State News
  • छत्तीसगढ़ी शिक्षित बरोजगार युवा को एक भी पदस्थापना नही मिली है
    छत्तीसगढ़िया बेरोज़गार युवाओं को शिक्षक के ख़ाली पदों में शीघ्र नियुक्ति दे राज्य सरकार- अमित अजीत जोगी
     
    -राज्य में 60,000 सरकारी शिक्षकों के पद खाली हैलेकिन राज्य सरकार ने मार्च 2019 में सिर्फ 14,580 पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया
     
    -
     
    रायपुर. 16.6.20. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेके अध्यक्ष अमित अजीत जोगी ने राज्य सरकार से प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की मांग की है। जोगी ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी ने दवा किया था कि राज्य में 60,000 सरकारी शिक्षकों के पद खाली हैलेकिन राज्य सरकार ने मार्च 2019 में सिर्फ 14,580 पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया जिसमें व्यख्याता शिक्षकसहायक शिक्षकशिक्षकप्रयोगशाला शिक्षकअंग्रेज़ी माध्यम शिक्षकअंग्रेज़ी कला शिक्षकव्यायाम शिक्षक जैसे पदों के लिए आवेदन मंगवाए गए। जोगी ने कहा कि विज्ञापन जारी हुए लगभग डेढ़ साल हो गए हैं लेकिन आज तक एक भी छत्तीसगढ़ी शिक्षित बरोजगार युवा को पदस्थापना नही मिली है। यहाँ तक कि परीक्षा के बाद दस्तावेज सत्यापन के बाद की प्रक्रिया जैसे पात्र-अपात्र लिस्ट और दावा-आपत्ति तिथि भी जारी नही हुई है। कोरोना त्रासदी की वजह से आयी आर्थिक मंदी के समय में शिक्षक भर्ती में शामिल सारे युवा बेरोजगारों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है।
     
    अमित जोगी ने पूछा कि शिक्षक भर्ती में हो रहे विलंब से हर छत्तीसगढ़िया बरोजगार युवा हताश-परेशान है और इच्छा -मृत्यु की मांग कर रहाऐसे में किसी भी युवा ने कुछ अनुचित कदम उठा लिया तो उसका जिम्मेदारी कौन लेगाआज भी पूरा प्रदेश स्वयोगेश साहू को भूला नही है जिन्होंने पूर्ववती सरकार के समय बरोजगारी से त्रस्त होकर मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह कर लिया था। अमित जोगी ने सवाल किया कि जब राज्य सरकार दावा कर रही है कि सरकार के कुशल प्रबंधन ने कोरोना महामारी से आयी मन्दी में छत्तीसगढ़ को आर्थिक संकट से बचा लिया है तो फिर क्यों वित्त विभाग शिक्षक भर्ती के लिए पहले से ही आवंटित बजट को पास करने की अनुमति नही दे रहा?
     
    अमित जोगी ने कहा कि कोरोना के कारण जो शिक्षित युवा प्राइवेट नौकरी कर रहे थेउनमें से भी बहुतों की नौकरियां उनसे छिन गयी जिससे उन युवाओं जिन पर उनका पूरा परिवार आश्रित हैके पास जीवनयापन का कोई साधन नही है।
     
    अमित जोगी जी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि शिक्षित युवा बेरोजगारों के लिए अपने किये हुए वादों को पूरा करते हुए डेढ़ साल से भी लंबी चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करते हुए शिक्षित बेरोज़गारों को रोज़गार दें। वित्त विभाग द्वारा रोके गए शिक्षक भर्ती के लिए आवंटित बजट को पास करके जल्द से जल्द उन छत्तीसगढ़ी शिक्षित युवा बरोजगारों के चेहरों में खुशी लाये।
     
    विज्ञापन जारी हुए लगभग डेढ़ साल हो गए हैं लेकिन आज तक एक भी छत्तीसगढ़ी शिक्षित बरोजगार युवा को पदस्थापना नही मिली है
     
    -वित्त विभाग शिक्षक भर्ती के लिए पहले से ही आवंटित बजट को पास करने की अनुमति नही दे रहा?
     
    -कोरोना त्रासदी की वजह से आयी आर्थिक मंदी के समय में शिक्षक भर्ती में शामिल सारे युवा बेरोजगारों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है
     
    राज्य सरकार चुनाव पूर्व किये गए वायदे को पूरा करे ताकि प्रदेश में कोई शिक्षित युवा बेरोज़गार दूसरा स्व. योगेश साहू बनने पर विवश  हो
  • प्रदेश के लिए राहत की खबर...अलग-अलग अस्पतालों से 70 मरीज हुए स्वस्थ
    बिलासपुर। बिलासपुर जिले के 40 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ हुए हैं, इन मरीजों में रेलवे कोविड अस्पताल से 30 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं, वहीं NTPC हॉस्पीटल से 10 मरीज स्वस्थ होकर घर भेजे गए हैं। वहीं अंबिकापुर से भी 11 मरीज स्वस्थ हुए हैं, उन्हे आज डिस्चार्ज किया गया है।
  • छत्तीसगढ़ में 15 नए कोरोना मरीजों की हुई पहचान…स्वास्थ्य विभाग ने की पुष्टि
    रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज शाम 7 बजे तक 15 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसमे गरियाबंद- 6, भिलाई- 4, नारायणपुर- 2, राजनांदगांव- 2 और रायपुर जिले से 1 शामिल है। वहीं रायपुर से 11 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं। इनके अलावा अंबिकापुर से भी 11 मरीज और बिलासपुर से 40 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर 62 मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है।
  • छत्तीसगढ़ के इस जिले में एक साथ मिले 29 नए कोरोना पॉजिटिव...CMHO ने की पुष्टि

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना का कोहराम लगातार जारी है। प्रदेश के बलौदाबाजार जिले में एक साथ 29 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है।बलौदाबाजार CMHO खेमराज सोनवानी ने इसकी पुष्टि की है। वहीँ नए केस मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

  • छत्तीसगढ़ में मिले 4 नए कोरोना मरीज…डीएम ने की पुष्टि

    नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात ITBP के दो और जवानों के कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दोनों जवान हाल ही में गुजरात से लौटे थे। वहीं राजधानी रायपुर में दो और नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई है. बताया दोनों कोरोना पॉजिटिव महिला के पति पुलिस विभाग में पदस्थ है. नारायणपुर कलेक्टर अभिजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि इससे पहले कोंडागांव में दो और जवान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया था।

  • छत्तीसगढ़: अब जाती प्रमाण पत्र बनाना होगा आसान… नही लगाने होंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

    कबीरधाम: जिले में जाति प्रमाण पत्र बनवाना आसान होगा। इस योजना के तहत घर के किसी भी सदस्य का अगर पहले से ही जातिप्रमाण पत्र है, तो बाकि सदस्यों को पटवारी और दूसरे सरकारी कार्यालयों का चक्कर प्रमाणपत्र बनवाने के लिए काटना नहीं होगा।मिली जानकारी के अनुसार अगर घर में किसी भी एक सदस्य का अगर जाति प्रमाण और निवास प्रमाण पत्र बना होगा तो उसी को आधार मानते हुए घर के सभी सदस्यों के नाम से जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।शुरुआत में इस योजना को कबीरधाम जिले के दो गांवों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर के शुरू किया गया है। अगर यह सफल होता है तो आने वाले कुछ ही दिनों में पूरे जिले में इसी आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

    ऐसे में हर साल स्कूल खुलने के समय और किसी भी नौकरी के लिए आवेदन करने पर घर के हर सदस्य को एक ही प्रोसेस से गुजरना पडता है, जिससे इस लंबी प्रक्रिया से छूटकारा मिलेगा।

  • तिल्दा विकासखंड के ग्राम छड़िया कंटेंटमेंट जोन घोषित...मेडिकल इमरजेंसी के अतिरिक्त किसी अन्य कारणों से बाहर निकलना प्रतिबंधित
    रायपुर। भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार जिला रायपुर मे तिल्दा विकासखंड के ग्राम छड़िया में नया कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के फलस्वरुप उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।अपर कलेक्टर ने ग्राम छड़िया कंटेंटमेंट जोन में पूर्व में चुहिया तालाब एवं खुला परिसर,पश्चिम में लखन वर्मा का मकान,उत्तर में श्लक्ष्मीनारायण कोसले का मकान और दक्षिण में सतनाम चौक को कंटेंटमेंट जोन घोषित किया है। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत प्रवेश अथवा निकास हेतु केवल 01 द्वार होगा। जिसमें तैनात पुलिस अधिकारी, फिजिकल डिस्टेंसिग सुनिश्चित करते हुए मेडिकल इमरजेंसी या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु आवागमन करने वाले सभी व्यक्तियों का विवरण एक रजिस्टर में दर्ज लिया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी दुकानें, ऑफिस एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त पूर्णतः बंद रहेंगें। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में होम डिलीवरी के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी हेतु विधिवत परिवहन अनुमति इंसीडेंट कमांडर द्वारा दी जाएगी। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारण से कन्टेनमेंट जोन या मकान के बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। केवल मेडिकल इमरजेंसी की दशा में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर के द्वारा पास जारी कर इंसीडेंट कमांडर को सूचित किया जाएगा। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में संलग्न व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिग तथा सेनिटाईजेशन सुनिश्चित करते हुये कन्टेनमेंट जोन में प्रवेश कर सकेंगें। अन्य किसी भी व्यक्ति को कन्टेनमेंट जोन से बाहर निकलना अथवा अन्दर आना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन में उपरोक्तानुसार लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने हेतु संबंधित थाना प्रभारी उत्तरदायी होगे। कन्टेनमेंट जोन में शासन की गाईडलाईन अनुसार व्यवस्था बनाये रखने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर के द्वारा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार कान्टेक्ट ट्रेसिंग, स्वास्थ्य निगरानी तथा सैम्पल की जांच इत्यादि आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
  • छत्तीसगढ़: 12 साल की लड़की की मौत…क्वारंटाइन सेंटर में तोड़ा दम...सूचना के बाद भी नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
    मुंगेली । जिले के बावली गांव के क्वारंटाइन सेंटर में 12 साल की लड़की की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि लड़की की तबीयत पिछले तीन दिन से खराब थी, जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। लेकिन वे नहीं पहुंचे। अंतत: सोमवार शाम लड़की की सांसें थम गई। फिलहाल मामले में कार्रवाई जारी है। मिली जानकारी के अनुसार मामला पथरिया ब्लाक के बावली गांव का है, जहां क्वारंटाइन सेंटर में बाहर से आए लोगों को रखा गया है। कल शाम यहां एक 12 साल की लड़की की मौत हो गई।
  • BIG BREAKING: छत्तीसगढ़ में अब तक 9 कोरोना संक्रमित की मौत… प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 928
    रायपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है कि आज 16 जून सुबह 6 बजे तक प्रदेश में कुल 1768 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके है। जिनमे से 928 मरीजों का इलाज प्रदेश के अलग अलग कोविड अस्पतालों में हो रहा है। वही स्वास्थ्य मंत्री ने एक बुरी खबर भी सांझा की है कि प्रदेश में एक और कोरोना संक्रमित की मौत हो गई है। आपको बता दे कि प्रदेश में अब तक 831 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये जा चुके है। TS SINGH DEO @TS_SINGHDEO SHARING THE UPDATED REPORT OF COVID-19 IN CHHATTISGARH, UP TILL MORNING TODAY. EXTREMELY SAD TO HAVE LOST ONE MORE PERSON TO THE COVID PANDEMIC. WE WILL HOWEVER CONTINUE TO CARE FOR THE PEOPLE OF CHHATTISGARH WITH RENEWED COMMITMENT.
  • हर गांव-हर गौठान में रोका-छेका के लिए होगी बैठक : पशुओं की खुले में चराई पर रोक लगाने ली जाएगी शपथ

    मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को जारी किए निर्देश

     

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने खरीफ फसलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खुले में पशुओं की चराई पर रोक लगाने के लिए ग्रामवासियों से रोका-छेका के लिए बैठक कर 19 जून से इस व्यवस्था को लागू करने की अपील की है। जिसके तहत मुख्य सचिव  आर. पी. मण्डल ने सभी जिलों के कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आगामी 19 जून तक सभी गांवों और गौठानों में वहां के पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी, गणमान्य नागरिक और चरवाहा मिलकर रोका-छेका की व्यवस्था को लागू करने के संबंध में आवश्यक निर्णय लेकर इस व्यवस्था को लागू करें। रोका-छेका की व्यवस्था से अन्य फसलों के लेने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
          मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कहा है कि आगामी बुवाई के मौसम के मद्देनजर रोका-छेका की परंपरा बहुत प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में पशुओं द्वारा खुले में चराई पर रोक लगाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए 19 जून तक सभी गांवों और गौठानों में रोका-छेका की व्यवस्था के लिए बैठकें आयोजित कर स्थानीय पशुपालक सामुदायों द्वारा प्रतिज्ञा ली जाए कि वे अपने मवेशियों को खुले में चरने नहीं देंगे।
    मुख्य सचिव ने कहा है कि इसके साथ ही पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि सभी गौठानों में पशुओं की देखभाल के लिए सभी जनपद पंचायतों को आवश्यक निर्देश दिए जाए। मुख्य सचिव ने सभी सचिवों से भी कहा है कि वे अपने प्रभार वाले जिले के कमिश्नरों और कलेक्टरों से बात कर रोका-छेका के संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री 20 जून को स्वयं इसकी समीक्षा करेंगे।

  • बड़ी खबर : सूरजपुर के लापता भाजपा नेता की टुकड़ों में मिली लाश...परिजनों ने पहले ही जताई थी हत्या की आशंका

    सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से बड़ी खबर सामने आई है। यहां किसान मोर्चा का मंडल अध्यक्ष रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे । मंगलवार सुबह बीजेपी नेता की टुकड़ों में लाश मिली है। शिवचरण काशी का धड़ पुलिस को मिला है, सिर की तलाश पुलिस कर रही है।बीजेपी नेता शिवचरण काशी 14 की रात को घर के बाहर से लापता हो गए थे। परिजनों ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज कराई थी।पालस गांव से बीजेपी नेता शिवचरण काशी लापता होने के जानकारी परिजनों ने दी थी है। शव मिलने के पहले ही परिजनों ने उनकी हत्या करने का आरोप लगाया था । जानकारी के मुताबिक शिवचरण काशी का कुछ लोगों से जमीन विवाद चल रहा था।

    परिजनों ने कुछ संदिग्ध लोगों के नाम पुलिस को बताए थे। हालांकि पुलिस पूछताछ जरुर कर रही थी,पर शिवचरण की कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी थी। बीजेपी किसान मोर्चा केका मंडल अध्यक्ष शिवचरण काशी की टुकड़ों में लाश मिलने पर इलाके में सनसनी फैल गई है। भारी पुलिसबल मौके पर मौजूद है।

  • प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल जिम्मेदारी करे स्वीकार
    मोदी सरकार ने मजदूरों के रेल किराये में 85 प्रतिशत सब्सिडी नहीं दी
     
    मजदूरों से 50 रू. से 100 रू. अतिरिक्त किराया वसूला गया
     
    श्रमिक स्पेशल ट्रेने अव्यवस्था और कुप्रबंधन का शिकार रही
     
    प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल जिम्मेदारी करे स्वीकार 
     

     श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अव्यवस्था कुप्रबंधन मजदूरों से ज्यादा किराया लेने के आरोप लगाते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सब्सिडी तो दूर की बात है, मोदी सरकार ने वास्तव में श्रमिक ट्रेनों के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूला है। करोना आपदा के समय केन्द्र की मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह से गलत आपत्तिजनक एवं जनविरोधी रहा है। मोदी सरकार के कुप्रबंधन और गलत फैसलों का खामियाजा पूरे देश ने और खासकर गरीब मजदूर किसान, मध्यम वर्ग, निजी नौकरी करने वालों, व्यापार जगत और उद्योग जगत ने भुगता है।  
    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केंद्र सरकार का दावा पूरी तरह से गलत है कि वह श्रमिक ट्रेनों के किराए में 85 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। राज्य सरकारों और मजूदरो से भी श्रमिक ट्रेनों के किराए के लिए प्रति श्रमिक अतिरिक्त शुल्क लिया गया है। भाजपा सरकार और संगठन द्वारा किया जा रहा रेल किराये में 85 प्रतिशत सब्सिडी का आंकड़ा बिल्कुल गलत और निराधार है। केन्द्र सरकार अब यह स्पष्ट करे कि किस आधार पर 85 प्रतिशत किराया कम लेने का दावा किया जा रहा है?
    छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए गए शपथ पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 श्रमिक ट्रेनों के लिए 38,331,330 रू. भारतीय रेल को दिए हैं। केन्द्र सरकार ने तो मजदूरों को न केवल पूरा किराया बल्कि सामान्य किराए से भी ज्यादा किराया देने के लिए मजबूर किया।
    तिरुअनंतपुरम में, केरल से अंबिकापुर के लिए चलाई गई ट्रेन का कुल किराया 13 लाख रू., 12 सौ पैसेंजर हेतु लिए गए। अर्थात 1083 रू. प्रति पैसेंजर। जबकि मेल/एक्सप्रेस ट्रेन(स्लीपर) में 2675 किलोमीटर का किराया 813 रू. निर्धारित है।
    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सरकार द्वारा निशुल्क भोजन पानी दिए जाने का दावा भी झूठ है। 50 से 100 रू. अतिरिक्त सामान्य किराए से अधिक वसूले गए है। इसके बावजूद भोजन पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई। अनेक मजदूर ट्रेनों में सड़ा खाना बासी खने की शिकायतें मिली और भूखे मजदूरों को खाना फेकना पड़ा। जिन मजूदरों को ट्रेनों में खाना दिया गया वह भी अपर्याप्त था।
    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अतिरिक्त किराए और भोजन की अव्यवस्थाओं के अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और कई बार मार्ग से भटकी भी। वसई (मुंबई) से गोरखपुर के लिए चली ट्रेन, 700 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में राउरकेला पहुंच गई थी। अहमदाबाद से चांपा के लिए चली ट्रेन 27 मई को छत्तीसगढ़ पहुंची, श्रमिकों की शिकायत थी की, 26 घंटे के सफर में उन्हें केवल एक बार भोजन दिया गया।
    केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गलत दावा किया है कि ट्रेनें भटकी नहीं थी बल्कि रेल लाइनों की व्यस्तता के कारण उन्हें डायवर्ट किया गया था। यह दावा इसलिये भी गलत है क्योंकि लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में रेल लाइनें अधिक व्यस्त होती थी।
    सामान्य दिनों में भारतीय रेल 13,000 पैसेंजर ट्रेन चलाती है, जबकि पिछले महीने केवल 4000 श्रमिक ट्रेनें ही चलाई गयीं।
    आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण मालवाहक ट्रेनें भी पहले की तुलना में बहुत कम चलाई जा रही हैं। इसलिये रेल्वे लाईनों की व्यवस्तता की बात पूरी तरह से गलत है।