Top Story
यह क्या हो रहा है ? फास्टैग द्वारा ठगी, वापसी की छूट भी समाप्त - क्या कर रहे हैं आप ? 20-Feb-2021
यह क्या हो रहा है ? - फास्टैग स्कैनिंग के दौरान आपसे आपके आने जाने के बारे में कैसे पूछेगा ? वापसी की छूट भी समाप्त - आम आदमी को किस प्रकार लूटा जा रहा है इसकी एक बानगी हम आपके सामने पेश कर रहे हैं आज से लगभग 20 - 25 साल पहले तक टोल टैक्स दिन में सिर्फ एक बार वसूला जाता था यदि कोई वाहन किसी भी प्रदेश में किसी भी टोल टैक्स बैरियर पर एक रसीद कटा ले तो उसकी वह रसीद 24 घंटे तक हर टोल टैक्स बैरियर पर मान्य होती थी चाहे वाहन उस 24 घंटे के दौरान कितने भी टोल बैरियर पार कर ले और उस समय टोल टैक्स मात्र 5 से 7 रुपए लगता था | फिर उसके बाद हर टोल बैरियर पर टोल टैक्स लगने लगा वह भी अलग-अलग अमाउंट - कहीं 10 कहीं 25 कहीं 54 कहीं 84 कहीं 86 कहीं 125 रुपए क्यों किसी को समझ नहीं आ रहा, परंतु मजबूरी थी वाहन मालिकों - चालकों की, आम नागरिक मजबूरी में टोल टैक्स दे रहा था-परंतु इसमें एक सुविधा जरूर दी गई थी वह यह कि यदि आप 24 घंटे के दौरान वापस आते हैं तो आपको पहले बताना पड़ता था कि हमारे वाहन की रसीद वापसी की भी काटो, जिससे लगभग 25 से 30% की छूट मिलती थी अर्थात 50 जाना 50 आना मिलाकर 100 होता था तो एक साथ रसीद कटाने पर 70 से 75 रूपये की रसीद टोल बैरियर वाले काटते थे और वापसी पर कोई टोल टैक्स दोबारा अलग से नहीं देना पड़ता था - टोल बैरियर के आसपास के लोगों सहित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, प्रदेश एवं केंद्र सरकार के शासकीय वाहनों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों को टोल टैक्स से मुक्त रखा गया था - इसके बाद आया फास्टेग का जमाना - फास्टैग मतलब ऑनलाइन, डिजिटल टोल टैक्स पेमेंट का - अपने वाहन पर फास्टैग लगाओ, फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज करो, उसमें बैलेंस रखो, जिसका कोई ब्याज नहीं मिलेगा और ना ही वह राशि वापस मिलेगी - अब फास्टैग की एक दूसरी खासियत हम आपको बताते हैं कि किस प्रकार आम आदमी को सरकार एक और नए तरीके से लगने लगी है, सुविधा के नाम पर, डिजिटल इंडिया के नाम पर, डिजिटल कैश के नाम पर और स्कैनिंग के नाम पर टोल टैक्स की वापसी की छूट भी समाप्त कर दी गई - अर्थात अब आपको जाने और आने का पूरा पूरा टोल टैक्स हर बार देना पड़ेगा चाहे दिन में कितनी बार भी उस टोल टैक्स को पार करें | केंद्र सरकार ने यहां यह स्पष्ट नहीं किया कि फास्टैग स्कैनिंग के दौरान आपसे आपके आने जाने के बारे में कैसे पूछेगा ? वह कैसे जानेगा कि वाहन मालिक को या वाहन चालक को 24 घंटे के अंदर इस बैरियर पर वापस भी आना है या नहीं ? या दिन में बार-बार आना है या नहीं - बस आप जितनी बार जाओ या जितनी बार आओ टोल बैरियर को उसके स्केनर को और केंद्र सरकार को इससे कोई मतलब नहीं - हर बार आपके अकाउंट से पैसा कटेगा और सीधे टोल बैरियर के ठेकेदार के खाते में चला जाएगा - एक प्रकार से कहा जाए तो यह फास्टैग प्लान केंद्र सरकार और टोल ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत की ओर इशारा करता है ! अब आम जनता तो ठगााने के लिए ही बनी है - क्या कर सकते हैं बेचारे वाहन मालिक और वाहन चालक ? अब वाहन खरीदा है तो केंद्र सरकार का जुर्माना तो देना ही पड़ेगा, अन्यथा ट्रेनों - बसों में धक्के खाते जाओ - पेट्रोल डीजल के दाम आसमान को छू रहे हैं उसमें भी सरकार कमा रही है - टोल टैक्स में भी सरकार कमा रही है - और भुगतान कर रहा है तो आम आदमी - और सबसे ज्यादा परेशान हो रहा है तो मध्यमवर्ग - जिसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है - गरीब को तो हर चीज मुफ्त में मिल जाएगी और अमीर सरकार और बैंक को चूना लगाकर डिफाल्टर घोषित कर ऐश कर रहे हैं - पर बेचारा मध्यमवर्ग का व्यक्ति, नागरिक जाए तो जाए कहां ? उसके रोने का भी असर सरकारों पर नहीं पड़ता, सरकारों को गरीब आदमी से वोट लेने की चिंता रहती है और धनाढ्य - अमीर लोगों से चंदा -- बस इसी तरह चल रही है जिंदगी कौन बताएगा कि यह क्या हो रहा है ? Sukhbir Singhotra - 9301094242


RELATED NEWS
Leave a Comment.