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पेट्रोल-डीजल की कीमते तो कम करे सरकार - धान पर बोनस की घोषणा की हकीकत जनता समझ रही है - कांग्रेस 05-Sep-2018
अंतराष्ट्रीय स्तर पर 32.98 रू. है, ऑयल प्राफीट परिवहन आपरेशन चार्जेश रिफाईनिंग आदि का 5.32 रू है, केन्द्रीय एक्साईज ब्यूटी शेष में लाकर 19.48 रू., डीलर का कमीशन 3.63 रू., राज्य सरकार का वेट टैक्स 16.59 रू है। आज रायपुर में पेट्रोल की 79.70 रू. तक पहुंच गयी है। 
कांग्रेस यह मांग करती है कि भाजपा को यदि जनता के प्रति थोड़ी सी चिंता है तो वह अपने एक्साईज ड्यूटी और वेट टैक्स को तुरंत पेट्रोल की कीमत से अलग करके जनता को राहत दे। केन्द्र की भाजपा सरकार का कहना है कि एक देश, एक टैक्स होना चाहिये। इसी तर्क पर उनके द्वारा देश भर में जीएसटी लगाया गया है जो अधिकतम 28 प्रतिशत तक है। सरकार चाहे तो अपनी बात पर कायम रहते हुये पेट्रोल-डीजल पर भी जीएसटी (वस्तुकर) लगाकर जनता को राहत दे परंतु भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। सरकार की नीयत में खोट है इसीलिये वह पेट्रोल-डीजल की कीमतो पर लगाम नहीं लगा रही है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार किसानों को लुभाने के लिये अपने कार्यकाल के अंतिम समय में धान पर 300 रू. प्रति कि्ंवटल बोनस देने की घोषणा कर रही है। इन सारी बातों को जनता भी अच्छी तरह से समझ रही है। पिछले चार वर्ष तक धान पर बोनस तो नहीं दिया गया चुनाव के ठीक पहले धान पर बोनस की घोषणा करके सरकार किसानों को ठगना चाहती है। भाजपा की नजर में छत्तीगसढ़ की किसान सिर्फ वोटर है। भाजपा को उनकी याद सिर्फ चुनावों के समय में आती है। पांच साल सूखे अल्पवर्षा के कारण किसान आत्महत्या कर रहे थे तब भाजपा ने वायदा कर भी व धान का बोनस दिया, न समर्थन मूल्य बढ़ाया और न ही सूखा राहत दिया। 


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