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सावधान : सात नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती किए गए छात्र-छात्राएं केवल छत्तीसगढ़ में ही नौकरी कर पाएंगे वह भी सरकारी नौकरी की कोई गारंटी नही 30-Oct-2018
*चला चली की बेला में खोले गए नर्सिंग कॉलेजों से छत्तीसगढ़ के छात्रों का भविष्य खतरे में* इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों को ताक में रखकर चला चली की बेला में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा खोले गए सात नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती किए गए छात्र-छात्राएं केवल छत्तीसगढ़ में ही नौकरी कर पाएंगे और छत्तीसगढ़ में स्थित किसी भी केंद्रीय संस्थान में उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी. इस नियम का उल्लेख नर्सिंग काउंसलिंग के दौरान किए जाने से स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जाते-जाते अपने चहेतों को ही उपकृत किया है और नियमों की घोर अवहेलना की गई है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल से अनुमति नहीं लिए जाने के फलस्वरूप बीएससी और एमएससी डिग्री छत्तीसगढ़ के बाहर अवैध हो जाएगी इसके पूर्व में शासन में बहुत सारे नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता अस्पतालों से ना केवल समाप्त की थी बल्कि अपेक्षाकृत अधिक नर्सिंग कॉलेज हो जाने के कारण और नर्सिंग बेरोजगारों की संख्या बढ़ने के खतरे को देखते हुए केवल अनुसूचित क्षेत्रों में ही नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया गया था। आनन-फानन में 14 सितंबर को 7 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं वह या तो भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों विधायकों के रिश्तेदार हैं या उनके चहेते हैं जहां न तो इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंड अपनाए गए हैं ना ही संबंधित अस्पताल मौजूद हैं और ना ही डिलीवरी ,सर्जरी, मेडिकल वार्ड, ऑर्थो और आईसीयू वार्ड है, ना ही मापदंड के अनुसार लेबोरेटरी, लाइब्रेरी और स्टाफ है इसी प्रकार संदीपन कॉलेज मस्तूरी में एमएससी नर्सिंग कॉलेज की 20 सीटों की अनुमति दी गई है जबकि वहां मापदंड के अनुसार अनुभवी स्टाफ ही नहीं है आनन-फानन में खोले गए इन 7 नर्सिंग कॉलेजों के अलावा पहले से ही मौजूद नर्सिंग कॉलेजों में ज्यादातर में 20% से 35% सीटें खाली जा रही हैं अन्य भाजपा शासित राज्यों जैसे मध्य प्रदेश में राज्य द्वारा नर्सिंग कॉलेज को अनुमति देने हेतु प्रस्ताव राज्य कैबिनेट से पारित किए जाने का प्रावधान किया गया है जबकि छत्तीसगढ़ में स्वयं स्वास्थ्य मंत्री अपने आप को केबिनेट बना कर रातों-रात गुपचुप अनुमति दे गए हैं इन कॉलेजों में प्रवेश लेने वाला विद्यार्थी उत्तीर्ण होने के बाद संभवत पढ़ा लिखा बेरोजगार हो जाएगा क्योंकि केवल छत्तीसगढ़ राज्य के प्राइवेट अस्पतालों में ही उसे नौकरी मिल पाएगी । इस डिग्री में इंडियन नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रेशन ना होने से डिग्री रजिस्ट्रेशन के अभाव में करीब करीब अवैध होगी कॉलेज संचालकों की गैर जिम्मेदारी की बात करते हुए डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि उन्हें फीस की मोटी रकम से मतलब है इन सभी कॉलेजों को अपनी वेबसाइट में *शर्त क्रमांक 7 के अनुसार प्रदत्त डिग्री केवल छत्तीसगढ़ राज्य में कार्य करने हेतु मान्य* की जानकारी देनी है लेकिन संभवत किसी भी कॉलेज वाले ने अपनी वेबसाइट में जानकारी नहीं दी है छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉ राकेश गुप्ता ने यह पत्र लिखकर संचालक चिकित्सा शिक्षा को काउंसलिंग के दौरान अनिवार्य शर्त का उल्लेख करने का आग्रह किया है जिसमें छत्तीसगढ़ के भोले भाले छात्रों को यह जानकारी ऐडमिशन से पहले ही मिल सके कि उनकी डिग्री का रजिस्ट्रेशन इंडियन नर्सिंग काउंसिल में नहीं हो पाएगा । इसी प्रकार स्टेट नर्सिंग काउंसिल, आयुष विश्वविद्यालय सहित सभी विभाग गुणवत्ता विहीन कार्य में स्वास्थ्य संचालक के सहभागी है . डॉ राकेश गुप्ता अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजीव भवन शंकर नगर रायपुर


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