इस साल डिमांड बढ़ी है इसलिए रेट बढ़ा है और हमारी नीति भी देखिए हम मक्का भी खरीदने जा रहे हैं जब आप समर्थन मूल्य में खरीदेंगे जैसे हमने महुआ को हमने समर्थन मूल्य में खरीदा ₹17 का जब डिमांड बढ़ी तो हमने ₹30 में कई देखिए उसके बाद बाहर में 35 से ₹40 में बिका है महुआ ईमली भी इसी प्रकार ज्यादा कीमत में बिका है अगर सरकार समर्थन मूल्य में खरीदारी करें तो निजी व्यापारी है उससे ज्यादा मैं खरीदेंगे यह पहले व्यवस्था थी और यह व्यवस्था लागू कर दिया जाए तो किसानों की व्यवस्था पूरे देश में सुधर जाएगी। *क्या आपको लगता है छत्तीसगढ़ सरकार जो योजना चला रही है और किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो रहा है तो क्या केंद्र सरकार को ऐसी कोई पॉलिसी एडोब करना चाहिए जिससे किसान को आंदोलन करने की जरूरत ही ना पड़े?* सीधी सी बात है किसान की एक ही मांग है की समर्थन मूल्य में खरीदी करें छत्तीसगढ़ में हम खरीदी कर रहे हैं तो हमारी जो पॉलिसी है उसको भारत सरकार को अडॉप्ट कर लेना चाहिए और जहां तक के भारत सरकार का कहना क्या है सर प्लस अनाज हो गया है एफसीआई में रखने की जगह नहीं तो उसके लिए भी हमने हल दीया है पौने दो साल हो गए भारत सरकार को हमने पत्र लिखा था जो सर प्लस नाग रखे हुए हैं उसका एथनॉल बनाने का परमिशन हमें दे दे तो जो उत्पादन हैं और खपत है उसमें संतुलन बन जाएगा किसानों को भी रेट मिलेगा और विदेशी धन भी बचेगा और रोजगार के नए साधन खुलेंगे नहीं फैक्ट्रियां खोलेंगे तो लोगों को नया रोजगार भी मिलेगा लेकिन भारत सरकार शायद देर से माने हमारी योजना को स्वीकार करेगी।


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