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*रेरा उपभोक्ताओं की नहीं बिल्डरों की हितैषी संस्था* 18-Apr-2023

Real estate regulatory authority अर्थात ( रेरा) की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में 

*रेरा का काम क्या सिर्फ जुर्माना लगाना ही है ?

आरोपियों पर क्यों नहीं होती अपराधिक कार्रवाई ? Spacial Report - CG 24 News

रेरा उपभोक्ताओं की जगह बिल्डरों की हितैषी संस्था - रेरा का काम क्या सिर्फ जुर्माना लगाना ही है ? - आरोपियों पर क्यों नहीं होती अपराधिक कार्रवाई ?* *प्रमाण सहित सबूत उपलब्ध करवाने वाले पीड़ितों की रेरा में नहीं होती सुनवाई*

 

Raipu : लुभावने ऑफर, बंपर स्कीम और तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का लालच देकर मकान फ्लैट बेचने वाले बिल्डर अपना प्रोडक्ट बेचने के बाद अपने ग्राहकों, मकान मालिकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं, उसके साथ किए गए वायदे पूरे नहीं करते, घोषित सुविधाएं देने से मुकर जाते हैं और जब अपने आप को ठगा सा महसूस करने वाले ग्राहक इनकी शिकायत संबंधित संस्थाओं और अधिकारियों से करते हैं तो वहां भी उन्हें किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता | बिल्डरों के लिए नियम शर्तों का पालन करवाने के लिए बनाई गई संस्था रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ( रेरा ) के अधिकारी भी पहले तो इतनी लंबी प्रक्रिया में उलझा कर ग्राहक को न्याय देने में बरसों लगा देते हैं यदि कोई धैर्यवान पीड़ित उपभोक्ता लगातार न्याय पाने प्रयासरत रहता है तो रेरा के अधिकारी अपने आपको बचाने बिल्डर पर नाम मात्र का जुर्माना लगाकर पल्ला झाड़ लेते हैं परंतु पीड़ित उपभोक्ता की समस्या का निराकरण नहीं करवाते | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यूं तो अनेकों बिल्डर हैं जो अपने प्रोजेक्ट, अपने मकान, अपने फ्लैट, अपनी कालोनियों, दुकानों, शॉपिंग कंपलेक्स की बिक्री के पहले अनेकों प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का लिखित आश्वासन अपने पंपलेट - ब्रोशर आदि के माध्यम से करते हैं परंतु अपने मकान - फ्लैट या संबंधित प्रोजेक्ट की बिक्री के बाद ग्राहकों से किए गए वादों को पूरा करने से पीछे हट जाते हैं | इन्हीं बिल्डरों में से एक बिल्डर है संस्कार बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड जिनका कार्यालय जलविहार कॉलोनी रायपुर में है, इनका एक लग्जरी, लाइफ़स्टाइल वाला मॉडल एमेनिटीज के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस मल्टीस्टोरी, महल रूपी प्रोजेक्ट सृष्टि प्लाजो के नाम से सेंट जेवियर स्कूल रोड अवंती विहार रायपुर में लगभग 10 साल पहले शुरू किया गया, जिसमें अनेकों व्यक्तियों परिवारों सहित बीरेंद्र सिंघानिया नामक व्यक्ति ने भी दो फ्लैट यह सोचकर खरीदें कि परिवार के साथ सुकून का जीवन बिताएंगे, परंतु उन्हें क्या पता था कि अपना प्रोडक्ट बेचने के बाद बिल्डर अपने द्वारा किए गए लिखित वायदों को पूरा करने में आनाकानी करेगा और बिल्डर की धोखाधड़ी के कारण सृष्टि प्लाजो में रहने वालों का सुकून छिन जाएगा और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा| संस्कार बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट सृष्टि प्लाजो में बिल्डर द्वारा जो सुविधाएं देने का वादा किया गया था वह पूरा नहीं करने पर की गई शिकायतों पर बिल्डर द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, तब परेशान होकर बीरेंद्र सिंघानिया ने इस मामले से संबंधित सभी विभागों जिसमें रेरा कार्यालय भी शामिल है में लिखित शिकायतें देकर न्याय की मांग की | शिकायतों के बावजूद जांच करने कोई भी अधिकारी सामने नहीं आया ऐसा लगता है कि शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है | पीड़ित बरसों से परेशान है और बिल्डर अधिकारियों की कृपा से शिकायतों के घेरे में नहीं आ रहे हैं | क्या कारण है कि बिल्डर शासन की गाइडलाइन के अनुसार प्रोजेक्ट रिपोर्ट तो बनाते हैं परंतु धरातल पर शासन प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं करते ? इन बिल्डरों पर नजर रखने वाली शासकीय संस्था रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ( रेरा ) के अधिकारी बिल्डरों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट का स्थल निरीक्षण करने जाते ही नहीं क्यों ? - नगर निवेश या नगर निगम सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी दफ्तरों में बैठे-बैठे एनओसी अर्थात अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं क्यों ? - *यदि बिल्डरों द्वारा ग्राहकों के साथ इसी तरह धोखाधड़ी की जाती रहेगी तो इन संबंधित विभागों सहित रेरा कार्यालय के होने का क्या फायदा ?* रेरा कार्यालय सफेद हाथी के साथ-साथ भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है, रेरा के अधिकारी शिकायतों के प्रमाणित होने पर सिर्फ जुर्माना क्यों लगाते हैं ? पीड़ितों को न्याय क्यों नहीं दिलवाते ? आरोपी बिल्डर पर अपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं करवाते ? *वक्त है बदलाव के नारे के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल के सत्ता संभालने के बाद भी किसी भी विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नजर नहीं आता | अब ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दोबारा सत्ता में आने के प्रयासों पर संदेह नजर आता है | बहर हाल प्रदेश के बेलगाम अधिकारियों पर मुख्यमंत्री कोई सख्त कार्रवाई करते हैं कि नहीं कहा नहीं जा सकता | *CG 24 News - Singhotra*



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