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पुल टूटने के 7 साल बाद भी नहीं बनाया गया - क्या इसे ही कहते हैं विकास ? 19-Oct-2019
रोबिट गुप्ता रिपोर्टर जिला बलरामपुर-* प्रदेश में सरकारें तो कई बार बदली,कई बार विकाश के बड़े-बड़े दावे भी किये गए मगर इन सभी दावों के बावजूद भी विकाश सिर्फ फाइलों में ही सिमट कर रह गया है जमीनी स्तर पर विकास किस चिड़िया का नाम है ये तो लोगों को पता ही नही। ये पूरा वाकया है बलरामपुर जिले के ग्राम पचावल का है जहां पांगन नदी पर बना पुल लगभग 7 साल पहले ही टूट चुका है जिसका पुनः निर्माण आज तक नही हो सका है,आपको बता दें कि ये पुल पूरी तरह से टूट चुका है मगर छत्तीशगढ़ के इस भाग को उत्तरप्रदेश से जोड़ने का ये एक मात्र साधन होने की वजह से जोग जान जोखिम में डालकर पुल को पार करते है,बरसात के दिनों में तो परेशानी और बढ़ जाती है क्योंकि नदी में पूरा पानी भर जाने की वजह से पुल के नीचे से जाना संभव नही रहता है नतीजतन लोगों को टूटे हुए पुल को ही पार करना पड़ता है,लोगों ने बताया कि कई बार इस पुल में दुर्घटनाएं भी हो चुकी है जिसमें कइयों के हाथ पैर भी टूट चुके हैं मगर प्रशासन अभी भी किसी बड़ी दुर्घटना के होने की बाट जोह रहा है। बाइट01_रामसेवक यादव, राहगीर। बाइट03_रामानंद पाल,राहगीर। वीओ02_लोगों ने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई बावजूद इसके उन्हें झूठे आस्वासन के शिवा और कुछ भी हाथ नही लगा नेता चुनाव के समय इस पुल के निर्माण की बातें तो जरूर करते हैं मगर ये बातें महज बातें ही बन कर रह जाती है। बाइट02_संजय गुप्ता स्थानीय उपसरपंच वीओ03-मामले में जब बलरामपुर जिला कलेक्टर संजीव कुमार झा से बात की गई तो उन्होंने प्रपोजल भेज कर पुल निर्माण की बात कही है। बाइट04_संजीव कुमार झा कलेक्टर बलरामपुर बहरहाल अधिकारी पुल निर्माण कराने की बात जरूर कह रहे हैं मगर ये बातें अब पुरानी हो चुकि हैं और जनता भी अब झूठे वादों से ऊब चुकि है मगर प्रदेश की नई सरकार से लोगों को उम्मीदें जरूर हैं,देखने वाली बात होगी क्या नई सरकार इस पुल का निर्माण करा पाति या लोगों अभी कुछ साल और निराशा का घूंट पीकर चुप रहना होगा।


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