Top Story
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की जगह गढ़बों नवा रायपुर तक सिमट रही प्रदेश सरकार क्यों ? - विशेष लेख
*गढ़बो नवा छत्तीसगढ़* छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वैसे तो कोई बड़े काम शुरू होते नजर नहीं आए सिर्फ घोषणा ही हुई हैं, परंतु छोटे-छोटे कार्यों की कोई कमी इस प्रदेश में नहीं है, चौक चौराहों को सजाने की बात हो, बिना वजह के खर्चों की बात हो, कुछ भी तोड़ो फिर बनाओ की बात हो तो यह सब कमाई के साधन प्रदेश में लगातार चल रहे हैं| अब हम आपको बताते हैं कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात करती है अब ऐसा लगता है कि वह अपने उस नारे से किनारा कर सिर्फ *गढ़बो नया रायपुर* में सिमटती नजर आ रही है और यह हम नहीं कह रहे हैं यह स्वयं सरकार कह रही है |
गढ़बो नया रायपुर का नारा वैसे तो नए रायपुर के लिए होना चाहिए परंतु प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार इसे पुराने रायपुर पर आजमा रही है | मुख्यमंत्री निवास के आसपास अच्छे भले बिजली के खंभों को काटकर, उखाड़ कर उसी जगह नए खंभे लगाकर कर्ज लेने वाली यह सरकार बिना वजह के खर्च करके अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अवैध आवक के साधन पैदा कर रही है ! इस तस्वीर से आप समझ जाएंगे कि अच्छे भले बिजली के पोल जिन पर महंगी लाइटें इस मार्ग को रोशन कर रही थी उन्हें हटाकर इन चौरस काले खंभों के माध्यम से बिना वजह का खर्च दिखाकर कमाई का रास्ता निकाला गया है और यह सब कुछ नागरिकों से वसूले जा रहे हैं टैक्स के अलावा कर्ज लेकर प्रदेश के नागरिकों पर कर्ज लादने वाली सरकार का कारनामा है | वैसे तो इन सब मामलों में जो जिम्मेदारी विपक्ष को दमदार तरीके से निभानी चाहिए थी परंतु पता नहीं विपक्ष सिर्फ दिखावे के धरना - प्रदर्शन और बयान जारी करने तक ही सीमित क्यों है ? इन मामलों को लेकर संबंधित अदालतों में याचिका दायर करने का दायित्व विपक्ष को निभाना चाहिए! आम नागरिक महंगे अदालती खर्चों के कारण शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर कार्यवाही करने से पीछे हट जाता है और अपने सामने अपने द्वारा दिए गए टैक्स की बर्बादी को देखकर खून के आंसू रोता है और अंदर ही अंदर घुट घुट कर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत को देखता रहता है | यहां यह सवाल भी उठता है कि जब प्रदेश सरकार लगातार करोड़ों रुपए का कर्ज लेकर गुजारा कर रही है तो फिर इस तरह के फालतू खर्चों पर खर्च कर वह क्या दिखाना चाहती है ? , क्या इन खर्चों से वह जनता का दिल जीत पाएगी ? क्या इन फालतू के खर्चों के दम पर वह प्रदेश का विकास कर पाएगी ?
RELATED NEWS
-
देश के लिए वोट दो और टैक्स दो : पीएम मोदी 15-Apr-2024
-
दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल का आवेदन खारिज 09-Apr-2024
Leave a Comment.