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डीजीपी की रेस में सबसे आगे कौन ?
DGP की रेस में सबसे आगे कौन ?
नए डीजीपी की तलाश जारी
प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है. प्रदेश में नए डीजीपी की तलाश जारी है, इस बीच IPS पवन देव को वरिष्ठता के आधार पर डीजीपी की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.
गौरतलब है कि वरिष्ठ IPS अधिकारी पवन देव ने 10 जनवरी 1993 को आईपीएस के रूप में सेवा में प्रवेश किया। शुरुआत में वे बिलासपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर कार्यरत रहे और इस दौरान मस्तूरी थाना प्रभारी के रूप में भी सेवा दी। बाद में वह बिलासपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बने और राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक के पद पर भी कार्य किया। इसके अलावा वह लोक अभियोजन के संचालक के साथ-साथ छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती एवं चयन का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा, वे आईजी सीआईडी के पद पर भी रहे हैं।
बता दें कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक जून माह के अंत में हुई थी. राज्य कैडर के वरिष्ठ अधिकारियों की पदोन्नति पर विचार किया गया था. इसमें 1992 बैच के अरुण देव गौतम, पवन देव और 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता के नाम शामिल थे. विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में अरुण गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम को हरी झंडी दे दी थी. जबकि पवन देव के खिलाफ एक लंबित मामले की चल रही जांच की वजह से उनके नाम को लिफाफे में बंद रखने का फ़ैसला लिया गया था. पवन देव वरिष्ठता क्रम में अरुण देव गौतम से ऊपर हैं |
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी पवन देव पुलिस महानिदेशक पद पर पदोन्नत किए गए हैं. गृह विभाग ने आज उनकी पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया है. पवन देव इस वक़्त पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की कमान संभाल रहे हैं. पवन देव को पदोन्नति का लाभ 2 जुलाई 2024 से लागू माना जाएगा.
देखें आदेश
बता दें कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक जून माह के अंत में हुई थी. राज्य कैडर के वरिष्ठ अधिकारियों की पदोन्नति पर विचार किया गया था. इसमें 1992 बैच के अरुण देव गौतम, पवन देव और 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता के नाम शामिल थे. विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में अरुण गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम को हरी झंडी दे दी थी. जबकि पवन देव के खिलाफ एक लंबित मामले की चल रही जांच की वजह से उनके नाम को लिफाफे में बंद रखने का फ़ैसला लिया गया था. पवन देव वरिष्ठता क्रम में अरुण देव गौतम से ऊपर हैं.
DGP की रेस में सबसे आगे
प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है. प्रदेश में नए डीजीपी की तलाश जारी है, इस बीच IPS पवन देव को वरिष्ठता के आधार पर डीजीपी की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.
गौरतलब है कि वरिष्ठ IPS अधिकारी पवन देव ने 10 जनवरी 1993 को आईपीएस के रूप में सेवा में प्रवेश किया। शुरुआत में वे बिलासपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर कार्यरत रहे और इस दौरान मस्तूरी थाना प्रभारी के रूप में भी सेवा दी। बाद में वह बिलासपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बने और राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक के पद पर भी कार्य किया। इसके अलावा वह लोक अभियोजन के संचालक के साथ-साथ छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती एवं चयन का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा, वे आईजी सीआईडी के पद पर भी रहे हैं।
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