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Covid-19:पुरानी पगड़ियों से 1० लाख मास्क बनाकर बच्चों को बांटने में जुटा सिख समाज 23-Jun-2020

सिखों के सिर की शान पगड़ियां, अब जरूरतमंद बच्चों को कोरोना वायरस से बचाएंगी। घर-घर से पुरानी पगड़ियां लेकर उनसे मास्क बनाकर बच्चों को बांटा जा रहा है। सिख समाज ने पूरे देश में 'टरबन  फॉर मास्क' अभियान चलाकर दस लाख मास्क बच्चों को बांटने की तैयारी की है। भारतीय जनता पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी सरदार आरपी सिंह और उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता को 5० हजार मास्क उपलब्ध कराकर अभियान की शुरूआत की।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाजपा कार्यकतार् घर-घर जाकर स्कूली बच्चों के अभिभावकों को पगड़ियों से बने मास्क देंगे। बच्चों को कोरोना से बचाने के इस अभियान में भाजपा, शिरोमणि अकाली दल जैसे राजनीतिक संगठनों के अलावा यूनाइटेड सिंह सभा फाउंडेशन आदि समाजसेवी संगठन जुड़े हैं।

भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी सरदार आरपी सिंह ने आईएएनएस को बताया, “ जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद आदि शहरों में पुरानी पगड़ियों से बने मास्क का वितरण शुरू हो गया है। दस लाख मास्क बांटने का लक्ष्य है। फिलहाल ढाई लाख मास्क तैयार हो गए हैं। सिख समाज के लोगों को जब से पता चला कि पुरानी पगड़ियों से बच्चों के लिए मास्क बनाए जा रहे हैं तो हजारों लोग फोन कर अपनी पगड़ियां दे रहे हैं। एक पगड़ी से 25 से 3० मास्क तैयार होते हैं। कपड़े को ठीक से सैनिटाइज करने के बाद ही मास्क तैयार होता है, सिलाई के बाद फिर से सैनिटाइज कर पैक कर उपलब्ध कराते हैं।”

सरदार आरपी सिंह ने कहा कि पगड़ी के लिए सिखों ने कई शहादतें दी है और अब जरूरत के समय इसे मास्क बनाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने कहा कि पगड़ियां सिखों की शान होती हैं। यह मास्क सूती और मलमल की पगड़ियों से तैयार किए गए हैं जिसे धोया भी जा सकता है। मास्क को सिलने में हर धर्म के लोगों ने अपना योगदान दिया और इसे सिलते वक्त साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया।



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