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जहाँ उठनी थी डोली… अब वहाँ उठेंगी अर्थियां… न बचा भाई… न बचा बाप… एक साथ 7 की मौत से रो पड़ा पूरा गांव
रोसड़ा। समस्तीपुर के रोसड़ा में एक बेटी अपने भाग्य को कोस रही है। मंगलवार को शगुन लेकर कटिहार जाने के क्रम में सड़क हादसे में उसका पूरा परिवार ही उजड़ गया। न कन्यादान करने वाले पिता जिंदा बचे और न राखी बंधवाने वाला भइया। घर के पुरुष सदस्य में मात्र एक 12 साल का छोटा भाई राजू बच गया है, जिसका गार्जियन अब उसे खुद बनना होगा। जिस घर में शहनाई बजने वाली थी, वहां आज चीख-पुकार मची है। पूरा गांव ही सदमे में है।
मरने वालों में सभी पड़ोसी-रिश्तेदार
मरने वालों में सभी लड़की के रिश्तेदार और पड़ोसी हैं। पड़ोस के एक घर से दो मौतें हुई हैं। रामस्वरूप साह (40 साल) और उसके साले संतोष साह (32 साल) की भी मौत हो गई है। संतोष साह ही गाड़ी चला रहा था। इसके अलाव पड़ोस के तीन और लोग सड़क हादसे में मरे हैं। सुबह सभी लोग कटिहार कुरसेला के फुलवरिया गांव लड़के को शगुन करने के लिए जा रहे थे।
अब सामूहिक दाह संस्कार की तैयारी
रोसड़ा से कटिहार शव लाने के लिए जा रहे पड़ोस के छोटू कुमार ने बताया कि इस हादसे से पूरा गांव सदमे में है। पहली बार इतना बड़ा हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। इसके बाद हमलोग उन्हें लेकर गांव आएंगे। गांव में सामूहिक दाह संस्कार की तैयारी चल रही है। शवों को जब गांव ले आया जाएगा तब अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मरने वालों में ये शामिल
शिवजी महतो 55 वर्ष ( लड़की के पिता )
नंद लाल 28 वर्ष (लड़की के भइया)
राज कुमार महतो (लड़की के मामा)
राम स्वरूप साह उर्फ गौरख साह
अजय महतो (45 वर्ष)
संतोष कुमार ( 30 वर्ष) चालक
घायलों में कैलाश महतो पिता स्व. सीताराम महतो, अर्जुन महतो पिता स्व सीताराम महतो (दोनो भाई) और सुनील महतो, पिता-आनंदी महतो शामिल हैं।
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