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रायपुर सेंट्रल जेल में गैंगस्टर का फोटो शूट और वीडियो शूट : जेल अधीक्षक का हो सकता है निलंबन !
झारखंड के गैंगस्टर अमन साव द्वारा छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल में फोटो एवं वीडियो शूट के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य पर गाज गिर सकती है ,
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक अमित शांडिल्य को हटाया जा सकता है और उनकी जगह किसी नए को जेल अधीक्षक बनाकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश हो सकती है, अब सवाल यह उठता है कि अगर अमित शांडिल्य को हटाया जाता है तो यह इस बात का सूचक है कि अमित शांडिल्य ने अमन साव को सहयोग किया है और नहीं हटाया जाता तो भी जांच का विषय है कि अमन साव के पास जेल के अंदर मोबाइल कैसे पहुंचा ? उसका वीडियो शूट किसने किया ? और उसे वीडियो शूट होने के बाद फेसबुक पर उसका फोटो और वीडियो शूट अपलोड कैसे हुआ ?
झारखंड के गैंगस्टर अमन साव जो रायपुर जेल में अक्टूबर से बंद था जिसे झारखंड पुलिस एक मामले में प्रोटेक्शन वारंट पर झारखंड ले जा रही थी, जहां रास्ते में पुलिस वाहन का एक्सीडेंट होने पर अमन साव द्वारा भागने का प्रयास किए जाने पर उसका एनकाउंटर कर दिया गया, ऐसा झारखंड पुलिस का कहना है |
हम यहां पर उसके एनकाउंटर की बात नहीं करने वाले, हम बात करने वाले हैं कि रायपुर सेंट्रल जेल में रहते हुए उसके द्वारा रायपुर सेंट्रल जेल में फोटोशूट कराए जाने के बाद उसे फेसबुक पर पोस्ट किए जाने के मामले को लेकर है, किस तरह मोबाइल अंदर पहुंचा? जेल अधिकारी क्या कर रहे थे? फोटोशूट कैसे हो रहा था? फोटोशूट होने के बाद फेसबुक पर वह अपलोड भी हो गया किस तरह हुआ?
अमन साव रायपुर सेंट्रल जेल से अपना गैंग चल रहा था तो यह सवाल तो उठेंगे ही, क्योंकि जेल जहां कोई भी सामान जेल प्रशासन की जानकारी के बगैर नहीं जा सकता, सख्त जांच पड़ताल होती है, यहां तक की खाने का भी जो सामान जाता है उसकी भी अच्छे से जांच की जाती है, फिर मोबाइल का अंदर जाना, फोटो शूट होना, मोबाइल से गैंग चलाना, जेल के अंदर बैठे-बैठे लोगों को धमकाना यह सब बिना जेल अधीक्षक की मिली भगत के हो ही नहीं सकता !
झारखंड का गैंगस्टर अमन साव रायपुर सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद यहां से अपने गैंग का संचालन कर रहा था, लोगों को धमका रहा था, वसूली करवा रहा था, यह सब जानकारी झारखंड पुलिस को तो हो गई परंतु रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक अमित शांडिल्य को नहीं हुई यह बात गले नहीं उतरती |
फोटोशूट के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक अमित शांडिल्य का यह कहना कि यह फोटो शूट रायपुर सेंट्रल जेल का नहीं है, कहने को तो कहा जा सकता है परंतु इसे उन्हें प्रमाणित करना होगा और उन्होंने प्रमाणित क्यों नहीं किया ? उनकी बात पर भरोसा कैसे किया जा सकता है?
कैसे मान जाए कि यह फोटोशूट रायपुर सेंट्रल जेल में नहीं हुआ ?
बहरहाल अब बात आती है जेल प्रबंधन की - जेल के डीजी और डीआईजी इस मामले में चुप क्यों है ? उन्होंने अभी तक बयान जारी क्यों नहीं किया ?
वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी इस बात की ओर इशारा करती है कि छत्तीसगढ़ की जेल में जो कुछ हो रहा है उनकी जानकारी में हो रहा है और कैदियों को किसी भी तरह के सहयोग, अवैध वसूली का एक हिस्सा उन तक भी पहुंचता है!अन्यथा क्या मजाल है कि दूसरे प्रदेश का खूंखार कैदी छत्तीसगढ़ की जेल में भी दमदारी से मनमानी कर सके ?
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