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श्री कृष्णा' में भीष्म पितामह का किरदार निभाने वाले सुनील नागर के पास नहीं है खाने के पैसे, बोले- बेटा भी नहीं करता मदद 03-May-2021

टीवी एक्टर सुनील नागर के सामने रोटी खाने का भी संकट हो गया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनका घर तक भी बिक गया है और अब उनका परिवार भी साथ नहीं दे रहा है.

फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर के लिए अपनी पहचान साबित करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन कई लोग इस मुकाम को आराम से हासिल कर लेते हैं. उनकी यही पहचान कई बार उन्हें नुकसान भी दे देती हैं. ऐसा अक्सर धारावाहिक में काम करने वाले सितारों के साथ देखा गया है. एक ऐसे ही सितारे का नाम है- सुनील नागर. सुनील को आपने रामानंद सागर के सीरियल 'श्री कृष्णा' में भीष्म पितामह के किरदार में देखा था.

 

उनकी एक्टिंग ने सीरियल में एक अलग ही जान फूंक दी थी. वो इस किरदार में इतनी जान फूंक देते हैं कि लोगों को एक बार लगने लगता है कि वह सच में भीष्म पितामह को देख रहे हैं. इसके बाद उनकी इसी पहचान के बाद वह किसी अन्य किरदार में फिट नहीं हो पाए और आज उनके सामने खाने तक का भी संकट उत्पन्न हो गया है. सुनील नागर को लेकर खबरें सोशल मीडिया पर भी चल रही हैं, जिसमें उनके बैंक अकाउंट की डिटेल वायरल हो रही हैं.

 

सुनील ने अब एक इंटरव्यू में इस बात की पुष्टि भी कर दी है. सुनील ने बताया कि वह आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और इस मुश्किल घड़ी में परिवार ने भी उनका साथ छोड़ दिया है और उन्हें अपना घर तक इसके लिए बेचना पड़ा, लेकिन कुछ समाधान नहीं निकल पाया. 

 

शुक्रगुजार हूं कि मुझे कोविड नहीं हुआ- सुनील नागर

 

सुनील ने इंडिया डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यह समय ऐसा है मुझे नहीं पता मैं किसे दोष दूं. जब मैं काम कर रहा था तब मैंने खूब कमाई की. मैंने कई हिट शोज किए और बहुत सी फिल्मों में काम किया. लोगों ने मेरे काम को पसंद किया और उन्होंने मुझे ज्यादा काम दिया. लेकिन आज मेरे पास कोई काम नहीं है. मैं एक प्रशिक्षित गायक भी हूं. कुछ दिन पहले एक रेस्त्रां ने गाने का ऑफर दिया. वो मुझे हर दिन का खर्च देते थे लेकिन लॉकडाउन के ऐलान के साथ रेस्त्रां बंद हो गया. पिछले कुछ महीनों से मैं अपना किराया भी नहीं दे पा रहा हूं.'

 

सुनील ने परिवार के बारे में बताया, 'बीते दिनों मुझे निजी तौर पर भी नुकसान हुआ. मैं उस बारे में बात नहीं कर सकता लेकिन मैंने अपने पैसे वहां लगाए. मेरे परिवार ने मुझे छोड़ दिया. मैंने अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दी. उसे कॉन्वेंट स्कूल में भेजा और आज मैं यहां हूं. मेरे भाई-बहन भी हैं लेकिन किसी को मेरी फिक्र नहीं है. शुक्रगुजार हूं कि मुझे कोविड नहीं है लेकिन मुझे दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं. मझे उम्मीद है कि कोई तो सुबह होगी जब सब ठीक होगा.'



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