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सम्पूर्ण जिले में कोरोनाकाल में स्कूली बच्चों को वितरण किये गये सूखे राशन की जांच जारी तीन दिनों में जांच समिति रिपोर्ट करेगी प्रस्तुत 24-Feb-2021

/जिले में कोरोनाकाल के दौरान स्कूली बच्चों को बांटे गये सूखे राशन एवं सामाग्री वितरण के संबंध में जनदर्शन में स्व सहायता समूहों द्वारा प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिम्मेदारों को कड़ी फटकार लगाते हुए इस प्रकरण की एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए जांच समिति का गठन किया। इस समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के संरक्षण में तहसीलदार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति सूखा राशन किनके द्वारा, किनके आदेश पर, कब कब बांटा गया? क्या सही मात्रा में बांटा गया? क्या वितरित सामग्री का भुगतान मूल्य बाजार मूल्य के अनुसार था? क्या वितरित सामग्रियों से पालक बच्चे संतुष्ट थे? क्या पर्याप्त मात्रा में बांटा गया? क्या सामग्रियों की गुणवत्ता मूल्यानुसार थी? कितना राशि भुगतान किनके द्वारा किया गया? आदि बिन्दुओं पर जांच करेगी। यह जांच समिति प्रत्येक विकासखण्डवार रिपोर्ट बनायेगी। इसके लिये दो दिनों से अलग-अलग टीमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जा कर जांच के साथ बयान एवं दस्तावेज एकत्रित करने का कार्य कर रही है। 
इसके तहत 23 फरवरी को डिप्टी कलेक्टर सह तहसीलदार गौतम चंद पाटिल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी डोमेन्द्र ध्रुव द्वारा कोण्डागांव तहसील के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न स्कूलों में जा कर सूखे राशन की जांच की गयी। इसके अतिरिक्त किबईबालेगा, बनियागांव, चिलपुटी एवं 24 फरवरी को केशकाल तहसील अन्तर्गत अड़ेगा, बटराली, डोहलापारा, कोहकामेटा तथा फरसगांव अन्तर्गत पासंगी प्राथमिक शाला एवं फरसगांव माध्यमिक शाला में स्वसहायता समूह एवं अभिभावकों से जानकारी ली गई। 
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर के आदेशानुसार आगामी दिनों में वितरण के पूर्व सामग्रियों का जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, तहसीलदार एवं फूड इंस्पेक्टर तथा संबंधित ब्लॉक के मैदानी अमले आदि से सत्यापन के बाद ही वितरण के निर्देश दिये गये है।



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