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  • केदारनाथ में पिघलकर बहने लगीं बर्फीली चोटियां, चारों तरफ फैला सफेद गुबार, अटकीं भक्तों की सांसें

    उत्तराखंड में स्थित में केदारनाथ धाम के मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियों पर हिमस्खलन होने से श्रद्धालुओं की सांसें अटक गईं। हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर इसका वीडिया सामने आया है। एवलांच केदारनाथ धाम से लगभग तीन-चार किलोमीटर दूर था। पिछले यात्रा सीजन में बर्फीली पहाड़ियों पर तीन बार हिमस्खलन हुआ था। इस साल अप्रैल में एवलांच की घटना सामने आई थी। एवलांच आने से एकदम बर्फ का सफेद गुबार-सा फैल गया। बता दें कि केदारनाथ धाम में यात्रा की शुरुआत से मौसम खराब रहा है। धाम में लगातार बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है। मई महीने में पैदल यात्रा मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर भी टूटे और यात्रा भी प्रभावित रही। अप्रैल के बाद अब जून में एवलांच आया है। केदारनाथ धाम से तीन-चार किमी दूर स्थित बर्फीली पहाड़ियों पर एवलांच 8 जून गुरुवार सुबह हुआ। चोटियों से बर्फ पिघलकर बहने लगी। वहीं केदारनाथ धाम में बार-बार एवलांच आने पर पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र बद्री ने कहा कि केदारनाथ धाम आस्था का केंद्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेली कंपनियां एनजीटी के मानकों का पालन नहीं कर रही हैं।

  • दिमागी रूप से बीमार कर सकती है ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत, जानें कैसे करें कंट्रोल
    आपसी दुश्मनी, ज़मीन-जायदाद और पैसे के लालच में किसी का मर्डर करने की खबरें तो आपने अक्सर पढ़ी-सुनी होंगी लेकिन NCR में दो मर्डर ऐसे हुए जिन्होंने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया क्योंकि एक मर्डर भाई ने बहन का तो दूसरा कत्ल बहन ने छोटे भाई का किया। आखिर सगे भाई-बहन एक दूसरे की जान कैसे ले सकते हैं और वो भी एक मामूली से मोबाइल के लिए। जी हां, एक केस में बहन ने ज़्यादा मोबाइल चलाने के लिए भाई को डांटा तो उसने गुस्से में आकर अपनी ही दीदी की जान ले ली और दूसरे मामले में मोबाइल ना देने पर लड़की ने छोटे भाई का खून कर दिया। क्योंकि मीनाक्षी सेलफोन की आदत बच्चों को इस कदर पड़ गई है कि इस बला को उनसे दूर करने की बात करते ही वो हो जाते हैं। उनके मन मुताबिक चीज़ ना हो तो अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये कहानी सिर्फ बच्चों की नहीं है बड़ें बड़े भी दिन हो या रात मोबाइल से चिपके रहते हैं घंटो रील्स देखते हैं। इससे ना सिर्फ उनकी नींद पर असर पड़ता है बल्कि सिरदर्द, माइग्रेन भी अटैक करता है। यही नहीं ज़्यादा मोबाइल चलाने से बचपन में ही आंखें बूढ़ी हो रही हैं स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू रेज स्किन खराब कर रही है तो, वहीं मोबाइल का रेडिएशन थायराइड के साथ कैंसर तक का रोग देता है। अलग अलग स्टडी कहती हैं कि 30 मिनट से ज़्यादा मोबाइल चलाने से हाइपरटेंशन तो पूरा दिन वीडियो गेम्स खेलने से बच्चों की फिज़िकल-मेंटल हेल्थ खतरे में पड़ गई है। यानि बच्चे हों या बड़े, मोबाइल बम के साइलेंट विस्फोट से हर किसी को बचना ज़रूरी है और इसके लिए पता होना चाहिए कि डिजिटल डिटॉक्स कैसे करें फोन कितनी देर इस्तेमाल करें। कैसे वीडियो गेम्स की आदत छुड़ाएं। इसके लिए तो स्वामी रामदेव को बुलाते हैंजो मोबाइल के साइड इफेक्ट्स से बिगड़ी सेहत भी दुरुस्त करवाएंगे और इसके बेजा इस्तेमाल से कैसे बचें ये भी सिखाएंगे। स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम नजर कमजोर ड्राईनेस पलकों में सूजन रेडनेस तेज रोशनी से दिक्कत एकटक देखने की आदत आंखों का दुश्मन स्मार्टफोन की वजह से ब्लू लाइट, रेटिना डैमेज और नज़र कमज़ोर डिटॉक्स के लिए 4 उपाय नोटिफिकेशन ऑफ रखें उठते ही फोन ना देखें वर्क आउट जरूर करें दोपहर खाने के वक्त ‘नो फोन रुल’ परिवार साथ हों तो फोन दूर रखें बच्चों के साथ खेलने में फ्लाइट मोड ऑन रखें ईवनिंग वॉक पर जरूर जाएं फोटो खींचते वक्त, फ्लाइट मोड पर रखें रात ऑडिबल एप्स का इस्तेमाल करें सोने से पहले फोन इस्तेमाल ना करें मोबाइल को बिस्तर से दूर रखें मोबाइल की आदत चिड़चिड़ापन या गुस्सा करना रुटीन के काम ना करना मेंटली वीक फिजिकली कमज़ोर सर्वाइकल प्रॉब्लम वर्टिगो नर्वस प्रॉब्लम स्पीच प्रॉब्लम नजर कमजोर हियरिंग प्रॉब्लम कंसंट्रेशन बिगड़ना मोटापा आंखों के दुश्मन खराब लाइफस्टाइल ऑनलाइन वर्क रेडिएशन पॉल्यूशन पोलन आंखों की रोशनी बढ़ाएं ‘महात्रिफला घृत’पीएं 1 चम्मच दूध के साथ लें दिन में दो बार खाने के बाद लें ब्रेन रहेगा हेल्दी रोज रस पीएं एलोवेरा गिलोय अश्वगंधा
  • गुजरात के मोरवी फुल हत्याकांड के बाद भागलपुर गंगा नदी पुल का भ्रष्टाचार का मामला
    बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल जिसकी लागत 1750 करोड रुपए, 1750 करोड रुपए, 1750 रुपए नहीं कह रहे हैं हम, समझ रहे हैं ना यह कोई 1750 रुपए नहीं है 1750 करोड़ रुपए के खर्च से बन रहा था यह पुल जो गंगा नदी में समाहित हो गया | यहां आपको यह बताना अति आवश्यक है कि गुजरात के मोरबी में रूप वे पुल के टूटने से 138 लोगों की जान गई थी उस मामले में ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और वह मामला रफा-दफा हो गया जनता भूल गई पीड़ित अपनी परेशानियों में जूझ रहे हैं जनप्रतिनिधि नेता मंत्री मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री अपने अगले कार्यक्रमों में बिजी हो गए या यूं कहें कि मिलीभगत के कारण मोरबी पुल हत्याकांड सॉरी सॉरी सॉरी कांड के जिम्मेदार ठेकेदार को बक्श दिया गया उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई | आप समझ सकते हैं उसी तरह बिहार के भागलपुर के इस बड़े पुल के जिसकी लागत 1750 करोड रुपए मानी जा रही है उस निर्माणाधीन पुल के कंप्लीट होने से पहले ही दो बार टूट कर गिर ना इस बात को प्रमाणित करता है कि वहां भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हुआ अब ऐसे में यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताएं और राज्य सरकार चुप्पी साधे रहे तो ऐसे में देश की जनता कब तक इस तरह भ्रष्टाचार की बुराइयों के बीच जीने को मजबूर होती रहे ? अब हमारा सवाल यह है कि यदि कोई प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार करती है तो क्या केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी नहीं होती कि वह इस पर संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार पर कार्रवाई करें और नागरिकों की जान माल की सुरक्षा के संवैधानिक अधिकारों का जिम्मा लेते हुए उन पर कार्रवाई करें और अगर अब संविधान में ऐसी कोई तकनीकी खामी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वह संविधान में संशोधन करें और देश की जनता को न्याय उपलब्ध कराएं |
  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा : रिकॉर्ड तो बनते ही है तोड़ने के लिए और मैं चाहता हूं कि अधिवक्ता मेरे रिकॉर्ड को तोड़कर जल्दी-जल्दी इस मुकाम तक पहुंचे
    सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा रायपुर अधिवक्ता संघ के आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे | रायपुर बार एसोसिएशन द्वारा न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के सम्मान के लिए एक भव्य आयोजन किया | रायपुर जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में आसपास के अनेक जिलों के न्यायधीश एवं अधिवक्ता उपस्थित हुए| न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा जो कि छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो इस सर्वोच्च पद पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं उनकी इस उपलब्धि के लिए रायपुर बार एसोसिएशन अधिवक्ता संघ द्वारा उनके सम्मान में यह आयोजन किया गया | रायपुर अधिवक्ता संघ के लिए भी यह एक पहला अवसर होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में छत्तीसगढ़ के किसी व्यक्ति को सम्मानित किया गया हो | रायपुर अधिवक्ता संघ के सम्मान समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भावुक हो गए उन्होंने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति का पद संभालने के बाद दिल्ली से बाहर पहली बार अपने गृह प्रदेश छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आए हैं | अधिवक्ता संघ रायपुर के सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपनी वकालत की शुरुआत से लेकर यहां तक पहुंचने के बारे में बताया| अधिवक्ताओं को सफलता के किस देते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप अपना काम करते रहे तो हर चीज संभव है और इन सब के लिए भगवान स्वयं आपके कार्यों की समीक्षा करते हैं और आपको वहां पहुंचा सकते हैं जहां आप सोच भी नहीं सकते | *टेका मेरा संबल* क्या है टेका ? टेका के बारे में बताया कि जो आप लोगों ने सपोर्ट किया है आप लोगों ने जो टेका दिया है वही संबल मेरे साथ रहेगा | *वकालत का व्यवसाय अपने आप में अद्भुत है* यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें व्यक्ति को हर कुछ जानना पड़ता है छोटी से लेकर बड़ी जानकारियां रखना पड़ता है जो कि अन्य किसी व्यवसाय में नहीं होता | एक वकील को हर विषय के संबंध में जानकारी रखना पड़ता है क्योंकि उसका पक्ष कार उसका मुवक्किल किसी भी क्षेत्र का हो सकता है किसी भी व्यवसाय का हो सकता है | *वकील और जज के लिए यह 11 से 5 बजे तक का व्यवसाय नहीं है* हर व्यवसाय में निष्ठा और ईमानदारी होना अति आवश्यक है चाहे आप रिश्तेदार के साथ डील कर रहे हो या पक्षकार के साथ जज के साथ हों या कर्मचारियों के साथ | न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा का उद्बोधन देश के अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ा संदेश है जिसे प्रगति का मार्गदर्शक भी कहा जा सकता है | रिकॉर्ड तो बनते ही है तोड़ने के लिए और मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ से अधिवक्ता मेरे रिकॉर्ड को तोड़कर जल्दी-जल्दी इस मुकाम तक पहुंचे | रायपुर अधिवक्ता संघ द्वारा न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के सम्मान समारोह में हाई कोर्ट बिलासपुर के जस्टिस संजय के अग्रवाल - एनके व्यास, रायपुर जिला के कार्यकारी सत्र न्यायाधीश हीरेन्द्र सिंह टेकाम, रायपुर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष सोनी , उपाध्यक्ष , सचिव सहित सभी पदाधिकारी एवं सभी अधिवक्ता उपस्थित रहे |
  • जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होने से और रथ खींचने से मिलता है 100 यज्ञ के समान पुण्य फल

     उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है। हर साल आषाढ़ माह में यहां भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जो कि विष्णु जी के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं। जगन्नाथ का अर्थ होता है जगत के नाथ। रथ यात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होती है। वहीं शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन होता है। हर साल इस रथ यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। देश-विदेश से लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं। लोगों का मानना है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत कब से हो रही है और इसका महत्व क्या है...  

    कब निकलेगी जगन्नाथ जी की रथ यात्रा
    इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन 20 जून को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकाली जाएगी। इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी को तीनों वापस अपने स्थान पर लाया जाएगा।

    क्यों होता है जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन?
    हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ (भगवान श्रीकृष्ण) बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी (गुंडीचा) के घर जाते हैं। इस दिन इन्हें तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर किया जाता है। इसके बाद तीनों को रथ यात्रा के जरिए उनकी मौसी के घर यानी गुंडीचा मंदिर में ले जाया जाता है।

    जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
    विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा का बहुत ही अधिक महत्व है। जगन्नाथ पुरी धाम को मुक्ति का द्वार कहा जाता है। हर साल इस रथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं। 

    मान्यता है कि जो लोग इस रथ यात्रा में शामिल होकर जगन्नाथ जी के रथ को खींचते है, उन्हें 100 यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है। इस यात्रा में शामिल होने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में वर्णन है कि आषाढ़ मास में पुरी तीर्थ में स्नान करने से सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य फल प्राप्त होता है और भक्त को शिवलोक की प्राप्ति होती है। 
     

  •  गुरु ग्रंथ साहिब की 10 बड़ी बातें दिखाती है सफलता का सही रास्ता

    गुरु ग्रंथ साहिब सिख समुदाय का एक धार्मिक ग्रंथ है. इसे केवल धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, सिख धर्म का अंतिम और जीवित गुरु भी माना जाता है. सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने मृत्यु से पहले ये घोषणा की थी कि अब गुरु ग्रंथ साहिब ही जीवनभर सिखों का मार्गदर्शन करेंगे. इस ग्रंथ को 'आदिग्रंथ' के नाम से भी जाना जाता है. इसमें सिख धर्म के गुरुओं की कही बातें लिखी हैं जिसे गुरबानी यानी गुरु की वाणी कहा जाता है. आइए जानते हैं गुरु ग्रंथ साहिब की वह 10 बड़ी बातें जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक है, इसमें मौजूद गुरुवाणी के प्रमुख संदेश मनुष्य को सही सफल जीवन के मार्ग का रास्ता दिखाते हैं.

    क्या है गुरु ग्रंथ साहिब ?

    गुरु ग्रंथ साहिब में सूक्तियों, दोहों, शब्दों और दूसरे लेखों का एक संग्रह है. इनमें सिख गुरुओं की रचनाओं के अलावा मुसलमान विद्वानों की लिखी पंक्तियां और  कबीर, रविदास और बाबा फ़रीद की वाणी भी शामिल हैं. इसका संपादन सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 को गोल्डन टेंपल अमृतसर में हुआ था.

    कहते हैं ईश्वर के मुख से निकले अनमोल विचारों को ही गुरु ग्रंथ साहिब में बताया गया है. ये पंजाबी भाषा की लिपि गुरमुखी में लिखी गई है. माना जाता है कि गुरमुखी लिपि ईश्वर के मुख से निकली है. यही कारण है कि गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु का दर्जा प्राप्त है. ये गुरु के बराबर ही सम्मनीय है.

    गुरु ग्रंथ साहिब की 10 बड़ी बातें (Guru Granth Sahib Motivational Quotes)


    1. जब मन शुद्ध नहीं है, तो बाहर की सफाई करना बेकार ही है.
    2. जिसका मन उसके नियंत्रण में है, समझो उसने दुनिया उसके कदमों में है.
    3. शरीर इस युग में कर्म का क्षेत्र है; तुम जो भी बोओगे, वही काटोगे
    4. ईश्वर एक है तो उसे उसी के रास्ते से प्राप्त किया जा सकता है, किसी दुसरे रास्ते से नहीं
    5. जन्म और मृत्यु का चक्र तब तक खत्म नहीं होता है जब तक अहंकार ओर स्वार्थ खत्म नहीं होता है.
    6. ईश्वर को वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है, जो सबसे प्रेम करता हो.
    7. संसार एक भ्रम है, यह हमें हमेशा भ्रम में ही रखता है इसलिए अच्छा है की सपने में ही रहा जाएं
    8. जो व्यक्ति सुख और दुःख को समान तरह से स्वीकार करता है उसे समस्याओं का बोझ नहीं सताता.
    9. सच्चाई को जानना हर चीज से बड़ा होता है और उस से भी बड़ा है सच्चाई से जीना.
    10. जीभ एक ऐसे तेज चाकू की तरह है जो खून को गिराए बिना मार देती है. इसलिए अपनी वाणी पर संयम रखें.
  • शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती की पत्रकार वार्ता : 16 जून को रायपुर में धर्मसभा
    रायपुर में 16 जून को धर्मसभा: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बजरंग दल को बैन करने पर बोले- हनुमान जी निपट लेंगे,वो शूरवीर हैं, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर दिया बड़ा बयान रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रेस वार्ता ली है. इस दौरान राजनीति में धर्म की परिभाषा को लेकर कहा कि, राजनीति, राजधर्म, दंडनीति, अर्थनीति, छात्रधर्म ये पांचो पर्यायवाचक और एकार्थक हैं. उन्होंने आगे कहा कि, राजनीति के नाम पर ये अभिशाप हैं, राजनीति को ही राजधर्म कहते हैं. शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने बजरंग दल बैन करने को लेकर कहा कि, हनुमान जी निपट लेंगे,वो शूरवीर हैं. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर बोले शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण के लिए राज्य सरकार और राज्यपाल को दोषी माना है। शंकराचार्य ने कहा कि राज्यपाल और राज्य सरकार अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं करते है, इसलिए धर्मांतरण बढ़ रहा है। हिन्दुओं को सेवा के नाम पर अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है। इसके लिए हिन्दू खुद ही जिम्मेदार हैं। अपनी समस्या का निदान मिलकर करिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए एक समिति का गठन कीजिए। जिसमें विधायक, सांसद और पार्षद को जोड़िए। उनसे हर तीन महीने में उनके कार्यों के बारे में जानकारी लीजिए। वहीं राम के नाम पर सियासत करने पर कहा कि राजनीति राजधर्म का ही नाम है। परोपकार, सेवा और संयम धर्म की सीमा है। धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि अभी पीएम मोदी और सीएम योगी श्रेय ले रहे हैं। यदि नरसिंह राव के कार्यकाल में ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’। शंकराचार्य ने रायपुर में 16 जून को होने वाले धर्मसभा में तीन मठों के मठाधीशों के आने पर कहा कि उन्हें मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आ जाएगा तो उसे शंकराचार्य थोड़ी ही मान लेंगे। पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे। नए मेरे परिचित नहीं हैं। 16 जून को रायपुर में होगी धर्म सभा, जुटेंगे तीन मठ के शंकराचार्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वां प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि रावाभाठा में शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। 16 जून को महाराज के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रुद्राभिषेक एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 हजार लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही शंकराचार्य आश्रम में धर्म सभा का आयोजन होगा। इसमें 21 हजार लोग शामिल होंगे। आपको बता दे कि, राजधानी रायपुर में परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वाँ प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि, परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वाँ प्राकट्य महोत्सव मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। बसंत अग्रवाल ने कहा कि दिनांक 16 जून को महाराज जी के दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना को लेकर रुद्राभिषेक एवं 11,000 लोगों की कलश यात्रा निकाली जाएगी इसके साथ ही राजधानी रायपुर के राँवा भाटा आयोजन किया जायेगा। शंकराचार्य आश्रम में 21000 लोगों की धर्म सभा का आयोजन किया जायेगा । पत्रकार वार्ता में परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने सनातन धर्म पर जोर दिया तथा पत्रकारों के पूछे गए सवालों का परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने जवाब दिया।CG 24 News
  • *छत्तीसगढ़ में एक साथ तीन तीन शंकराचार्य*
    *छत्तीसगढ़ में एक साथ तीन तीन शंकराचार्य* छत्तीसगढ़ के इतिहास में शायद यह पहला ऐसा मौका होगा की तीन शंकराचार्य एक साथ एक ही दिन राजधानी रायपुर पुलिस में पहुंचे हो | श्री ज्योतिर्मयी बद्रिकाश्रम उत्तराखंड के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारका शारदा मठ के शंकराचार्य स्वामी श्री श्रद्धानंद सरस्वती एवं गोवर्धन पीठ जगन्नाथ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती एक ही दिन 28 मई को राजधानी रायपुर में पहुंचे हैं | स्वामी निश्चलानंद सरस्वती राष्ट्र उत्कर्ष अभियान के तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पहुंचे हैं | तो वहीं दूसरी तरफ शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती तथा द्वारका शारदा मठ के शंकराचार्य स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के अभियान के तहत राजधानी रायपुर पहुंचे हैं | *CG 24 News - Singhotra*
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज किसके बारे में क्या कहा ?
    मुख्यमंत्री ने आज क्या कुछ कहा ? कल मैंने 2 सवाल उठाए थे गणपति और रमन्ना की संपत्ति कुर्क की गई तो f.i.r. से उसका नाम बाहर क्यों किया गया ? भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता का बयान इसमें नहीं आया, अब मेरा दूसरा सवाल है गुडशा उसेंडी उस समय आत्मसमर्पण किया था एनआईए कोर्ट ने आदेश दिया था उसका बयान लिया जाए क्यों नहीं लिया ? एनआईए किसके दबाव में है, कोर्ट के आदेश के बाद भी एनआईए ने उसका बयान दर्ज नहीं किया दूसरी बात गणपति और गुड़सा उसेंडी दोनों नक्सलियों के पोस्ट हैं किसी व्यक्ति का नाम नहीं है क्या गणपति ने सरेंडर किया है उस व्यक्ति का नाम क्या है और यदि सरेंडर किया है कहां किया है और से नक्सल नीति के तहत क्या उसे बेनिफिट दिया गया है या नहीं दिया गया है यह दो सवाल है आज भारतीय जनता पार्टी बार-बार मुझसे पूछती है जेब में है प्रमाण बताएं मैं प्रमाण दे रहा हूं बताएं भारतीय जनता पार्टी के लोग अभी तक पूरी के प्रवक्ता बने हुए थे एनआईए के भी प्रवक्ता बने। कल नीति आयोग की बैठक है उसमें शामिल होऊंगा प्रदेश के बहुत सारे जलवंती मुद्दे हैं उसके बारे में वहां बात रखी थी जाएगी । लगातार हम लोग जीएसटी क्षतिपूर्ति की बात कर रहे हैं उसे बढ़ाने की बात है जो कॉल रॉयल्टी है हमारा जो पैसा रुका हुआ है उसको वापस करने की बात है अभी तक के उसके रॉयल्टी दर में वृद्धि करने की बात थी 3 साल में जो होना था नहीं हुआ है उसी प्रकार से पीडीएस का हमें करीब 1000 करोड रुपए लेना है वह राशि हमको मिले और दूसरी बात यह है कि सारी योजनाओं में 90-10 का होता था कई योजनाएं शत-प्रतिशत भारत सरकार की होती थी 75-25 का होता था अब तो 60- 40 या 50-50 का अधिकांश योजनाएं हैं उसमें कि जब 50% केंद्र सरकार दे रही है 50% राज्य सरकार दे रही है तो फिर नाम केंद्र सरकार ही क्यों तय करें नाम तो राज्य सरकार के साथ मिलकर तय करना चाहिए जैसे प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन 50 परसेंट राज्य सरकार दे रही है नाम भी प्रधानमंत्री और राज्य सरकार का होना चाहिए नाम सम्मिलित रूप से तय होना चाहिए राशि आधा राज्य सरकार दे रही है तो नाम भी तय करने का अधिकार होना चाहिए तो ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिसको रखे जाएंगे। वहां जब चर्चा चलेगी 10:00 से बैठक है शाम को 4:00 बजे तक चलेगी तो बहुत सारी बातें आएंगी उसमें चर्चाएं होंगी और ज्वलंत मुद्दों पर भी बातचीत होगी और उसमें डिस्कस क्या निकलेगा यह तो कल के बाद ही पता चलेगा। *संसद भवन को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उस पर मुख्यमंत्री ने कहा* इनके जो प्रवक्ता है श्रीवास जी उसका ट्वीट में देख रहा था विधानसभा का उद्घाटन किया गया शिलान्यास किए हैं उद्घाटन नहीं पहली बात तो यह है दूसरी बात उस में विपक्ष शामिल हुआ था कि नहीं हुआ था धरमलाल कौशिक जी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष का शिला पट्टिका में नाम भी है मंच में भी से उसको भाषण भी दिलवाए तो उसकी उपस्थिति थी और उसकी सहमति से बनी यहां तो विपक्ष को पूछना भी नहीं है दिल्ली में दिक्कत तो यह है विपक्ष से बातचीत की नहीं है यहां बातचीत करके ही सब चीज तय हुआ है विधानसभा से और वहां कोई बातचीत भी नहीं तो दोनों में अंतर बहुत है। *शराब घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा* कोर्ट गए हैं जाने वाले राज्य सरकार भी गई है सबसे पहली बात यह है कि जब तक ईसीआईआर नंबर नहीं होगा जब तक पीडीके डिफेंस नहीं होगा तब तक के ईडी कार्यवाही नहीं कर सकती है शराब वाले मामले में कोई f.i.r. नहीं है केवल उन्हीं मुद्दों को लेकर वह जो रेड डाला था आईटी ने 2020 में जितने भी डिसलर है अधिकारी हैं और भी जो लोग हैं उसके खिलाफ आईटी ने रेड किया था आई,टी में डिसलर जो है सारे वह शपथ दिए थे उनका शपथ पत्र है कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है और शपथ पत्र में सारी बातें हैं उन्हीं डिसलर से ईडी पूछताछ कर रही है और और कह रहे हैं सब गड़बड़ियां हैं तो या तो वह शपथ पत्र सही हैं तो यह गलत है यदि यह सही है तो वह शपथ पत्र गलत है आखिर सेंट्रल एजेंसी आईटी भी है और आईटी ने 2020 में जब जांच किए थे तो उसमें सारे शपथ पत्र लिखे गए हैं इन्हीं लोगों ने अब वह सारे उलट है इसका मतलब यह है कि आप मारपीट करके डरा धमका कर के आप कर रहे हैं अभी त्रिलोक ढिल्लों को गिरफ्तार किए जेल भेज दिए उसके पास क्या था मीडिया में पता चला कि उसके पास 25 करोड़ की एफडी थी ईनसिक्योर्ड लोन लिया था वह ऑन पेपर है उसको आप गिरफ्तार कर रहे हैं और वही 1डिस्लर के यहां छापा डालते हैं और 26 करोड़ का आप जेवर पकड़ते हैं वह गवाह बने हुए हैं यह आईडी के काम करने का तरीका है तो यदि पहले कोई लाभ की स्थिति में है तो वह डिसलर है। क्योंकि वही से बोतल बदली हो रहे हैं वहीं से होलोग्राम चेंज होना है वहीं पर बिना टैक्स के बोतले निकलेंगे कहां से निकलेगी फैक्ट्री से तो सबसे पहले फायदा किसको हुआ डिसलर को डिसलर सब गवाह बने हुए हैं यह आईडी के काम करने का तरीका है यही सवाल है एडी के जितने भी कार्यवाही या है वह खुद ही अपने आप में प्रश्नवाचक चिन्नू छोड़कर जा रहे हैं इसका मतलब यह है कि आप का मेला फाइट इंटरेस्ट है आप दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही कर रहे हैं आप निष्पक्ष होकर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं नहीं तो सबसे पहले डिशलर अंदर होना था। *मामले में मुख्यमंत्री ने कहां* छत्तीसगढ़ में प्राइवेट माइंस है कितने एक जिंदल का है एक साडा का है दो प्राइवेट हैं दो राज्य सरकारों के हैं एक राजस्थान गवर्नमेंट का है एक छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट का है बचत सभी एसईसीएल का है यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो बिना एसईसीएल के अधिकारियों के बिना कैसे हो सकता है तो आप एक से भी नहीं पूछ रहे हैं खदान किसके पास है सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है वहां से गाड़ियां किस की देखरेख में निकलती है एसईसीएल के खदान उसका है तो किससे आप ने पूछा एक से भी सवाल पूछे हैं तो आप का उद्देश्य केवल राज्य सरकार को बदनाम करना है अधिकारियों को बदनाम करना लोगों को बदनाम करना सरकार को बदनाम करना और लोगों को प्रताड़ित करना। *अमित शाह ने एक बयान दिया है 300 सीटों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनेंगे* वह तो छत्तीसगढ़ में आए थे 65 प्लस की बात बोले थे 68 सीट हम जीते थे झारखंड भी वहां गए थे हम लोग आमने-सामने थे वहां भी गए हिमाचल मैं पूरा नड्डा जी प्रधानमंत्री जी गृह मंत्री जी सारे लोग गए वहां उसकी सरकार नहीं बनी कर्नाटक में तो मैं एक ही दिन जा पाया पूरी ताकत वहां लगाए बजरंगबली का नारा लगाया लेकिन बजरंगबली हमारे साथ बजरंग दल वाले उनके साथ 300 सीट यूपीए की आएगी |
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज किसके बारे में क्या कहा ?
    मुख्यमंत्री ने आज क्या कुछ कहा ? कल मैंने तो कल मैंने 2 सवाल उठाए थे गणपति और रमन्ना की संपत्ति कुर्क की गई तो उसे f.i.r. से उसका नाम बाहर क्यों किया गया भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता का बयान इसमें नहीं आया अब मेरा दूसरा सवाल है गुडशा उसेंडी उस समय आत्मसमर्पण किया था एनआईए कोर्ट ने आदेश दिया था उसका बयान दिया जाए क्यों नहीं लिया एनआईए ने किसके दबाव में एनआईए है कोर्ट के आदेश के बाद भी एनआईए ने उसका बयान दर्ज नहीं किया दूसरी बात गणपति और गुड़सा उसेंडी दोनों नक्सलियों के पोस्ट हैं किसी व्यक्ति का नाम नहीं है क्या गणपति ने सरेंडर किया है उस व्यक्ति का नाम क्या है और यदि सरेंडर किया है कहां किया है और से नक्सल नीति के तहत क्या उसे बेनिफिट दिया गया है या नहीं दिया गया है यह दो सवाल है आज भारतीय जनता पार्टी बार-बार मुझसे पूछती है जेब में है प्रमाण बताएं मैं प्रमाण दे रहा हूं बताएं भारतीय जनता पार्टी के लोग अभी तक पूरी के प्रवक्ता बने हुए थे एनआईए के भी प्रवक्ता बने। कल नीति आयोग की बैठक है उसमें शामिल होऊंगा प्रदेश के बहुत सारे जलवंती मुद्दे हैं उसके बारे में वहां बात रखी थी जाएगी । लगातार हम लोग जीएसटी क्षतिपूर्ति की बात कर रहे हैं उसे बढ़ाने की बात है जो कॉल रॉयल्टी है हमारा जो पैसा रुका हुआ है उसको वापस करने की बात है अभी तक के उसके रॉयल्टी दर में वृद्धि करने की बात थी 3 साल में जो होना था नहीं हुआ है उसी प्रकार से पीडीएस का हमें करीब 1000 करोड रुपए लेना है वह राशि हमको मिले और दूसरी बात यह है कि सारी योजनाओं में 90-10 का होता था कई योजनाएं शत-प्रतिशत भारत सरकार की होती थी 75-25 का होता था अब तो 60- 40 या 50-50 का अधिकांश योजनाएं हैं उसमें कि जब 50% केंद्र सरकार दे रही है 50% राज्य सरकार दे रही है तो फिर नाम केंद्र सरकार ही क्यों तय करें नाम तो राज्य सरकार के साथ मिलकर तय करना चाहिए जैसे प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन 50 परसेंट राज्य सरकार दे रही है नाम भी प्रधानमंत्री और राज्य सरकार का होना चाहिए नाम सम्मिलित रूप से तय होना चाहिए राशि आधा राज्य सरकार दे रही है तो नाम भी तय करने का अधिकार होना चाहिए तो ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिसको रखे जाएंगे। वहां जब चर्चा चलेगी 10:00 से बैठक है शाम को 4:00 बजे तक चलेगी तो बहुत सारी बातें आएंगी उसमें चर्चाएं होंगी और ज्वलंत मुद्दों पर भी बातचीत होगी और उसमें डिस्कस क्या निकलेगा यह तो कल के बाद ही पता चलेगा। *संसद भवन को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उस पर मुख्यमंत्री ने कहा* इनके जो प्रवक्ता है श्रीवास जी उसका ट्वीट में देख रहा था विधानसभा का उद्घाटन किया गया शिलान्यास किए हैं उद्घाटन नहीं पहली बात तो यह है दूसरी बात उस में विपक्ष शामिल हुआ था कि नहीं हुआ था धरमलाल कौशिक जी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष का शिला पट्टिका में नाम भी है मंच में भी से उसको भाषण भी दिलवाए तो उसकी उपस्थिति थी और उसकी सहमति से बनी यहां तो विपक्ष को पूछना भी नहीं है दिल्ली में दिक्कत तो यह है विपक्ष से बातचीत की नहीं है यहां बातचीत करके ही सब चीज तय हुआ है विधानसभा से और वहां कोई बातचीत भी नहीं तो दोनों में अंतर बहुत है। *शराब घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा* कोर्ट गए हैं जाने वाले राज्य सरकार भी गई है सबसे पहली बात यह है कि जब तक ईसीआईआर नंबर नहीं होगा जब तक पीडीके डिफेंस नहीं होगा तब तक के ईडी कार्यवाही नहीं कर सकती है शराब वाले मामले में कोई f.i.r. नहीं है केवल उन्हीं मुद्दों को लेकर वह जो रेड डाला था आईटी ने 2020 में जितने भी डिसलर है अधिकारी हैं और भी जो लोग हैं उसके खिलाफ आईटी ने रेड किया था आई,टी में डिसलर जो है सारे वह शपथ दिए थे उनका शपथ पत्र है कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है और शपथ पत्र में सारी बातें हैं उन्हीं डिसलर से ईडी पूछताछ कर रही है और और कह रहे हैं सब गड़बड़ियां हैं तो या तो वह शपथ पत्र सही हैं तो यह गलत है यदि यह सही है तो वह शपथ पत्र गलत है आखिर सेंट्रल एजेंसी आईटी भी है और आईटी ने 2020 में जब जांच किए थे तो उसमें सारे शपथ पत्र लिखे गए हैं इन्हीं लोगों ने अब वह सारे उलट है इसका मतलब यह है कि आप मारपीट करके डरा धमका कर के आप कर रहे हैं अभी त्रिलोक ढिल्लों को गिरफ्तार किए जेल भेज दिए उसके पास क्या था मीडिया में पता चला कि उसके पास 25 करोड़ की एफडी थी ईनसिक्योर्ड लोन लिया था वह ऑन पेपर है उसको आप गिरफ्तार कर रहे हैं और वही 1डिस्लर के यहां छापा डालते हैं और 26 करोड़ का आप जेवर पकड़ते हैं वह गवाह बने हुए हैं यह आईडी के काम करने का तरीका है तो यदि पहले कोई लाभ की स्थिति में है तो वह डिसलर है। क्योंकि वही से बोतल बदली हो रहे हैं वहीं से होलोग्राम चेंज होना है वहीं पर बिना टैक्स के बोतले निकलेंगे कहां से निकलेगी फैक्ट्री से तो सबसे पहले फायदा किसको हुआ डिसलर को डिसलर सब गवाह बने हुए हैं यह आईडी के काम करने का तरीका है यही सवाल है एडी के जितने भी कार्यवाही या है वह खुद ही अपने आप में प्रश्नवाचक चिन्नू छोड़कर जा रहे हैं इसका मतलब यह है कि आप का मेला फाइट इंटरेस्ट है आप दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही कर रहे हैं आप निष्पक्ष होकर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं नहीं तो सबसे पहले डिशलर अंदर होना था। *मामले में मुख्यमंत्री ने कहां* छत्तीसगढ़ में प्राइवेट माइंस है कितने एक जिंदल का है एक साडा का है दो प्राइवेट हैं दो राज्य सरकारों के हैं एक राजस्थान गवर्नमेंट का है एक छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट का है बचत सभी एसईसीएल का है यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो बिना एसईसीएल के अधिकारियों के बिना कैसे हो सकता है तो आप एक से भी नहीं पूछ रहे हैं खदान किसके पास है सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है वहां से गाड़ियां किस की देखरेख में निकलती है एसईसीएल के खदान उसका है तो किससे आप ने पूछा एक से भी सवाल पूछे हैं तो आप का उद्देश्य केवल राज्य सरकार को बदनाम करना है अधिकारियों को बदनाम करना लोगों को बदनाम करना सरकार को बदनाम करना और लोगों को प्रताड़ित करना। *अमित शाह ने एक बयान दिया है 300 सीटों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनेंगे* वह तो छत्तीसगढ़ में आए थे 65 प्लस की बात बोले थे 68 सीट हम जीते थे झारखंड भी वहां गए थे हम लोग आमने-सामने थे वहां भी गए हिमाचल मैं पूरा नड्डा जी प्रधानमंत्री जी गृह मंत्री जी सारे लोग गए वहां उसकी सरकार नहीं बनी कर्नाटक में तो मैं एक ही दिन जा पाया पूरी ताकत वहां लगाए बजरंगबली का नारा लगाया लेकिन बजरंगबली हमारे साथ बजरंग दल वाले उनके साथ 300 सीट यूपीए की आएगी |
  • SC ने दी अंतरिम जमानत - सत्येंद्र जैन 6 सप्ताह के लिए जेल से आएंगे बाहर

    नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है| सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 6 हफ्तों के लिए जमानत दी है |सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान सत्येंद्र जैन मीडिया में कोई भी बयान नहीं देंगे| सुप्रीम कोर्ट ने कहा सत्येंद्र जैन को अपनी मेडीकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा करानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सत्येंद्र जैन को दिल्ली एनसीआर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 11 जुलाई तक की अंतरिम जमानत दी है. मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी और उनसे मेडिकल रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है.

  • छत्तीसगढ़ में ED नें अब तक 121 करोड़ की संपत्ति की अटैच :  ट्वीट कर दी जानकारी

    ED ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है।

     

     

    ED has attached 119 immovable assets worth ₹121.87 Crore in respect of Anil Tuteja, Anwar Dhebar, Arunpati Tripathi and others in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. Total seizure and attachment in the case stand at approx. Rs 180 Crore. pic.twitter.com/8Vwt5m1F4L

    — ED (@dir_ed) May 22, 2023

     

    शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं। 15 मई को ईडी ने कहा था, शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए : ईडी ने लोक सिंह ढिल्लों की 7.5 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट फीज कर दी थी। 28 करोड के आभूषण भी जप्त किये | 9 मई को ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने की एक और कार्रवाई की थी। ये मामला कोल लेवी में वसूली का है। इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए ईडी की तरफ से ट्वीट पर लिखा गया कि प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51.40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है। यह बरामदगी रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई है। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। ED अफसरों ने दैनिक भास्कर से बताया कि अनिल टुटेजा की 14 संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिसकी कीमत 8.83 करोड़ है। 69 प्रॉपर्टी अनवर ढेबर की है। जिसकी कीमत 98.78 करोड़ है। 3 संपत्तियां विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की है जो 1.54 करोड़ की है। अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ की संपत्ति अटैच हुई है। ED ने अनवर ढेबर की अटैच संपत्तियों में होटल वेनिंग्टन कोर्ट को भी शामिल किया है। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने ईडी की ओर से की गई कार्रवाई के संबंध में कहा कि, उन्हें उनकी संपत्ति जब्त करने की जानकारी ईडी के ट्विटर हैंडल से मिली है। जब उनके वकील ने ईडी के अफसरों से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि ईडी के ट्विटर हैंडल द्वारा अलग जानकारी दी जा रही है। इस तरह ईडी भ्रमित करने का काम कर रही है। देवेंद्र यादव ने ईडी को चुनौती दी है कि अगर उनकी संपत्ति जब्त या अन्य कोई कार्रवाई करना है या उनसे पूछताछ करनी है तो वह खुलकर करें सबके सामने करें। वो ED के दबाव में आने वालों में से नहीं हैं। क्या है प्रापर्टी अटैचमेंट की प्रक्रिया ? ईडी जब किसी संपत्ति को अटैच करती है तो प्रिवेंसन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत करती है। कहा जा सकता है कि प्रापर्टी अटैचमेंट काले धन या धन की होती है, जब ईडी के पास ऐसा करने के समुचित कारण मौजूद होते हैं। इसके बाद संबंधित मामले की जांच होती है। फिर ये मामला अदालत में जाता है, जहां इस पर कार्रवाई शुरू होती है। लेकिन ईडी जब कोई प्रापर्टी अटैच करती है तो उसका मतलब ये नहीं होता कि उसका इस्तेमाल नहीं हो सकता। उसका व्यक्तिगत या कॉमर्शियल इस्तेमाल हो सकता है, बस उसकी खरीद फरोख्त या उस संपत्ति का किसी के नाम पर ट्रांसफर नहीं हो सकता है।

     

     

     

     

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