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कोरबा : इस बार दस हजार हेक्टेयर अधिक रकबे में होगी रबी फसलों की खेती, जिला स्तर पर लक्ष्य तय 22-Nov-2019

कोरबा : चालू रबी मौसम 2019 में कोरबा जिले में पिछले वर्ष की तुलना में दस हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में रबी फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष रबी मौसम में 42 हजार 550 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होगी, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में दस हजार 150 हेक्टेयर अधिक है। चालू रबी मौसम में नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत् स्थापित किये गये सभी गौठानों के आसपास साग-सब्जियों के साथ-साथ मक्का, तिल, सरसों आदि फसलों की खेती के लिये बाड़ियॉं भी विकसित की जायेंगी। गौठानों से लगी इन बाड़ियों में गौठान संचालन समिति की महिलायें सामूहिक खेती करेंगी, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। कलेक्टर  किरण कौशल ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक में विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. जयवर्धन, उप संचालक कृषि  श्यामकुंवर, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रात्रे सहित विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी भी शामिल हुये। बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों का निर्देषित किया कि इस वर्ष रबी फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ गौठानों वाले गांवों में भी रबी की खेती बढ़नी चाहिये। उन्होंने चालू रबी मौसम में किसानों द्वारा लगाई जाने वाली फसलों की पूरी जानकारी रकबे सहित संधारित करने के निर्देष ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को दिये। 6कौशल ने गौठानों वाले गांवों और उनके आसपास की पॉंच किलोमीटर की परिधि में कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी सहित मछलीपालन विभाग की सभी गतिविधियॉं एकीकृत रूप में संचालित करते हुये किसानों को इन विभागों की योजनाओं से अधिक से अधिक लाभान्वित करने के निर्देश दिये। उन्होंने गौठानों के आसपास की शासकीय भूमि पर गौठान समिति के सदस्यों द्वारा उद्यानिकी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के भी निर्देष अधिकारियों को दिये।  कौशल ने ऐसी भूमि पर फलदार पौधों का वृक्षारोपण सहित अंतवर्तीय फसलों की खेती और फूल या साग-सब्जी की खेती के लिये भी ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये।
    रबी मौसम में दस हजार बाड़ियॉं विकसित करने चलेगा बाड़ी आन्दोलन- कलेक्टर श्रीमती कौषल ने चालू रबी मौसम में दस हजार ग्रामीणों के यहॉं नई बाड़ियॉं विकसित करने के लिये अधिकारियों को बाड़ी आन्दोलन चलाने के निर्देष दिये। उन्होंने ग्रामीणों के घरों से लगी बाड़ियों, गौठानों से लगी बाड़ियों सहित चारागाहों के आसपास भी बाड़ियॉं बनाकर साग-सब्जी, फूलों की खेती के साथ-साथ मक्का, तिल या सरसों की भी खेती कराने के निर्देष अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौषल ने बाड़ियों के लिये सामूहिक नलकूप, सामूहिक फैंसिंग आदि के लिये भी विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बाड़ियों में लगने वाली फसलों के बीजों की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में समय पर सुनिष्चित करने के निर्देष दिये। श्रीमती कौशल ने बाड़ियों में गौठानों से उत्पादित कम्पोष्ट- जैविक खाद का उपयोग करने के भी निर्देष अधिकारियों को दिये हैं।
गौठानों में पैरा रखने और पानी की पर्याप्त व्यवस्था के लिये हों जरूरी इंतजाम- बैठक में कलेक्टर ने सभी गौठानों में पानी की अबाध आपूर्ति के लिये विषेष व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने गौठान में आने वाले पशुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में चारे की व्यवस्था और किसानों से पैरादान से मिले पैरा को सुरक्षित रखने की व्यवस्था पहले से ही पूरी कर लेने के निर्देष दिये। श्रीमती कौषल ने अधिकारियों को निर्देषित किया कि फसल कटाई के बाद किसानों को अधिक से अधिक धान का पैरा गौठानों में दान करने के लिये प्रेरित किया जाये। उन्होंने गौठानों और चारागाहों में की गई फैंसिंग पर बेल वाली सब्जियॉं जैसे- करेला, कुंदरू, लौकी, गिलकी आदि लगाने के भी निर्देष कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को दिये। कौशल ने गौठानों में पैरा लाने के लिये खेतों से पैरा इकट्ठा करने वाली बेलन मषीन भी खरीदने के लिये जरूरी कार्यवाही शुरू करने के निर्देष कृषि विभाग के उप संचालक को दिये।



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