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छत्तीसगढ़ में भी चल रहा है रेत माफिया का राज - मुख्यमंत्री को अंधेरे में रख रहे हैं अधिकारी 16-Jan-2020
रायपुर -- भूपेश सरकार द्वारा प्रदेश में लाई गई रेत उत्खनन की नीति (टेंडर प्रथा ) का रेत माफियाओ द्वारा गलत फायदा उठाया जा रहा है | जो कि खनिज विभाग की मिली भगत के बगैर संभव नहीं है खनिज अधिकारी और रेत खदान संचालक आपस में मिलकर भूपेश बघेल के गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की सोच को पलीता लगा रहे हैं| खनिज अधिकारी और रेत खदान संचालक बेलगाम और बेखौफ हो कर शासन को चुना लगाते हुए अपनी जेब भर रहे है | CG 24 News को मिली जानकारी के अनुसार रेत खदानों का आबंटन हुए लगभग तीन महीने हो चुके है और सभी संचालित खदानों से रोज सैकड़ो ट्रक रेत निकाली जा रही है, लेकिन खनिज विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो सभी खदानो को जारी की गई रॉयल्टी पुस्तक की संख्या बहुत ही कम है इससे साफ जाहिर होता है कि हर रेत खदान में प्रति ट्रक रॉयल्टी देने के बजाय 100 ट्रक के पीछे 1 रॉयल्टी देते हुए शासन को रोजाना लाखो रुपये का चूना लगाया जा रहा है | और अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अंधेरे में रख घोटाला किया जा रहा है| इसी तरह आम लोगो को कम कीमत पर रेत उपलब्ध कराने हेतु भूपेश सरकार द्वारा रेत के लोडिंग मूल्य का निर्धारण किया गया था जो कि सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहा है | क्योंकि खनिज विभाग आज भी अपने मुख्यमंत्री के आदेश का पालन रेत खदानों में नही करवा पाई और रेत ठेकेदार मनमाने रूप से चार गुना अधिक लोडिंग दर वसूल रहे है ,शिकायत के बावजूद आज तक एक बार भी किसी रेत खदान संचालक पर खनिज विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिससे विभाग की संलिप्तता की आशंका प्रतीत होती है| गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का शायद यही मतलब साबित हो रहा है क्योंकि प्रदेश में रेत माफिया का राज चल रहा है| अब देखने वाली बात यह है कि पिछले 15 सालों से रेत खदानों में चल रहे भ्रष्टाचार को रोकने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों को नजरअंदाज कर उसी पुराने ढर्रे पर कार्य कर रहे अधिकारियों पर राज्य की नई कांग्रेस सरकार क्या कार्रवाई करती है ? -*


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