State News
हाथी का मिला शव, दांत गायब 22-May-2022
अंबिकापुर। तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र में हाथी का शव मिलने के बाद उसके गायब दोनों दांत को खोजने वन विभाग ने पूरी ताकत लगा दी है। उपनिदेशक एलीफेंट रिजर्व प्रभाकर खलखो के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीमों को घटनास्थल के नजदीक के गांव में खोजबीन में लगाया गया है।अचानकमार टाइगर रिजर्व से डाग स्क्वायड की टीम भी पहुंची है लेकिन अभी तक हाथी के दोनों दांत नहीं मिले हैं। बीहड़ जंगल में हाथी का शव मिलने की जानकारी जिस ग्रामीण ने मोबाइल के माध्यम से वन विभाग को दी थी उसे भी संदेह के दायरे में रखा गया है गांव वालों से लगातार पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र के गेम रेंज पिंगला के तुम्बीबीरा जंगल में शनिवार को हाथी का सड़ा गला शव मिला था। अभयारण्य क्षेत्र के एक गांव के ग्रामीण ने ही मोबाइल के माध्यम से वन विभाग को सूचना दी थी। सरगुजा के मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी के मेचियो, उपनिदेशक एलीफेंट रिजर्व प्रभाकर खलखो के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। सूरजपुर के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा महेंद्र पांडेय के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों की टीम को भी घटनास्थल ले जाया गया था।
बताया गया कि रमकोला से 27 किलोमीटर दूर बीहड़ जंगल में हाथी का सड़ा गला शव पड़ा हुआ था ।उससे तेज दुर्गंध आ रही थी। हाथी के दोनों दांत गायब थे।कम से कम छह-सात दिन पहले हाथी की मौत होने की संभावना पशु चिकित्सकों ने जताई है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा महेंद्र पांडेय ने बताया कि शव कई दिन पुराना हो जाने के कारण हाथी के दांत आसानी से खींचने से निकल जाते हैं।जिस हाथी का शव मिला उस हाथी के दांत भी काटे नहीं गए थे बल्कि शव सड़ने लगा था और दोनों दांत की पकड़ मांस में कमजोर हो जाने से आसानी से खींच लिया गया था। दांत गायब होने के कारण वन विभाग की नींद उड़ी हुई है। शनिवार देर रात को ही अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से डाग स्क्वायड की टीम भी अंबिकापुर पहुंच चुकी थी।
रविवार सुबह से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घटनास्थल के आठ से 10 किलोमीटर दूर तक आबादी क्षेत्र नहीं होने के कारण वन विभाग भी पशोपेश में है। घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर स्थित गांव में वन विभाग की अलग-अलग टीमों को जांच में लगाया गया है। डाग स्क्वायड की मदद ली जा रही है लेकिन अभी तक हाथी के दांत गायब करने वालों का कोई पता नहीं चल सका है। पूरी संभावना है कि गांव वालों ने ही हाथी के दोनों दांत गायब किए होंगे। क्योंकि जिस स्थान पर हाथी का शव पड़ा हुआ था, वहां सामान्य तौर पर किसी का आना जाना नहीं होता।जिस व्यक्ति ने मोबाइल के माध्यम से हाथी का शव पड़ा होने की सूचना दी थी उसकी भूमिका को भी संदिग्ध मानी जा रही है कि आखिर वह उस क्षेत्र में जहां हाथियों का विचरण होता है ,वहां क्यों गया था ?उससे भी पूछताछ की जा रही है।
आपसी संघर्ष में गई हाथी की जान:पैर टूटा, शरीर में सात स्थानों पर दांत घुसाने के निशान
पशु चिकित्सक डा महेंद्र पांडेय ने शव देखने के बाद हाथी की मौत को आपसी संघर्ष का परिणाम बताया है। उन्होंने बताया कि इलाके में 22 हाथी विचरण कर रहे हैं। उसमें मृत हाथी भी शामिल था। उन्होंने बताया कि हाथी के गर्दन, छाती के पास दो-दो तथा पेट के पास तीन छेद बने हुए थे। यह क्षेत्र दूसरे हाथी द्वारा दांत घुसाने के कारण बने हैं। हाथी का पीछे का दाहिना पैर और सामने का दाहिना पैर भी टूटा हुआ था। उन्होंने बताया कि आस पास 10 से 12 पेड़ों की टहनियां भी टूटी हुई पाई गई हैं इससे लगता है कि नर हाथियों के बीच आपस में जबरदस्त संघर्ष हुआ और मृत हाथी पर एक साथ हमला कर दूसरे नर हाथियों ने जान ले ली। हाथी के गिरने के बाद दाहिनी ओर के हिस्से में ही दांत घुसाये जाने के निशान मिले हैं। डा पांडेय ने बताया कि हाथी के कुछ अंगों को प्रिजर्व किया गया है और उसे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद इज्जतनगर बरेली जांच के लिए भेजा जा रहा है। जिस वक्त वन विभाग की टीम घटनास्थल पर जांच व पोस्टमार्टम कराने में लगी हुई थी उसी दौरान नजदीक में ही हाथियों का दल भी मौजूद था।
 
 
 


RELATED NEWS
Leave a Comment.