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परम्परागत कृषि उत्पादों को संरक्षित करने का प्रयास सराहनीय: सुश्री उइके 15-Aug-2019
रायपुर, 14 अगस्त 2019/ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल ने सौजन्य भेंट की। डॉ. पाटिल ने कृषि विश्वविद्यालय एवं उनके कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा ग्रामीणों को विलुप्त हो रहे कोदो, कुटकी एवं रागी जैसे प्रजातियों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को इन उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने के लिए स्वयंसहायता समूहों के माध्यम से किया गया कार्य वाकई सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे हमारी परम्परागत कृषि उत्पाद और प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग हो रहा है और उनके उत्पादक भी आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रहे हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए समय-समय पर मिले पुरस्कारों के लिए बधाई दी। डॉ. पाटिल ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में विभिन्न स्वयंसहायता समूहों को कोदो, कुटकी, चावल को प्रसस्कृत करने और पैकेजिंग करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और तैयार उत्पाद को बाजार में विक्रय किया जा रहा है। इनके लिए मशीनें भी विश्वविद्यालय ने उपलब्ध कराई है। डॉ. पाटिल ने बताया कि स्वयंसहायता समूह द्वारा कोरिया में गिर गाय की शुद्ध घी का प्रोडक्ट तैयार किया गया है। इसके साथ ही सुगंधित पौधों-फूलों से साबुन तैयार किया जा रहा है, जो सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई जा रही है। यही साबुन शॉपिंग मॉल में महंगे दामों पर उपलब्ध रहती है। इसके साथ ही मुनगे का पावडर भी तैयार किया जा रहा है, जो काफी पौष्टिक है।


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