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क्या सच में 70 साल की उम्र के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बंद हो जाएगी पेंशन, पीआईबी ने कही ये बड़ी बात, जानें क्या है सच्चाई 26-Sep-2021
नई दिल्ली: केंद्र सरकार उन केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन बंद करने की तैयारी में है. जिनकी उम्र 70 और 75 साल के बीच हो जाएगी. बंगाली अखबार ने 13 सिंतबर के अपने अंक में यह रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट का भंडाभोड़ सरकारी संस्था प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (PIB) ने किया है. पीआईबी ने अपने ‘फैक्ट चेक’ में इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है. पीआईबी फैक्टचेक के मुताबिक एक अखबार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी पेंशन की गलत खबर प्रकाशित की है.पीआईबी ने फैक्ट चेक में लिखा है, केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का प्रस्ताव ला रही है जिनकी उम्र 70-75 साल हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर ही है. फैक्ट चेक ने इन दोनों मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है और कहा है कि न तो वित्त मंत्रालय और न ही पेंशन वेलफेयर विभाग इस बारे में कोई विचार कर रहा है. फैक्ट चेक में इन दोनों रिपोर्ट को फेक यानी कि फर्जी करार दिया गया है.सोशल मीडिया पर एक और मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि जो लोग कोविड वैक्सीन नहीं लगवाएंगे उनके घर की बिजली काट दी जाएगी. मैसेज में यह भी लिखा गया है कि कोरोना का टीका नहीं लेने पर राशन कार्ड जब्त कर लिया जाएगा. पीआईबी फैक्टचेक ने इस मैसेज की छानबीन की है और इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है.पीआईबी के मुताबिक COVID टीकाकरण करवाना अनिवार्य नहीं हैं लेकिन कोरोना से बचाव के लिए यह अत्यंत आवश्यक है. पीआईबी के माध्यम से सरकार ने कहा है कि कोविड से बचने के लिए लोगों को कोविड की वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए. सोशल मीडिया पर यह फर्जी मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें लिखा गया है-‘हर भारतीय जल्दी से यह रिपोर्ट देखें. ब्रेकिंग न्यूज-वैक्सीन नहीं लगवाई तो बिजली और राशन कार्ड कट जाएगा. वैक्सीन लगाने से मना किया तो हो जाओगे परेशान’. कोविड टीके से ही जुड़ी एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वायरल ऑडियो मैसेज में कथित रूप से एक डॉक्टर द्वारा COVID-19 के टीकों के संबंध में कई फ़र्ज़ी दावे किए जा रहे हैं. ऑडियो में कहा गया है, ‘कोविड-19 एक फ्रॉड है, इसकी वैक्सीन अभी भी ट्रायल फेज में है और इसमें ग्रैफिन ऑक्साइड मौजूद है.’ ऑडियो में कहा जा रहा है कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि कोविड वैक्सीन का किस आदमी पर क्या असर हो रहा है या होने वाला है. ऑडियो में कहा जा रहा है कि टीके में ग्रैफीन ऑक्साइड डाला गया है और यह यह एक तरह से लोगों को मारने का षडयंत्र है.पीआईबी फैक्टचेक ने इस ऑडियो को फेक बताया है और कहा है कि वैक्सीन में ग्रैफीन ऑक्साइड मौजूद नहीं है. सच यही है कि कोविड-19 एक फ्रॉड नहीं बल्कि वैश्विक महामारी है. भारत में लगाई जा रही सभी वैक्सीन को डीसीजीआई द्वारा स्वीकृति दी गई है और इसमें कोई ग्रैफिन ऑक्साइड मौजूद नहीं है.


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