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गुरुवाणी का प्रकाश नई पीढ़ी तक ले जाना ही कीर्तन समागम का मुख्य उद्देश्य : अलौकिक कीर्तन समागम
राजधानी रायपुर के गुरुनानक नगर (श्यामनगर ) गुरूद्वारे में अलौकिक कीर्तन समागम सोसायटी और गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा द्वारा इस वर्ष भी 23 से 26 जनवरी तक अलौकिक कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है।
तीन दिवसीय अलौकिक कीर्तन समागम में देशभर के रागी जत्थे शामिल होकर संगत को निहाल कर रहे है |
अलौकिक कीर्तन समागम का संचालन कर रहे ज्ञानी हरइक़बाल सिंह बाली ने कहा कि इस समागम में ओड़िसा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से सिक्ख समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी पहुंच रहे हैं और रागी जत्थे कीर्तन और कथा से सबको निहाल कर रहे हैं |
इस बार जालन्धर से मेहबराणा सिंह, चंडीगढ़ से लवनीत सिंह, पटियाला से जसकरण सिंह, दरबार साहिब अमृतसर से करनैल सिंह, सतनाम सिंह जैसे जाने माने कीर्तनकार, रागी जत्थे कथाकार शामिल हुए है |
आलौकिक कीर्तन समागम में विशेष रूप से ज्ञानी पिंदर पाल सिंघ आध्यात्मिक ज्ञान से साधसंगत को निहाल कर रहे हैं।
ज्ञानी हर इकबाल सिंघ बाली ने कहा कि गुरुवाणी का प्रकाश नई पीढ़ी तक ले जाना ही कीर्तन समागम का मुख्य उद्देश्य है।
गुरुग्रंथ साहिब में लिखी विभिन्न संतों की वाणी सुनने सिख समाज के लोग उमड़ रहे हैं।
गुरुनानक नगर में सजाए गए विशेष दीवान में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा कीर्तन समागम चल रहा है। कीर्तन समागम के दूसरे दिन भी जत्थों को सुनने काफी श्रद्धालु पहुंचे। गुरुग्रंथ साहिब में सभी वर्गो को जोड़ने का ज्ञान है | अरदास अर्थात प्रार्थना में सरबत के भले अर्थात सभी के अच्छे के लिए हाथ जोड़ कर वाहेगुरु के आगे सीस झुकाया जाता है|
CG 24 News-Singhotra
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