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चिरायु योजना ने संवारा कुमकुम का जीवन 22-Jun-2019
रायपुर, 22 जून 2019/ रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के ग्राम धनसुली निवासी श्री लालचंद जोशी और श्रीमती सोनिया जोशी के घर दूसरे संतान के रूप में जन्मी कुमकुम जोशी के तालु में छेद ने माता-पिता को दुःखी कर दिया था। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कुमकुम का इलाज नही हो पा रहा था। कुमकुम जब 7 माह की थी तो उसके माता पिता उसे पहली बार मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर पचेड़ा लाये। शिविर में जब उसका वजन किया गया तो वह मात्र 3.280 किग्रा की थी। बच्ची बहुत कमजोर और कुपोषित थी। जन्म से बच्ची के तालु में छेद होने के कारण बच्ची को मां का दूध नही मिल पाया जिससे उसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हमेशा बनी रही। उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे तत्काल जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल एनआरसी में आने के बाद बच्ची के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ और समय-समय पर आयोजित बाल संदर्भ शिविर में बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत आवश्यकतानुरूप मुफ्त दवाईयां उपलब्ध कराई गई। जिससे बच्ची का वजन भी तेजी से बढ़ा और लगभग 8 किलोग्राम तक वजन हो गया। बच्ची गंभीर कुपोषित से सामान्य पोषण स्तर पर आ चुकी थी। बच्ची के तालु का ऑपरेशन करना भी एक चुनौती थी। ऑपरेशन हेतु बच्ची का वजन कम से कम 10 किग्रा होना आवश्यक था। वजन की इस कमी को पूरा करने के लिए बच्ची को पूरक पोषाहार नियमित रूप से दिया जाने लगा जिससे बच्ची का वजन ऑपरेशन करने लायक हो गया। चिरायु टीम के साथ मिलकर रायपुरा के ओम हॉस्पीटल में बच्ची कुमकुम ऑपरेशन के बाद 4 जून 2019 को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होकर अपने घर पहुंच ंगई है| सफलता की कहानी मुनगा की खेती करेगी मालामाल रायपुर, 22 जून 2019/ संतुलित आहार की पूर्ति एवं किसानों की आमदनी दोगुनी करने हेतु उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोपित की जाने वाली फसलों में मुनगा का स्थान विशेष है। मुनगा न केवल सब्जी हेतु उपयोगी है बल्कि यह औषधी गुणों से भी भरपूर है। शरीर में आवश्यक खनिजों की पूर्ति एवं बीमारियांे को दूर करने के लिए मुनगा और इसकी भाजी का उपयोग किया जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को मुनगा की खेती के लिए प्रेरित किया गया। इच्छुक किसानों को मनरेगा द्वारा उत्पादित मुनगा पौधों का निःशुल्क वितरण उद्यान विभाग के रोपणियों में किया गया। आरंग विकासखंड के ग्राम भिलाई के कृषक श्री अजय शर्मा द्वारा अपने 5 एकड़ के कृषि उद्यानिकी प्रक्षेत्र में मनरेगा योजनान्तर्गत उद्यान विभाग के रोपणी पारागांव एवं मंदिरहसौद से निःशुल्क मुनगा पौधे प्राप्त कर 10 हजार पौधे का रोपण किया गया। उक्त पौधों का उचित रखरखाव, सिंचाई, निंदाई, गुड़ाई खाद उर्वरक देने के पश्चात् वर्तमान में मुनगा पौधे लगभग 10 फीट उंचाई के हो गए है, जो कि फूल की अवस्था पर है। रोपित पौधे से मुनगा फल की व्यावसायिक उत्पादन अगस्त 2020 से प्राप्त होगा जिससे प्रति पौधा का औसतन उत्पादन 30 किलोग्राम प्राप्त होगा। जिसका थोक बाजार मूल्य बीस रू. प्रति किलोग्राम प्राप्त होने की संभावना है। इस प्रकार कुल रोपित 10 हजार मुनगा पौधे से कृषक को कुल आमदनी 60 लाख रूपए प्राप्त होगा। इन तीन वर्षों की मुनगा पौधेरोपण, रखरखाव, सिंचाई, खाद-दवाई, निदाई-गुड़ाई मुनगा फल की तुड़ाई एवं बाजार व्यवस्था हेतु कृषक द्वारा 15 लाख रूपए व्यय होने का अनुमान है। इस प्रकार कृषक को 45 लाख रूपए की शुद्ध आमदनी होना अनुमानित है। ज्ञात हो कि परंपरागत रूप से धान एवं अन्य फसल के उत्पादन में 3 वर्षों में जितना आय होगा उससे कहीं अधिक मुनगा के फसल से आमदनी होगी।


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