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एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान में जन भागीदारीता हेतु दिया गया प्रशिक्षण जिले के बीपीआरसी, बीपीसी युवोदय एवं स्वयंसेवक प्रशिक्षण में हुए शामिल 29-Sep-2022

गुरूवार को जिला कार्यालय में एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान के अंतर्गत जन भागीदारीता द्वारा इसके संचालन एवं समन्वय हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस प्रशिक्षण में पंचायत विभाग के विकासखण्ड पंचायत संसाधन समन्वयक (बीपीआरसी), युवोदय कोंडानार अभियान के विकासखण्ड कार्यक्रम समन्वयक (बीपीसी) एवं युवोदय के स्वयं सेवकों ने हिस्सा लिया। जिसमें उन्हें जिला प्रशासन द्वारा जिले से एनीमिया से पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों की जांच एवं उपचार हेतु कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में प्रारंभ किये गये एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान अंतर्गत ऐप द्वारा एनीमिक क्षेत्रों के चिन्हांकन एवं ऐसे क्षेत्रों में जन जागरूकता हेतु समुदाय में सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन अभियान को जन भागीदारीता से संचालित करने के संबंध में जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि किस प्रकार लोगों की छोटी-छोटी आदतों में परिवर्तन से स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। जिसके लिए उन्हें जन सहयोग लेते हुए गांव-गांव में जागरूकता हेतु कार्यक्रम जैसे नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन, रैली के माध्यम से प्रचार करने का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अभियान के तहत् प्रशिक्षण प्राप्त बीपीआरसी अपने-अपने विकासखण्डों में जाकर सरपंच, सचिवों एवं जनप्रतिनिधियों को एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान की जानकारी देने के साथ उसके ऐप के संचालन की जानकारी देंगे साथ ही गांव की संस्थाओं को एनीमिया मुक्त बनाने हेतु ग्राम स्तर पर नवाचारी प्रयोग करने के लिए भी जनप्रतिनिधियों को अग्रसर करेंगे। वहीं युवोदय कोंडानार के स्वयंसेवकों को विकासखण्ड समन्वयकों द्वारा प्रशिक्षण देकर विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा जागरूकता प्रसार किया जायेगा।
ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा जिले में एनीमिक महिलाओं एवं किशोरियों की जांच एवं उपचार द्वारा कोण्डागांव को स्वस्थ बनाने के लिए एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान में मिशन के रूप में कार्य करते हुए प्रथम चरण में 15 से 25 वर्ष तक की स्कूली छात्राओं की हीमोग्लोबिन जांच कर एनीमिक छात्राओं को ऑयरन फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान की जायेंगी साथ ही ऐसे संस्थानों में रिकॉल पद्धति का प्रयोग कर नोडल शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को खाने पर विशेष ध्यान देने हेतु जागरूक किया जायेगा एवं ऐसी संस्थाएं जो एनीमिया से मुक्त हो जायेंगी उन्हें एनीमिया मुक्त संस्थान के रूप में सम्मानित भी किया जायेगा। इसके अतिरिक्त ऐप के माध्यम से महिलाओं में एनीमिया के स्तर का नियमित निरीक्षण किया जायेगा। ऐसी महिलाएं जिन्हें चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता होगी उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी। इस अभियान क संचालन जिला प्रशासन के महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इसमें एनीमिया मुक्त ग्राम एवं शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण हेतु जनप्रतिनिधियों एवं संस्था प्रभारियों को आगे आकर नवाचारी तरीकों से एनीमिया मुक्ति हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय उत्सवों में सम्मानित भी किया जायेगा।



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