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रायपुर : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी - किसानों का पंजीयन 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक... 20-Aug-2019

रायपुर। प्रत्येक वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसान पंजीयन किया जाता है। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि विगत खरीफ वर्ष 2018-19 में पंजीकृत किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए पंजीकृत माना जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की जानकारी अद्यतन करने का कार्य 16 अगस्त से 31 अक्टूबर 2019 तक किया जाएगा। पंजीकृत कृषकों को पंजीयन हेतु समिति में आने की आवश्यकता नहीं है। पंजीकृत कृषकों का पंजीयन इस वर्ष केरी फारवर्ड कर लिया जाएगा। किन्तु पंजीकृत किसान किसी कारण से पंजीयन में संशोधन करवाना चाहते हैं, तो समिति मॉडयूल के माध्यम से यह संशोधन करने की व्यवस्था प्रदान की गई है। पंजीकृत किसान की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे की जानकारी की सूची समिति सॉफ्टवेयर से प्रिंट कर समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के पटवारी को उपलब्ध करायी जाएगी। उक्त सूची में अंकित जानकारी का पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। कृषक पंजीयन व्यवस्था में शामिल तहसील तथा सहकारी अमलों की मॉनीटरिंग के लिए पृथक एवं विशिष्ट व्यवस्था की जाएगी। कम्प्यूटर के माध्यम से रेण्डम आधार पर किसानों के अंकित पंजीयन आंकड़ों की सत्यता की जांच की जाएगी। गत खरीफ वर्ष 2018-19 में जिन किसानों ने पंजीयन नही करवाया था, किन्तु इस वर्ष जो धान विक्रय करने हेतु इच्छुक है, ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में नवीन कृषकों का पंजीयन 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। नये पंजीयन हेतु किसान द्वारा समिति से आवेदन प्राप्त कर उसे भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में भूमि एवं धान के रकबे का पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। तहसीलदार के द्वारा सभी साक्ष्य देखने और परीक्षण करने के बाद नवीन किसान का पंजीयन किया जाएगा। विधिक व्यक्तियों यथा ट्रस्ट, मंडल, प्रा.लि.कंपनी, शाला विकास समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान, महाविद्यालय आदि संस्थाओं द्वारा संस्था की भूमि का धान बोने के प्रयोजन हेतु अन्य कृषकों को लीज अथवा अन्य माध्यम से प्रदाय किया गया है, तो संस्था की कुल धारित भूमि के अधीन, वास्तविक खेती करने वाले का पंजीयन किया जाए एवं समर्थन मूल्य की राशि इन कृषकों के खातों में भुगतान किया जाएगा। संस्था के अधिकृत व्यक्ति द्वारा समिति को लिखित सूचना दी जाएगी कि संस्था की भूमि पर किन कृषकों द्वारा धान की खेती की जाएगी। इस प्रकार संस्थाओं की भूमि पर वास्तविक खेती करने वालों को समर्थन मूल्य का लाभ मिल सकेगा। यही व्यवस्था संयुक्त देयता समूहों, रेघा, अधिया कृषकों के द्वारा धान विक्रय हेतु अपनाई जाएगी। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों का ध्यान रखा जाएगा। धान विक्रय से पूर्व पंजीकृत कृषक की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की जा सकेगी। सभी कृषकों का आधार नम्बर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाए, किन्तु आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी कृषक को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा। समस्त धान बीज उत्पादक कृषकों का बीज निगम के साथ-साथ समिति में भी गत वर्ष अनुसार ही पंजीयन किया जाए। समिति द्वारा बीज उत्पादक कृषकों से धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी शासन द्वारा निर्धारित अवधि तक की जा सकती है। उत्पादक कृषकों को समिति स्तर पर कृषक पंजीयन से वंचित नहीं किया जाए।



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