Rajdhani
कुपोषण के मामले में झूठ का पुंलिदा है छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार: कौशिक 19-Jan-2022

 नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुपोषण में कमी को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार गलत बयान दे रहे है जबकि कांग्रेस की सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है की विगत एक वर्ष में प्रदेश में कुपोषण में वृद्वि हुई है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान जो कि मुख्यमंत्री जी की फ्लैगशिप योजना है, जिसकी अक्टूबर, 2019 से मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है, और मुख्यमंत्री के द्वारा कई अवसरों पर इस योजना के उपलब्धियों का बखान भी किया गया है किंतु धरातल पर मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना फ्लॉप है। इसकी दुर्दशा की स्वीकारोत्तरी महिला बाल विकास मंत्री ने स्वयं विधानसभा में की है। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास मंत्री के ने बताया कि मार्च 2020 में कुपोषण की दर 18.22 प्रतिशत थी जो कि मार्च, 2021 में 15.15 प्रतिशत हो गई थी किन्तु शीतकालीन सत्र में मंत्री जी ने जानकारी दी की कुपोषण दर जुलाई, 2021 में 19.86 प्रतिशत हो गई है अर्थात मार्च 2020 की स्थिति से भी कुपोषण दर में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। केन्द्र सरकार के द्वारा लगभग लगभग 1500 करोड़ रूपये 2 वर्षो में दिया गया साथ ही लगभग 400 करोड़ रूपये इन वर्षो में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में डीएमएफ एवं सीएसआर मद की राशि उपलब्ध कराई गई है राज्यांश के साथ लगभग 3000 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद कुपोषण में होने वाली वृिद्ध सरकार के भ्रष्टाचार को इंगित करती है। कौशिक ने कहा कि जिस योजना की समीक्षा मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कर रहे है, उस योजना का यदि इतना बुरा हाल है तो सरकार की अन्य योजना के बारे अनुमान लगाया जा सकता है कि योजनाए कितनी बदहाल स्थिति होगी।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि पूरा विभाग कुपोषण के मामले में गलत व फर्जी जानकारी दे रहा है। राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे-5 में उम्र व वजन के अनुसार 2015-16 में कुपोषण 37 से 2021-22 में लगभग 32 प्रतिशत कम होना बातया गया है अर्थात 6 वर्ष में 5 प्रतिशत से कुपोषण कम हुआ है अर्थात प्रतिवर्ष 1 प्रतिशत से भी कम जबकि भाजपा सरकार में प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ में 2 प्रतिशत की दर से कुपोषण कम होना पाया गया है। उस समय केन्द्र से प्राप्त राशि तुलनात्मक रूप से बहुत कम रहती थी। कौशिक ने कहा कि कभी विभाग 18 प्रतिशत, कभी 15 प्रतिशत कुपोषण बताया है और राष्ट्रीय सर्वे में 32 प्रतिशत कुपोषण की दर को बताता है। यही नही सतत विकास लक्ष्य में वर्ष 2020 में कुपोषण स्तर 40 प्रतिशत दर्ज किया व छत्तीसगढ़ 30वें स्थान पर है इसकी जानकारी विधानसभा में सरकार द्वारा दी गई है। उन्होंने कहा कि कमीशनखोरी के चक्कर में बीज विकास निगम के सामने सरकार ने घुटने टेक दिए हैं और 20 हजार महिलाओं को बेरोजगार करने का पूरा प्रयास सरकार के द्वारा किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय में बडी संख्या में सरकार के इस निर्णय के विरूद्ध अपील की गई है तो सरकार को मजबूर होकर अप्रैल, 2022 तक पुरानी व्यवस्था को बनाये रखने का आदेश जारी करना पड़ा है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी हमेशा उदाहरण देते रहे है कि प्रदेश की 47 प्रतिशत महिला एनेमिक है वो प्रदेश के लिए कतई अच्छी स्थिति नही है लेकिन राष्ट्रीय सर्वे से स्पष्ट है कि आज प्रदेश में 47 प्रतिशत के स्थान पर 61 प्रतिशत महिला एनेमिक है अर्थात 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।  इस पर मुख्यमंत्री का कोई बयान नही दिया है यही नही वर्ष 2015-16 में जन्म से 1 घंटे के भीतर 47 प्रतिशत बच्चों को दुध पिलाया जाता था अब 32 प्रतिशत बच्चो को एक घंटे के अंदर दूध पिलाया जा रहा है। यह सभी महिला बाल विकास विभाग के मापदण्ड के विपरीत है। इससे स्पष्ट है कि विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा में है। आंगनबाड़ी कार्यकताओं में भारी रोष है और घोषणा अनुसार उन्हें आज तक कलेक्टर दर पर भुगतान नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास मंत्री ने विधानसभा में बताया कि वित्त विभाग जिसके मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री है ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने स्वीकृति नहीं की है जो शर्मनाक है। 5 लाख नौकरी का दावा करने वाली सरकार में लगभग 7000 कार्यकर्ता व सहायिका के पद खाली है, मगर भर्ती की स्वीकृति मुख्यमंत्री नही दे रहे हैं। कांग्रेस सरकार में सिर्फ झूठ का मायाजाल फैला रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 51 हजार करोड़ राशि का कर्ज सिर्फ कमीशन खोरी के लिए किया गया है।

 


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