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Chhattisgarh: कॉरिडोर मुआवजा घोटाले में बीजेपी ने कहा- 400 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण, लोगों के पास ना जाकर अधिकारियों के जेब में गए, इधर कांग्रेस ने पलटवार कर कहा- घोटाला की बात भाजपा का दिमागी फितुर 05-Dec-2021
रायपर भारत माला सड़क निर्माण एंव रायपुर विशाखापट्टनम कॉरिडोर निर्माण में अधिकारियों की सहायता से 400 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हुआ है. यह बात भाजपा किसान नेता गौरी शंकर श्रीवास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है. उन्होंने इस परियोजना के मुआवजा घोटाले में कई अधिकारियों के मिली भगत का भी आरोप लगाया है. (Chhattisgarh) यहां तक की मुख्यमंत्री के सचिवालय पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए जांच को केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की हैबीजेपी ने प्रेसवार्ता में इस मुआवजा घोटाले में कई पटवारी, आरआइ, तहसीलदार तथा कई आईएएस अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया. बता दें कि भारत माला सड़क निर्माण एवं रायपुर विशाखापट्नम कारिडोर निर्माण हेतु सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा दोनों परियोजना के लिए भू अर्जन एवं भूमि स्वामी को मुआवजा वितरण राजस्व अनुविभागीय अभनपुर को कार्य सौंपा गया। जिसमें लगभग 600 करोड़ राशि वितरित की गई है। श्रीवास ने आगे कहा कि भू-अर्जन एवं मुआवजा वितरण में नियमों को ताक में रखकर पुराने तिथियों से जमीन का बाटांकन एवं नामांतरण की कार्यवाही धड़ल्ले से की गई. राजस्व नियमों के विपरित अधिसूचना जारी होने के बाद पिछले तिथियों में रातों-रात बाटांकन एवं डायवर्सन किया गया, ताकि कुछ चिन्हित हितग्राहियों को 18 गुणा अधिक मुआवजा दिया जा सके। इस तरीके से भारत सरकार के राशि को इसी तहसील में लगभग 400 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण किया गया जिसमें भू-माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से राशि पात्र लोगों तक नहीं पहुंचा और इनके जेब में गये। जानिए कांग्रेस ने क्या कहा बीजेपी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस ने कहा कि इन दोंनो सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार के समय हुआ था। इसका प्रारंभिक प्रकाशन भी 2018 में हुआ था। उस समय भी भाजपा की रमन सरकार थी। प्रारंभिक प्रकाशन के पश्चात भूस्वामी के नाम तथा भूमि के स्टेटस में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया। किसी के परिवारिक बंटवारे फौती आदि की स्थिति को छोड़कर। मुआवजा प्रकरण में भाजपा नेता जो आरोप लगा रहे है। उसमें तनिक भी सच्चाई है तो इस गड़बड़ी और घोटाले के लिये जवाबदार भाजपा की रमन सरकार है। वर्तमान बाजार दर के चार गुना निर्धारित कर किया भुगतान कांग्रेस सरकार ने उन्हीं 1600 प्रभावितो की जमीनों का अधिग्रहण किया। जिनका प्रारंभिक सर्वे और प्रकाशन रमन सरकार ने किया था। कांग्रेस सरकार ने भूअधिग्रहण कानून 2013 के तहत प्रभावितों को मुआवजा वर्तमान बाजार दर के चार गुना निर्धारित कर भुगतान करवाया। ताकि किसानों को उनकी जमीन की विधिसम्मत कीमत मिल सके। किसानों को पूरी कीमत क्यों मिली भाजपा को यही पीड़ा है। अभी तक 358 करोड़ का मुआवजा बांटा गया है। भाजपा को 358 करोड़ में 1000 करोड़ का घोटाला दिख रहा है। यह भाजपा का संस्कार है। 15 साल तक कमीशनखोरी भ्रष्टाचार वाली सरकार चलाने की आदत वाली भाजपा को हर जगह भ्रष्टाचार ही नजर आता है।


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