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नेशनल लोक अदालत में लाखों लोगों को मिला त्वरित न्याय 21-Sep-2024

लाखो लोगों को मिला त्वरित न्याय

वर्ष के तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन

वर्ष के तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय रायपुर में लाखो लोगों को मिला त्वरित न्याय। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुकम में माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 21/09/2024 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष / प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमान हेमंत सराफ, जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री हितेन्द्र तिवारी, द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारीगण, राजस्व अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिंटियर, विधि एवं स्कूल के छात्र छात्रायें भी उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने कहा कि, नालसा एवं सालसा के माध्यम से पुरे देश भर में इस वर्ष का तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हम सभी के बहुत महत्वपूर्ण सहभागिता है और हम सभी के संयुक्त प्रयासो से ही नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जनता तक सरल वः सहज तरीके से न्याय पहुंचेगा। इस लोक अदालत में सभी प्रकार के प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण दाण्डिक प्रकरण, सिविल वाद एवं राजस्व प्रकरणों के निराकरण के साथ ही पेंशन लोक अदालत के माध्यम से पेंशन प्रकरण तथा मोहल्ला लोक अदालत के माध्यम से जनोपयोगी सेवाओं के प्रकरणों के निराकरण किया जायेगा साथ ही साथ प्री-लिटिगेशन प्रकरणो (जो अदालत तक पहुँचने के पूर्व) का भी निराकरण किया जायेगा। उन्होने बताया कि, नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार ट्रैफिक लाउडिस्पीकर के माध्यम से तथा रेल्वे स्टेशन में रेल्वे अलाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से एवं पैरालीगल वालिटिंयर के माध्यम से तथा ग्रामिण क्षेत्रों में कोटवारो के द्वारा मुनादी कराकर नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार कराया गया । लोक अदालत में जिनका भी राजीनामा योग्य प्रकरण लम्बित है उनकों प्रोत्साहित किया गया। जिन पक्षकारों को किसी भी प्रकार की शंका हो उनको परामर्श हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा तालुका विधिक सेवा समिति, गरियाबंद, देवभोग, राजीम, तिल्दा से सम्पर्क कर अपने प्रकरणों के संबंध में जानकारी लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया । श्री रमेश कुमार चौहान, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा व्यक्त किया गया कि, प्रदेश में पुनः एक बार दिव्यांग जनों के लिये नालसा, सालसा तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं की सफलता हेतु माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय रायपुर द्वारा एक अभूतपूर्व पहल करते हुए समाज कल्याण विभाग रायपुर के सहयोग से दिव्यांग एवं वरिष्ठ जन हितग्राहियों को व्हील चेयर एवं श्रवण यंत्र का वितरण, शिक्षा विभाग के सहयोग से छात्राओं को सायकिल, पाठ्यपुस्तकों तथा गणवेश, का वितरण इसी प्रकार श्रम विभाग के सहयोग से नालसा की (असंगठित क्षेत्र के कामगारों को निःशुल्क विधिक सहायता योजना 2015) के अंतर्गत हितग्राहियों को चेक वितरण एवं वन विभाग के सहयोग से पर्यावरण जागरूकता संदेश देते हुए पक्षकारों एवं आमजनों को निःशुल्क पौधा वितरण किया गया। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से रेडी टू ईट प्रदर्शनी किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं गुरुद्वारा धन धन बाबा साहिब जी तेलीबांधा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में सैकड़ो किलोमीटर से आये पक्षकारो को न्याय के साथ साथ निःशुल्क भोजन प्राप्त हुआ जिससे उनके चेहरों पर संतोष दिखा दी, न्याय पालिका के माध्यम से उन्हे हर प्रकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन पर पक्षकारो ने की फूलों के हार से उनका स्वागत किया । उक्त छ०ग० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन के द्वारा त्वरित निर्णय करते हुए राहत पहुँचायी गयी। उक्त लोक अदालत का आयोजन न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया। मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन सभापति/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया मोहल्ले वासियों द्वारा उनका स्वांगत किया गया। उनके द्वारा 192 प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया स्थलो का नाम - जोन क्रमांक 01 (वीर शिवाजी वार्ड), जोन क्रमांक 04 (सुभाष स्टेडियम), जोन क्रमांक 10 (श्याम नगर) के स्थलो पर जाकर प्रकरणों का निराकरण किया गया। आज तृतीय नेशन लोक अदालत में निम्नानुसार प्रकरण का निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालय-103178 प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय- 131 छ०ग० राज्य परिवहन अधिकरण - 04 प्रकरण न्यायालय में लम्बित लगभग-9569 प्रकरण । प्री-लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 68587 प्रकरण का निराकरण जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 651 प्रकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को मिली कुल राशि 29,57,92819 मोहल्ला लोक अदालत 628 प्रकरण का निराकरण हुआ। (सफल कहानी) :- 10 वर्षों से अधिक लम्बित प्रकरण धारा 125 दं.प.सं. के मामले का किया गया निराकरण (माननीय हेमंत सराफ, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर )। आवेदिका के द्वारा अपने पति के विरूद्ध धारा 125 दं.प्र.सं. भरण-पोषण राशि दिलाये जाने बाबत् प्रकरण दिनांक 22.09.2008 को प्रस्तुत किया गया था, जिसमें न्यायालय द्वारा दिनांक 10.12.2008 को प्रतिमाह 5,000/- भरण पोषण राशि आवेदिका को दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में आवेदिका ने वसूली हेतु धारा 125 (3) दं.प्र.सं. का प्रकरण दिनांक 05.01.2015 को पेश किया गया किन्तु आदेश पारित करने के पश्चात भी अनावेदक के द्वारा भरण पोषण प्रदान नही की जा रही थी, जिस कारण आवेदिका को गंभीर आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अनावेदक द्वारा राशि अदा नही कर रहा था। न्यायालय के द्वारा दोनों पक्ष को समझाईश दी गई तथा उनके बीच सुलह का अथाह प्रयास किया गया, उसके पश्चात उभयपक्ष के द्वारा आपस में राजीनामा कर लिया गया । माननीय न्यायालय के समझाईश पर पति पत्नि हुए एक :- (माननीय हेमंत सराफ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर ) आवेदिका के द्वारा अनावेदिका अपने पति के विरूद्ध भरण-पोषण का प्रकरण इस आधार पर प्रस्तुत किया गया था कि, उसका पति नशा का आदि है और उसके साथ मारपीट व लड़ाई-झगड़ा कर घर से निकाल दिया है। उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा लगातार समझाईश दी जाती रही कि साथ में रहकर अपने दाम्पत्य जीवन को संवारे तथा उनके बीच-सुलह का अथाह प्रयास किया गया। अंततः पति-पत्नी अपने वाद-विवाद को भूलकर आपस में राजीनामा कर प्रकरण को वापस लेकर सुखद जीवन जीने के लिये एक साथ चले गये। सिविल वाद के प्रकरण में लोक अदालत के लाभ की जानकारी देकर पक्षकारों के आपसी सहमति से किया गया प्रकरण का निराकरण:- (माननीय कु० भारती कुलदीप, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर ) सिविल वाद प्रकरण में त्वरित निराकरण हेतु माननीय न्यायालय द्वारा पक्षकरों को लोक अदालत के लाभ से अगवत कराया गया एवं आपसी मनमुटाव को दूर कर आपस में राजीनामा करने की सलाह दी गई। पक्षकार राजीनामा हेतु तैयार हुए एवं आपसी राजीनामा करते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया । cg24news.in



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