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हिन्दू धर्म की रक्षा करते हुए शहीद हुए गुरु तेगबहादुरजी को श्रृद्वा से कहा जाता है - हिन्द की चादर, गुरु तेगबहादुर 24-Nov-2019

हिन्दुस्तान में जब औरंगजेब का शासन था उस समय कहावत थी कि वह रोज हजारों हिन्दुओं को मुसलमान बनाने के बाद ही भोजन करता था उसके जुल्म के ज्यादा शिकार कश्मीर के पंडित होते थे । औरंगजेब की प्रताड़ना से तंग होकर कश्मीरी पंडित गुरु तेगबहादुर के पास आए और उन्हें बताया कि किस तरह ‍इस्लाम धर्म स्वीकारने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और न करने वालों को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही हैं। हमारी बहू-बेटियों की इज्जत को लूटा जा रहा है। खतरा है। हमें बुरी तरह मारा जा रहा है। कृपया आप हमारी रक्षा कीजीये। 

जिस समय यह लोग समस्या सुना रहे थे उसी समय गुरु तेगबहादुर के नौ वर्षीय पुत्र गोविंद सिंह वहां आए और पिताजी से पूछा कि यह लोग इतने उदास क्यों हैं? आप इतनी गंभीरता से क्या सोच रहे हैं?

गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों की सारी समस्या बताई तो गोविंद सिंह ने कहा- इसका निदान कैसे होगा ? गुरु तेग बहादुर जी ने कहा कि इसके लिए बलिदान देना होगा। बाला प्रीतम ने कहा कि आपसे महान पुरुष मेरी नजर में कोई नहीं है, भले ही बलिदान देना पड़े पर आप इनके धर्म को बचाइए।


गुरु तेगबहादुर जी ने उन पंडितों से कहा कि जाकर औरंगजेब से कह ‍दो ‍अगर गुरु तेगबहादुर ने इस्लाम धारण कर लिया तो हम भी कर लेंगे और अगर तुम उनसे इस्लाम धारण नहीं करा पाए तो हम भी इस्लाम धारण नहीं करेंगे और तुम हम पर जबरदस्ती नहीं कर पाओगे। औरंगजेब ने इस बात को स्वीकार कर लिया। 
औरंगजेब ने गुरु तेगबहादुर जी कों तरह-तरह के लालच दिए। किंतु बात नहीं बनी तो उन पर बहुत जुल्म किए। उन्हें कैद कर लिया गया, उनके दो शिष्यों को मारकर उन्हें डराने की कोशिश की, पर गुरु तेगबहादुर टस से मस नहीं हुए।

उन्होंने औरंगजेब को समझाइश दी कि अगर तुम जबरदस्ती करके लोगों को इस्लाम धारण करने के लिए मजबूर कर रहे हो तो यह जान लो कि तुम खुद भी सच्चे मुसलमान नहीं हो क्योंकि तुम्हारा धर्म भी यह शिक्षा नहीं देता कि किसी पर जुल्म किया जाए।
औरंगजेब को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया। उसने दिल्ली के चांदनी चैक पर गुरु साहिब के शीश को काटने का हुक्म दे दिया और गुरु साहिब ने हंसते-हंसते अपना शीश कटाकर बलिदान दे दिया। इसलिए गुरु तेगबहादुरजी की याद में उनके शहीदी स्थल पर एक गुरुद्वारा स‍ाहिब बना है, जिसका नाम गुरुद्वारा शीश गंज साहिब है।

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