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आखिर ऐसा क्या हुआ कि विपक्ष के ये नेता ईडी के मकड़जाल में फंसे हैं और क्यों ये सरकार के रडार पर हैं? 06-Aug-2022

देश की राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों और बीती सरकारों में मंत्री रहे कई बड़े नेताओं पर इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसा हुआ है. फिर चाहे वह कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हो या फिर शिवसेना के संजय राउत . आखिर ऐसा क्या हुआ कि विपक्ष के ये नेता ईडी के मकड़जाल में फंसे हैं और क्यों ये सरकार के रडार पर हैं?

हालिया मामलों में ईडी (ED) ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किए गए पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को 5 अगस्त तक हिरासत में रखा था. उधर दूसरी तरफ नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंगलवार 26 जुलाई को ही ईडी की पूछताछ खत्म हुई है. यहां हम जानने की कोशिश करेंगे कि हाल के दिनों में किस-किस  विपक्षी नेताओं को या तो ईडी ने गिरफ्तार किया है या वो जांच के दायरे में हैं. 

विपक्षी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार अपने खिलाफ बढ़ते विरोध की वजह से विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है. अपने खिलाफ बढ़ते विरोध के स्वरों को दबाने के लिए केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है. 

नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी भी ED के शिकंजे में है. इस मामले में ईडी कांग्रेस के इन दोनों नेताओं से पूछताछ की है. हाल ही में इस केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंगलवार 26 जुलाई को ही ईडी की पूछताछ खत्म हुई. इन दोनों नेताओं पर नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.

ये केस यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Young India Private Ltd) नाम की नई कंपनी और एजेएल के बीच हुए सौदे का है. गौरतलब है कि यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ ही ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा, मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे को डॉयरेक्टर बनाया गया था.

कंपनी में 76 फीसदी शेयर सोनिया और राहुल गांधी के नाम है. बाकि के 24 फीसदी शेयर अन्य डॉयरेक्टर्स के पास है. कांग्रेस पार्टी ने इस नई कंपनी को 90 करोड़ रुपये कर्ज के तौर पर दिए और बाद में इसी कंपनी को अधिगृहित कर लिया. इसी को लेकर ईडी कांग्रेस के नेताओं पर मनीलॉड्रिंग (Money Laundering) का केस चला रही है. उधर दूसरी तरफ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं पर चल रहे इस केस को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन किया.

संजय राउत भी मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में

शिवसेना सांसद संजय राउत भी अपनी पत्नी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की वजह से ईडी की जांच के दायरे में है. उन पर ईडी मुंबई के गोरेगांव उपनगर की पात्रा चॉल घोटाला (Patra Chawl Land Scam) में एक पुनर्विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं पर जांच चला रही है. इस केस में गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ही संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा राउत ईडी के निशाने पर आए थे. इन पर आरोप था कि प्रवीण ने 55 लाख रुपये वर्षा राउत के अकाउंट में डाले. इसी पैसे वर्षा राउत ने दादर में फ्लैट खरीदा था.

इस मामले में आरोपों का सामना कर रहे  सांसद संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा को शुक्रवार पांच अगस्त को ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था. रविवार 31 जुलाई को शिवसेना सांसद संजय राउत को इस मामले में गिरफ्तार किया और उनके घर से 11.50 लाख रुपये बरामद किए गए अदालत ने राउत को चार दिन के रिमांड पर भेजने के ऑर्डर दिया. 

TMC के पार्थ चटर्जी भी ईडी के दायरे में

बेहाला दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक पार्थ चटर्जी और उनकी साथी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. इन दोनों पर साल 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले के आरोप पर ये कार्रवाई की गई थी.

इस घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री (Teacher Recruitment Scam) थे. ईडी ने छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के घरों से 50 करोड़ से ज्यादा नकदी और सोना भी बरामद किया था. बीते हफ्ते टीएमसी ने चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया और पार्टी से भी सस्पेंड कर दिया था. पांच अगस्त को कोलकाता की अदालत ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को की जमानत की दलीले सुनने से भी इंकार कर दिया. अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 

टीएमसी के सांसद अभिषेक भी ईडी के निशाने पर

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी ईडी (ED) के निशाने पर है. टीएमसी (TMC) सांसद अभिषेक पर प्रदेश में कोयले घोटाले के मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं. ईडी ने सांसद बनर्जी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. टीएमसी सांसद बनर्जी पर आरोप है कि आसनसोल (Asansol) के निकट कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाके में ईस्टर्न कोलफील्ड्स (Eastern Coalfields) की पट्टों पर दी गई खदानों में कोयले का अवैध खनन (Illegal Mining Of Coal) किया गया,इसमें सांसद बनर्जी का भी हाथ रहा.

सीबीआई (CBI) के मुताबिक जांच में 1,300 करोड़ रुपये के वित्तीय लेन-देन का पता चला है. इस मामले में दो महीने पहले ही ईडी ने उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी से भी पूछताछ की. उधर पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में भी बीजेपी नेताओं ने सीएम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के शामिल होने का आरोप लगाया है. 

AAP नेता सत्येंद्र जैन पर भी ED का शिकंजा

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन भी ईडी (ED) के शिकंजे में है. 30 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2017 में दर्ज किए एक केस के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में आप नेता जैन को गिरफ्तार किया था. उन पर दिल्ली में जमीन खरीदने में काले धन का पैसा लगाने का आरोप है. 

फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच के दायरे में हैं. यह केस जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) में 113 करोड़ रुपये की अनियमितता का है. जब ये घोटाला हुआ था, तब अब्दुल्ला जेकेसीए के चीफ थे. मई में ईडी ने उनके खिलाफ एक एक्सट्रा चार्जशीट दायर की थी. इससे अलावा दिसंबर 2020 में ईडी ने अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की कुर्की की थी. लेकिन अब्दुल्ला इन आरोपों को नकारते रहे हैं.

अजित पवार, NCP

एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) अपने परिवार के सदस्यों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं. ED ने आरोप लगाया है कि कई बेनामी संपत्तियों में अवैध धन का इस्तेमाल किया गया था, जिन्हें हाल ही में कुर्क किया गया था. एनसीपी के ही नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को ईडी ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके कुछ नजदीकी साथियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्त में लिया था. मलिक के खिलाफ ईडी ने अदालत में पांच हजार से अधिक पृष्ठों की चार्जशीट दायर की थी. हालांकि मलिक ने इन आरोपों को नकारा था. इन दिनों एनसीपी के नेता जेल में हैं.

पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी

पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी से भी ईडी के निशाने पर है. साल 2018 में उनके भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के अवैध रेत खनन मामले में पूछताछ के लिए ईडी उन्हें भी तलब कर चुकी है. पंजाब के चुनावी अभियान में अवैध रेत खनन का मुद्दा सबसे चर्चित मुद्दों में से एक था.



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