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छत्तीसगढ़ में 2 पटवारियों निलंबित.. कलेक्टर ने जारी किया आदेश...शासकीय भूमि में कूटरचना और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का आरोप
छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा में भ्रष्टाचार के आरोप में 2 पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। शासकीय भूमि में कूटरचना और रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के आरोप में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने इन पर निलंबन की कार्रवाई की। जैजैपुर तहसील के ग्राम झालरौंदा के पटवारी संतोष कहरा (प.ह.नं- 03) और ग्राम कोटेतरा के पटवारी विनोद डाहिरे (प.ह.नं- 08) के खिलाफ प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई हुई।
कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, तहसील ऑफिस जैजैपुर ने प्रतिवेदन में सरकारी भूमि में कूटरचना और शासकीय रिकॉर्ड में गड़बड़ी की बात लिखी थी। जिसके बाद पटवारी संतोष कहरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सक्ती को जांच अधिकारी नियुक्त कर विभागीय जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
निलंबित पटवारी संतोष कहरा।
पटवारी विनोद डाहिरे भी सस्पेंड
पटवारी विनोद डाहिरे को भी सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों पटवारियों का मुख्यालय तहसील कार्यालय सक्ती किया गया है। इस अवधि में नियमानुसार दोनों पटवारियों को जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
निलंबित पटवारी विनोद डाहिरे।
शासकीय जमीन का लेनदेन कर चढ़ा दिया था किसानों के नाम पर
इन पटवारियों ने अपने हल्का नंबर क्षेत्र की शासकीय जमीनों को पैसों के लेनदेन के बाद लोगों की निजी भूमि में सम्मिलित कर दिया था। इसकी शिकायत तहसीलदार, कलेक्टर और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल तक से की गई थी। इसके बाद दोनों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में आरोप सही पाए जाने पर दोनों पटवारियों को निलंबित किया गया है, साथ ही SDM सक्ती रैना जमील को विभागीय जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
आदेश की कॉपी।
पटवारी संतोष कहरा पर ACB ने भी की थी कार्रवाई
पटवारी संतोष कहरा पर पहले भी एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई हुई थी। उस पर जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप था। उसे एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) बिलासपुर की टीम ने जांजगीर के तहसील कार्यालय में रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।
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