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हजारों की भीड़ विधायक निवास कैसे पहुंची ? -कौन है जिम्मेदार ? 30-Mar-2020
22 मार्च को जनता कर्फ्यू 24 मार्च की रात 12:00 बजे से 21 दिनों का लाक डाउन घोषित होने के बाद पूरे देश के नागरिकों द्वारा घर से निकलने पर प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था प्रतिबंध के चौथे दिन जबकि शहर के चौक चौराहों मुख्य मार्गों पर पुलिस की तगड़ी चौकसी की व्यवस्था की गई थी बिना वजह घूमने वालों पर डंडे बरसाए जा रहे थे उठक बैठक कराई जा रही थी मुर्गा बनाया जा रहा था और ऐसे तगड़े प्रतिबंध और सुरक्षा व्यवस्था के बीच अचानक हजारों की संख्या में महिलाएं न्याय धानी बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले विधायक शैलेश पांडे के घर तक पहुंच जाती हैं और पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन को भनक तक नहीं लगती - क्यों किस रास्ते से आई इतनी महिलाएं विधायक निवास तक पहुंचने के लिए कोई सुरंग थी या कोई हेलीकॉप्टर या पेड़ से टपकी थी यह महिलाएं या विधायक के कुएं से निकली थी यह महिलाएं बड़ा सवाल है कहां था शासन प्रशासन कहां थी पुलिस व्यवस्था कहां गए जगह-जगह बैरिकेड पर इक्का-दुक्का बाइक सवारों और पैदल चलने वालों से पूछताछ करने वाले अधिकारी कर्मचारी कहां गए थे वह डंडा चलाने वाले उठक बैठक कराने वाले और मुर्गा बनाने वाले चालान काटने वाले अधिकारी कर्मचारी इतने बड़े विधानसभा क्षेत्र के हर वार्ड के साथ-साथ आसपास के गांव के लोग झुंड के झुंड विधायक निवास पहुंच गए परंतु शासन प्रशासन को पता ही नहीं चला यह बात गले नहीं उतरती जिला कलेक्टर को चाहिए कि शहर के मुख्य मार्गों से हजारों की संख्या में लोग विधायक निवास पहुंच गए इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ शहर की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे प्रशासन के अन्य अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि यह बिलासपुर जिले का मामला नहीं था यह देश के प्रधानमंत्री की तरफ से भारत के नागरिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का मामला था कोरोनावायरस जैसी विश्वव्यापी बीमारी से निपटने के लिए पूरे भारत को लाख डाउन किए जाने के बावजूद लोगों के प्रतिबंध के बावजूद सड़कों पर निकल कर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ एवं कानून व्यवस्था के उल्लंघन का मामला था और इसके लिए विधायक शैलेश पांडे से ज्यादा सिविल लाइन थाना प्रभारी के साथ-साथ शहर की व्यवस्था संभाल रहे सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं उन पर भी कानून की धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया जाना चाहिए साथ ही साथ कानून का उल्लंघन करने के लिए लॉक डाउन के बावजूद सड़कों पर झुंड के झुंड निकलकर विधायक निवास पहुंचने वाली महिलाओं पुरुषों पर भी जुर्म दर्ज किया जाना चाहिए | विधायक शैलेश पांडे द्वारा अपने आपको जन सेवक समाज सेवक और लोगों का हितैषी बताने से गलती माफ नहीं मानी जा सकती क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस के लॉक डाउन के आदेश के समय कानून का उल्लंघन करते हुए भीड़ को राशन वितरित करने का अपराध किया है राशन वितरित करना अपराध नहीं है परंतु कोरोनावायरस जैसी गंभीर बीमारी जिसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है उसके बावजूद उन्हें कोरोनावायरस जैसी गंभीर बीमारी के बारे में ना बता कर राशन वितरित करना अपराध की श्रेणी में आता है अब देखना यह है कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के खिलाफ पुलिस द्वारा जुर्म दर्ज कर कार्यवाही करना सही माना जाता है या फिर शहर के तमाम अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं | *एडिटर व्यू - सीजी 24 न्यूज़ मोबाइल 93010 94242


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