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छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता - जब तक मुख्यमंत्री सख्त आदेश नही देंगे ! क्यों ? 04-Dec-2021

एक बात साफ हो गई कि जब तक मुख्यमंत्री का निर्देश - आदेश ना मिले पुलिस अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करती !

मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद ताबड़तोड़ कार्यवाहियां और गिरफ्तारियां ?

 

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन 2018 में हुआ, 15 साल के भाजपा रमन राज को जनता ने नकार दिया और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी |

दो हजार अट्ठारह से 2021 तक 3 साल गुजर गए परंतु इन 3 सालों में प्रदेश की पुलिस ने चिटफंड कंपनियों पर कोई शिकंजा नहीं कसा, किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, रेत माफिया के प्रमुख पर कोई  कार्यवाही - गिरफ्तारी नहीं हुई, गांजा तस्करों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई, हुक्का बार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, गुंडा तत्वों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई क्यों ?’ 


भूपेश बघेल सरकार के 3 साल पूरे होने से 2 माह पहले अचानक ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और उनके आदेश - निर्देश देने के तुरंत बाद पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के माध्यम से प्रदेश की जनता के गाढ़े खून - पसीने की कमाई को ठग कर, लूट कर, धोखा देकर भागने वाले चिटफंड कंपनियों के संचालकों - मालिकों, गांजा तस्करों, हुक्का बार चलाने वालों, हुक्का से संबंधित सामग्री बेचने वालों, दूसरे प्रदेशों से लाकर गांजा बेचने वालों, गांजा की तस्करी करने वालों पर रोक लगाने की कार्यवाही शुरू हो गई क्यों ?’


 छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता - कोई कार्यवाही से मतलब बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण, तस्करों, चिटफंड कंपनियों, रेत माफिया, शराब माफिया, गांजा तस्करों, लकड़ी तस्करों, नक्सलियों, नक्सलि वारदातों, अवैध परिवहन, भ्रष्टाचार, गुणवत्ता हीन निर्माण, वन विभाग की तस्करी, सट्टा खिलाने वालों, ठगी करने वालों, ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वालों, नकली सामान बेचने वालों, मिलावटी सामान बेचने वालों, खाने पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के अलावा प्रदेश में गुटका पर लगे प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम हर पान ठेला सहित किराना दुकानों में उपलब्ध तंबाकू युक्त गुटखा बेचने वालों, संग्रहण करने वालों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना करना या करना भी तो नाममात्र के लिए, टारगेट पूरा करने के लिए, दिखावे के लिए कार्यवाही करना और बड़ी मछली को ना पकड़ना इस बात को प्रमाणित करता है कि पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता जब तक की प्रदेश का मुख्यमंत्री सख्ती से कोई आदेश जारी ना करें !


इतनी लंबी कहानी लिखने का मुख्य उद्देश्य यही है कि पुलिस विभाग या तो जानबूझकर कार्यवाही नहीं करता या फिर प्रदेश के सत्ताधारी, प्रभावशाली व्यक्तियों या मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद ही सख्त कार्यवाही करता है |  जिसका प्रमाण प्रदेश के सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले माह मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद कार्यवाही होना है, अन्यथा इससे पहले इन्हीं सब लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई ?

पुलिस के मुखबीरों ने जानकारी क्यों नहीं दी और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद अचानक से कुछ दिनों के अंदर ही यह सब सामने कैसे आ गया ?

वहीं दूसरी तरफ यह भी उल्लेख करना अति आवश्यक है की विपक्ष चुपचाप क्यों था ? 

भाजपा शासन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा तंबाकू युक्त गुटखे पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद उनके शासन के दौरान तंबाकू युक्त गुटखे की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगी और कांग्रेस सरकार आने के बाद भी तंबाकू युक्त गुटखा पूरे प्रदेश में खुलेआम बिक रहा है, परंतु विपक्ष खामोश है | इसके पीछे क्या कारण है ? क्या दोनों सरकारों की आपस में मिलीभगत है ?

 

बहर हाल प्रदेश की जनता दोनों राजनीतिक पार्टियों के क्रियाकलापों पर मूक दर्शक बन नजर रख रही है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ?

 

 



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