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Noida Coronavirus: नोएडा 16 मार्च से अबतक 230 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित, दो की मौत 07-May-2021

गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्तालय में तैनात 230 पुलिसकर्मी 16 मार्च से अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 48 ठीक हो चुके हैं.

गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस आयुक्तालय से संबद्ध 230 पुलिसकर्मी 16 मार्च से सात मई के बीच संक्रमित हुए हैं जिनमें अधिकारी से लेकर आरक्षी तक शामिल हैं. वहीं एक उपनिरीक्षक और आरक्षी की संक्रमण की वजह से मौत हुई है. पुलिस उपायुक्त मुख्यालय/ लाइन मीनाक्षी कात्यायन ने शुक्रवार को बताया कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्तालय में तैनात 230 पुलिसकर्मी 16 मार्च से अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 48 ठीक हो चुके हैं.

 

मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि संक्रमितों में कई थानाध्यक्ष, निरीक्षक, उप-निरीक्षक, कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल, अधिकारी और उनके परिजन शामिल हैं. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए कुछ पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन में भेजा गया है. पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित सभी पुलिसकर्मियों की स्थिति ठीक है.

 

'हार्ट अटैक' से हुई कोरोना संक्रमित 78 प्रतिशत मरीजों की मौत

 

वहीं दूसरी तरफ नोएडा के डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस की दूसरी लहर में शहर में संक्रमित 78 प्रतिशत मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. सेक्टर-39 स्थित कोविड-19 अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेणु अग्रवाल ने बताया कि नोएडा में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई मौतों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि ज्यादातर मरीजों को दिल का दौरा पड़ा.

 

डॉ. रेणु अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मरीजों के खून में थक्के बन जाते हैं. इससे 'हार्ट अटैक' की आशंका बढ़ जाती है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर जिले में कोविड-19 के संक्रमण की वजह से गुरुवार तक 285 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 78 प्रतिशत मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.

 

पिछले तीन हफ्ते में करीब 175 लोगों की मौत

 

नोएडा में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. पिछले तीन हफ्ते में करीब 175 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 की चपेट में आए सभी मरीजों को सांस लेने में गंभीर परेशानी हुई और उन्हें निमोनिया भी हुआ. सांस लेने में परेशानी होने और ह्रदय पर जोर पड़ने से संक्रमित मरीजों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका रहती है.



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