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भोरमदेव मंदिर : 11 साल की टूटी परंपरा...इस साल नहीं आयोजित होगी पदयात्रा, न होगा भंडारा 04-Jul-2020

कवर्धा: कोरोना वायरस के कारण देशभर के अनेक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है. इस महामारी के कारण कवर्धा में 11 साल की परंपरा टूटने वाली है. भोरमदेव पदयात्रा इस साल आयोजित नहीं होगी. जिला प्रशासन ने पदयात्रा को इस साल स्थगित करने का फैसला लिया है. सावन में इसका आयोजन होता था.

2008 से जारी है पदयात्रा

उन्होंने बताया कि आयोजन को लेकर लगातार जनप्रतिनिधियों ने भी मांग की है लेकिन केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पदयात्रा करना संभव नहीं है. ऐसे में लगातार 11 वर्षों से हो रही भोरमदेव पदयात्रा की परंपरा इस साल टूट जाएगी. इस पदयात्रा को वर्ष 2008 में तत्कालीन कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शुरू किया था, जो पिछले 11 साल से चले आ रहा था. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस पदयात्रा को स्थगित कर दिया गया है.

सावन सोमवार में नहीं मिलेगा जल अभिषेक करने का मौका

साथ ही भोरमदेव मंदिर में कांवड़ियों के लिए भंडारा प्रसाद का आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि लंबे अरसे के बाद इस साल सावन जुलाई महीने में पड़ रहा है. इस जुलाई महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. वहीं सावन सोमवार को शुरू होगा और सोमवार को ही समाप्त होगा. यह भगवान शिव की पूजा-पाठ के हिसाब से शुभ संकेत देने वाले हैं. लेकिन दूसरी ओर कांवरियों को भोरमदेव मंदिर, पंचमुखी, बूढ़ा महादेव, और डूंगरिया जलेश्वर, महादेव घाट में जल अभिषेक का मौका नहीं मिलेगा.



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