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क्या आप जानते हैं ? - कैसे लूट रहे हैं आपको बैंक और केंद्र सरकार ? 01-Feb-2020
अब इसे आप खुशखबरी समझे या बुरी खबर यह आप पर निर्भर है | केंद्र सरकार ने बजट में आपकी बैंकों के डिफाल्टर होने पर आप की रकम की इंश्योरेंस राशि एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी है | इस विषय को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है | यदि किसी बैंक में आपकी मेहनत की कमाई रकम 5 लाख से ऊपर अर्थात 10 लाख, 50 लाख, एक करोड़, दो करोड़, 5 करोड़, 10 करोड़, 25 करोड़, 50 करोड़ जमा है और किसी कारणवश वह बैंक डिफाल्टर हो गया तो बैंक के नियमानुसार और केंद्र सरकार की पॉलिसी अनुसार बैंक और सरकार आपको सिर्फ 5 लाख की देनदार रहेगी | बाकी की रकम के लिए आप स्वयं जिम्मेदार रहेंगे, देश का कोई कानून आपकी रकम वापस दिलाने में सहयोगी नहीं होगा | मतलब यह हुआ कि पहले की केंद्र सरकार ने आपके करोड़ों की राशि डूबने पर एक लाख रुपये भुगतान का प्रावधान रखा था | वही वर्तमान केंद्र सरकार ने आप पर एहसान करते हुए आप की करोड़ों की राशि के बदले आपको एक लाख की जगह 5 लाख रुपये देने का प्रावधान इस बजट में कर दिया है | अब इसे आप किस रूप में लेते हैं कि अपनी ही रकम केंद्र सरकार के दबाव में बैंक में रखने के बाद आप कभी भी सड़क पर आ सकते हैं, भूखों मरने की नौबत आ सकती है, इलाज के लिए तरस सकते हैं तब क्या होगा ? -- सीजी 24 न्यूज परंतु इस विकट स्थिति में ना सरकार आपका साथ देगी - ना देश का कोई कानून आपका साथ देगा - बैंक तो साथ देगा ही नहीं क्योंकि वह खुद अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर चुका है | मतलब यह कि केंद्र सरकार के नियमों के तहत आप अपने रुपयों को घर पर भी नहीं रख सकते, नगद लेनदेन नहीं कर सकते, बैंकों में रखने की बाध्यता केंद्र सरकार ने आप पर लाद दी है, और वहीं दूसरी तरफ बैंकों के डिफाल्टर ना होने की कोई गारंटी केंद्र सरकार नहीं दे रहा है | आपकी जमा रकम जिसका जमा करने का आपके पास प्रमाण है फिर भी केंद्र सरकार आपको आपकी रकम वापस करने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है| आश्चर्यजनक कानून है बैंकों के साथ मिलकर केंद्र सरकार का जनता को लूटने का ? - अब इसका दूसरा पक्ष हम आपको बताते हैं जो सुखद पक्ष भी हो सकता है ! इसके लिए अगर 10 - 20 लोग मिलकर आपस में रकम को संग्रहित कर एक बैंक की स्थापना करें और बैंक स्थापना के लिए रिजर्व बैंक के नियमों को पूरा करें और उसके बाद बिंदास होकर लोगों की रकम अपने बैंक में जमा कराएं और उस जमा रकम को अपने ही सदस्यों सहित रिश्तेदारों, जान पहचान वालों को अनेक कंपनियां बनवा कर कर्ज में देकर वापस जमा करने से मना कर दें | सीजी 24 न्यूज़ उन परिचित कर्जदारों को लगातार नोटिस पर नोटिस देकर बैंक के नियमों के अनुसार कागजी कार्रवाई पुख्ता करते रहें और अंत में कर्ज में दी गई रकम को एनपीए बताकर बैंक को डिफाल्टर घोषित कर दें | उसके बाद जिन व्यक्तियों खाताधारकों की रकम करोड़ों या 5 लाख से ऊपर की जमा है, उन्हें रुला रुला कर, बैंक के नियमों का हवाला देकर, केंद्र सरकार के नियमों को दिखाकर और कानून की बाध्यता में बांधकर परेशान कर कर के 5 लाख रुपये की रकम केंद्र एवं रिजर्व बैंक के नियमानुसार देकर अपना छुटकारा पा लेते है तो सरकार और कानून क्या करेगा कुछ भी नहीं कर सकता क्योंकि यह सब नियम उन्हीं के बनाए हुए हैं और इस प्रकार 20 लोगों द्वारा स्थापित बैंक के डायरेक्टर और सदस्य अरबों - खरबों के मालिक बन जाएंगे | और किसी भी कानून में उन पर कोई कार्यवाही नहीं होगी, जिस प्रकार आज के हालात बनाये गए हैं | सीजी 24 न्यूज़ ऐसे में अगर बैंक की स्थापना करने वालों की संख्या बढ़ जाएगी और हर बैंक प्रबंधन कुछ सालों बाद अपने आप को डिफाल्टर घोषित करने लग जाएगा तो केंद्र सरकार एवं नेताओं द्वारा बनाया गया यह नियम क्या करेगा और पीड़ित खातेदार क्या करेंगे ? इस प्रकार आम आदमी का बैंकों से भरोसा उठ रहा है जिसकी जिम्मेदार सरकारें ही हैं सरकारी अर्थात राजनीतिक दलों के नेता जो नियम कायदे कानून बनाते हैं वही जिम्मेदार हैं और रहेंगे ? देश की सरकार खुलेआम संसद में बजट के माध्यम से नियम बनाकर देश की जनता को ठगने का काम कर रही है नियमों में प्रावधान ही नहीं है कि आपकी अपनी जमा की गई करोड़ों रुपए की रकम आपको वापस मिल सके | सीजी 24 न्यूज़ इसलिए सावधान हो जाएं अपने अपने बैंकों में जाएं, सांसदों के पास जाएं, रिजर्व बैंक को लिखें, प्रधानमंत्री को लिखे और उनसे पूछें कि उनकी क्या गलती है जो उनके द्वारा जमा की गई उनके खून पसीने की कमाई रकम कोई आपकी आंखों के सामने लूट कर ले जा रहा है और आप कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार चुपचाप आंखें मूंदे आप को कानून का हवाला देकर चुप करा दे | सीजी 24 न्यूज़


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