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*भूपेश जी सिर्फ हवाहवाई बाते , प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहीं जरूरी दवाएं आम जन परेशान जिम्मेदार कौन? - कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष।* 16-Sep-2022
*भूपेश जी सिर्फ हवाहवाई बाते , प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहीं जरूरी दवाएं आम जन परेशान जिम्मेदार कौन? - कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष।* *छत्तीसगढ़ के 1,066 सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 55 ही राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक में उतरे खरे बाकी के भगवान मालिक - वदूद आलम, प्रदेश उपाध्यक्ष,आप।* *प्रदेश में छोटे-बड़े अस्पताल व नर्सिंग होम मिलाकर करीब 800 निजी अस्पताल है। इसमें से सिर्फ सात के पास ही एनएवीएच प्रमाण पत्र है बदहाल स्वस्थ सेवाओं का जिम्मेदार कौन ? - आप* आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी प्रश्न किया है कि आपकी हवाहवाई बातों से प्रदेश की जनता अब ऊब चुकी है क्योंकि आप की सरकार स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवा भी आप जन को नही दे पा रही है और आप आप आपने पिछले साढ़े तीन में कुछ नही किया और अब सिवा घोषणा के आप कुछ भी नही कर रहे है । लोकल पर्चेस भी धडल्ले से चालू है लेकिन तब भी मरीजों के लिए दवाओं की कमी लगातार बनी हुई है। भूपेश जी सिर्फ हवाहवाई बाते कर जन मानस में अपनी छवि चमकाने में लगे है उन्हे बिल्कुल भी चिंता नहीं की प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहीं जरूरी दवाएं हो प्रदेश में आम जन परेशान हो रहे है। प्रदेशभर के सरकारी अस्पताल और रायपुर में भी दवाओं का टोटा है। गंभीर बीमारी तो दूर मरीजों को सामान्य सी खासी तक की दवाई नहीं मिल रही है। सीजीएमएससी से सप्लाई नहीं होने के कारण अस्पतालों में मरीजों को बाहर से दवा लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल मे लोकल पर्चेस भी की जा रही है, लेकिन लोकल पर्चेस की लिमिट होने के कारण दवाई पर्याप्त नहीं होने के कारण कई मरीज को दवा बाहर में लेनी पड़ रही है। अस्पताल प्रशासन द्वारा दवाओं की सप्लाई को लेकर लगातार दबाव है लेकिन पिछले तीन-चार माह से दवा सप्लाई नहीं की जा रही है। अस्पतालों में दवा नहीं मिलने पर अस्पताल के डॉक्टरों को मरीजों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।अस्पतालों , सरकारी कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र आदि तो नाम को दिखाने के बोर्ड मात्र रह गए है और भ्रष्टाचार के केंद्र बन गए है। प्रदेश उपाध्यक्ष वदूद आलम ने बताया कि प्रदेश के 1,066 सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 55 ही राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक में खरे उतरे है ये बहुत ही गंभीर बात है इसपर मुख्य मंत्री का घेराव और जन आंदोलन करने हम बाध्य है।कुल 28 जिला अस्पतालों में 10 और 174 सीएचसी में सिर्फ सात बेहतर हालत में पाए गए। इतना ही नहीं 1,066 में से पीएचसी, सीएचसीय के पास राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्रमाण पत्र 1011 के पास नहीं है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि भूपेश बघेल जी के प्राइवेट अस्पतालों की बढ़ चढ़ कर तारीफ और हर गांव तक पहुंचने की और ppp model में अस्पताल आदि की घोषणा की हवा निकल गई है क्योंकि प्रदेश में आठ सौ से अधिक निजी अस्पताल है और उनकी हालत तो सरकारी अस्पतालों से भी बदतर है कारण की सिर्फ 7अस्पताल ही गुणवत्ता का एनएबीएच प्रमाणित है। प्रदेश में शासकीय अस्पतालों से काफी बुरी स्थिति निजी अस्पतालों की है। राज्य निजी अस्पताल बोर्ड के अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता ने खुद बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार हास्पिटल्स ( एनएबीएच) निजी अस्पतालों की गुणवता के मापदंडों को सुनिश्चित करता है। प्रदेश में छोटे-बड़े अस्पताल व नर्सिंग होम मिलाकर करीब 800 निजी अस्पताल है। इसमें से सिर्फ सात के पास ही एनएवीएच प्रमाण पत्र है। 99 प्रतिशत अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की कमी, अधिकतर में इमरजेंसी सेवाओं में विशेषज्ञ चिकित्सको का न होना, पार्ट टाइम चिकित्सक वनर्सिग कर्मियों की सेवाएं, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। गलत इलाज, अधिक पैसे वसूली की ढेरों शिकायतें शासन के पास लंबित है । आम आदमी पार्टी का कहना है कि आम जन कोई शिकायत भी करते है तो वो शिकायत दबा दी जाती है क्योंकि भ्रष्टाचार में लिप्त बघेल सरकार स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार दोनो साठ गाठ से चल रहे है और प्रदेश की जनता भुगत रही है। आम आदमी पार्टी अब ये सब चलने देने वाली नही है और भूपेश सरकार के दौर की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के विरुद्ध आवाज बुलंद करेगी और आने वाले २०२३ के चुनाव में जनता के साथ मिलकर इन जुमले और झूठे वादे करने वाले नुमाइंदों को शासन से उखाड़ बाहर करेगी।


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