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दो लाख कर्ज माफी की राशि से गौ-पालन हर महीन दो लाख रूपए की कर रहे कमाई, 6 लोगों को दे रहे काम 28-Jun-2019
रायपुर, 28 जून 2019/ अब छत्तीगसढ़ के लोग खास तौर से किसान कहने लगे है कि बेटा चिन्ता मत कर किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है। उन्हें किसानों के हर दुख-दर्द और तकलीफों का पता है। वह सभी के दुख हर लेगा तू अपनी ईमानदारी से मेहनत कर के निष्चिंत हो जा। यह बातें अब किसानों में आम होने लगी है। नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के गांव करलखा मंे जब किसान कर्ज माफी की चर्चा होती है तो पहला नाम किसान श्री अयोध्या प्रसाद यादव लिया जाना है, जिसका दो लाख 5 हजार 265 रूपए का कर्ज माफ हुआ। उसे छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 का प्रमाण पत्र भी मिल गया है। उन्होंने खेती-किसानी के लिए 1 लाख 90 हजार का कर्ज लिया था, जिस पर ब्याज भी लगा। श्री अयोध्या प्रसाद ने खेती-किसानी के साथ-साथ कर्ज माफी की राशि से अब गौ-पालन शुरू कर दिया है। आज उनके तबेले में लगभग 10-12 गाय है। उन्होंने बताया कि वह रोज सुबह और शाम लगभग सवा क्विंटल दूध बेच लेते है। इसके अलावा समय-समय पर पनीर और घी बनाकर भी बेच रहे है। उन्हांेने बताया कि वह रोज लगभग 6 हजार रूपए का दूध घरों और दुकानों पर बेच लेते है। महीने में लगभग दो लाख रूपए का इनकम हो जाता है। गायों के चारा-दाना-पानी और अन्य खर्च काटकर लगभग 40-50 हजार रूपए की हर महीने बचत हो जाती है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के साथ-साथ वह गो सेवा कार्यों के लिए रखे गये 6 लोगों के परिवार का भी भरण पोषण कर रहे है। माटीपुत्र किसान अयोध्या प्रसाद ने बताया कि वह किसान कर्ज माफी से पहले बेहद परेशन रहता था। क्योंकि उसने खेती-किसानी के लिए एक लाख 90 हजार रूपए का बैंक से कर्ज ले रखा था। फसल भी उसकी उम्मीद से अच्छी नहीं हुई थी। उसे यही चिन्ता खाए जा रही थी कि वह बैंक का कर्ज कैसे चुकाएगा। किश्त समय पर जमा नहीं होने के कारण ब्याज भी बढ़ रहा था। वह हमेशा गुमसुम रहता था। उस समय अयोध्या प्रसाद की खुशी का ठिकाना नही रहा जब उसे पता चला कि किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है और नये मुख्यमंत्री बनते ही श्री भूपेश बघेल ने किसानों की कर्ज माफी और रूपए 2500 प्रति क्विटल की दर से धान खरीदी का निर्णय लिया। इसके साथ ही एक नम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के बीच लिंकिंग या नकद रूप मे चुकाए कर्ज की राशि भी माफी योग्य रहेगी, जो किसानों को वापसी योग्य रहेगी।


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