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इंदौर और चंडीगढ़ के शैक्षणिक दौरे से लौट कर महापौर एजाज ढेबर ने पत्रकारों से साझा की वहां की विशेषताएं 11-May-2022

इंदौर में ठेका प्रथा नहीं है - एनजीओ के द्वारा होता है घरों से कचरा कलेक्शन

 फ्लैक्स मुक्त शहर है इंदौर पुलिस से ज्यादा डर लोगों को निगम का है

*शैक्षणिक दौरे से लौट कर महापौर एजाज ढेबर की पत्रकार वार्ता* 

 

राजधानी रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे एवं सभी 70 पार्षदों के साथ इंदौर की साफ सफाई व्यवस्था के साथ-साथ चंडीगढ़ के मोहाली की साफ सफाई व्यवस्था के बारे में मीडिया को जानकारी दी | महापौर एजाज ढेबर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि : - इंदौर में ठेका प्रथा नहीं है एनजीओ के द्वारा होता है घरों से कचरा कलेक्शन 6 तरह के कचरों का इंदौर में होता है कलेक्शन गीले कचरे से गैस बनाई जा रही है एनजीओ की अहम भूमिका है आवारा पशु सड़कों पर नहीं दिखते साफ सफाई के मामले में लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर आयुक्त किसी की सिफारिश नहीं सुनते चाहे मुख्यमंत्री का ही फोन आ जाए - यूजर चार्ज नियमित लिया जा रहा है फ्लैक्स मुक्त शहर है इंदौर पुलिस से ज्यादा डर लोगों को निगम का है

 

महापौर एजाज ढेबर ने कहा , इंदौर चंडीगढ़ और मोहाली के दौरे पर गया था..आखिर इंदौर क्यों पहले नंबर पर आता है..इंदौर में तीन टाइम सफाई होती है..वहां की सफाई को मैंने समझा.. हमारी अधिकारिकरियों की टीम भी गई थी, वहां 19 जोन है..85 वार्ड हैं..600 कचरा गाडियां है.. 23 मकैनिस्ज़ स्वीपिंग सफाई गाडियां हैं.. रायपुर में केवल गीला और सूखा कचरा के बारे में पता है..जबकि इंदौर में 6 प्रकार के कचरे का कलेक्ट करते हैं...कचरे के निष्पादन वाली जगह का भी हमने निरीक्षण किया.. वहां ठेका प्रथा नहीं है.. निगम स्वयं सफाई कार्य करती है..घर से डोर टू डोर कचरा निकाला जाता है..वहां के NGO खुद गाड़ी में बैठकर जाते हैं कचरा कलेक्ट करने... सेगरिकेशन में सूखे कचरे के लिए बेहतरीन प्लांट वहां बना हैं.. एक यूनिट है जिसमें साढ़े 3 तीन सौ महिलाएं काम करती है...इंदौर में 100 परसेंट कचरों का निष्पादन हो रहा है : एक घर में एक ही गाय रखने का प्रावधान है.. डेरिया शहर से बाहर हैं. वहां यूजर चार्ज भी बराबर लिया जाता है..फ्लैक्स वार रायपुर शहर में काफी हावी है.. महापौर ने खुद के ऊपर लेकर कहा कि अगर मेरा जन्मदिन होता है तो 8-10 दिन पहले फ्लैक्स लगना शुरू हो जाता है.. वहां अनुमति लेकर फ्लेक्स लगाए जाते हैं और 5 दिन में उतार दिए जाते हैं | वहां पुलिस से ज्यादा डर निगम से लोगों को रहता है..रायपुर शहर में भी हम कर सकते हैं..रायपुर शहर को नंबर 1 में लाना है..केंद्र से 40-50 करोड़ रुपये मिल जाये से तो हम भी बहुत बेहतर कर सकते है.. मोहाली दौरे के बारे में बताते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि मोहाली में 800 गार्डन है.. मोहाली की जनसंख्या 2 लाख है..गार्डन में गिरने वाले पत्ते से खाद बनाते हैं चंडीगढ़ में..देश में सबसे ज्यादा अगर कहीं गार्डन है तो तो चंडीगढ़ में है..वहां 1800 गार्डन है.. जब महापौर से पूछा गया कि क्या रायपुर नगर निगम को भी ठेका प्रथा मुक्त किया जाएगा तो उन्होंने कहा की ठेका प्रथा मुक्त करने को लेकर रायपुर के सभी पार्षदों से चर्चा की जाएगी..2-3 महीने में रायपुर में बदलाव नजर आएगा | बाहर हाल में देखने वाली बात यह है कि लाखों रुपए के खर्च से किया गया शैक्षणिक दौरा सिर्फ मनोरंजन तक ही सीमित रहता है या फिर धरातल पर कुछ कार्य नजर आएगा !



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