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झीरम घाटी जांच रिपोर्ट प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल 08-Nov-2021

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने झीरम नरसंहार के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपे जाने को प्रक्रिया का उल्लंघन बताया -*

 

न्यायिक आयोग के अध्यक्ष प्रशांत मिश्र द्वारा राज्य सरकार के बदले राज्यपाल को रिपोर्ट सपना गलत संदेश है कुछ माह पहले आयोग द्वारा सरकार से रिपोर्ट कंप्लीट करने के लिए समय कार्यकाल बढ़ाने की मांग करना और उसके बाद फिर अचानक रिपोर्ट का जमा करना संदेशों को जन्म देता है |

 

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वकीलों द्वारा संविधान का हवाला देते हुए कहा गया कि नियमानुसार राज्यपाल को रिपोर्ट शीघ्र अति शीघ्र राज्य सरकार को भेजना चाहिए | प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अधिवक्ताओं के अनुसार जांच रिपोर्ट की एक प्रति पीड़ितों को भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी ताकि परिजन भी जान सकें|  कि जांच रिपोर्ट में क्या है झीरम घाटी नरसंहार में दिवंगत हो चुके नेताओं के परिजनों में धरसीवा विधायक अनीता शर्मा राजनांदगांव के उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार पत्रकार वार्ता में उपस्थित रहे | पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने एक तुलनात्मक अध्ययन मीडिया के सामने पेश किया जिसके अनुसार विकास यात्रा के दौरान बस्तर क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सुरक्षा के लिए 1789 सुरक्षा बल तैनात किया गया था जबकि वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा जिसमें 4 - 4 जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त नेताओं के बावजूद मात्र 2 सौ अट्ठारह सुरक्षा बल तैनात किए गए थे जोकि अनुपात में लगभग 10% होता है |

 

CG 24 News द्वारा जब पूछा गया कि झीरम घाटी नक्सल हमले में अपनी जान गवा चुके नेताओं के पीड़ित परिवारों को न्याय कब तक और कैसे मिलेगा ? के जवाब में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की एनआईए द्वारा जांच रिपोर्ट में देरी होने पर सन दो हजार अट्ठारह में नव निर्वाचित सरकार द्वारा एसआईटी बनाने के बाद केस डायरी एनआईए से मांगी गए परंतु एनआईए और केंद्र सरकार ने डायरी देने से इंकार कर दिया, एनआईए का कहना है कि हम किसी और को जांच करने नहीं देंगे | वही जब उनसे पूछा गया कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एकल जांच कमेटी द्वारा राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट राज्यपाल द्वारा सरकार को या सार्वजनिक करने के लिए कोई समय निर्धारित है क्या ? का जवाब देते हुए कहा गया कि महामहिम राज्यपाल को बिना विलंब किए तुरंत उक्त रिपोर्ट राज्य शासन को हस्तांतरित कर देना चाहिए | ताकि रिपोर्ट विधान सभा पटल पर रखी जा सके और सार्वजनिक की जा सके |

 

 

वही झीरम नक्सली हमले में दिवंगत होने वाले योगेंद्र शर्मा की पत्नी विधायक श्रीमती अनीता शर्मा ने मीडिया के सामने कहा कि जांच रिपोर्ट में क्या है हम भी जानना चाहते हैं ? राज्य सरकार इसके लिए आवश्यक प्रयास कर रही हैं | दिवंगत उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने कहा कि वैसे ही रिपोर्ट में बहुत देरी हो गई है हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द रिपोर्ट सार्वजनिक हो और हमें पता लगे कि षड्यंत्रकारी कौन है ? अब देखने वाली बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आरोपों के बाद राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके क्या निर्णय लेती हैं और कब तक लेती हैं ?



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